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‘गुजरात फाइल्स’ की लेखिका राणा अय्यूब को क्यों मिल रही बलात्कार और जान से मारने की धमकी !

ब्यूरो रिपोर्ट।
किसी का किसी से भी वैचारिक मतभेद संभव है। इसका अर्थ यह कतई नहीं कि आप गाली-गलौज पर उतर आएं। गुजरात दंगे पर ‘गुजरात फाइल्स’ नामक पुस्तक लिखने वाली अंतरराष्ट्रीय मामलों की पत्रकार राणा अय्यूब के साथ इनदिनों यही हो रहा है। कश्मीर से संबंधित उनकी टिप्पणियों को लेकर नफरती गैंग न केवल उनके पीछे पड़ा है। बलात्कार से लेकर हत्या तक की धमकियां दी रही हैं। इस मामले में संज्ञान लेते हुए मुंबई पुलिस ने राणा अय्यूब के बयान कलमबंद किए हैं।
 राणा अय्यूब निडर होकर अपनी बातें रखने के लिए जानी जाती हैं। गुजरात दंगे की सच्चाई उधेड़ती उनकी ‘गुजरात फाइल्स’ इसका बेहतर उदाहरण है। वह वॉशिंटन पोस्ट, टाइम, गार्जियन, न्यू यॉर्क टाइम्स जैसे प्रतिष्ठि विदेशी अखबार एवं मैगज़ीन के लिए लिखती हैं। साथ ही सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहती हैं। इनदिनों वह बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में कोरोना से बेरोजगार और बेसहारा हो चुके लोगों के लिए राहत सामग्री वितरण में लगी हैं।  इसी बीच उन्हें मां, बहन की गालियां भी सुनने को मिल रही हैं। उन्हें पाकिस्तानी और आतंकवादियों की नाजायज औलाद कहा जा रहा है। उनके सोशल मीडिया के तमाम एकाउंट पर भद्दी, निंदनीय और आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही हैं। ‘हिंदू राष्ट्र’ के एकाउंट से उन्हें गौरी लंकेश याद है न, जल्द ही तू भी 72 हूरों के पास पहुंच जाएगी, देशद्रोही पिशाचिन आतंकवादियों की नाजायज औलद जैसी धमकियों एवं विशेषणों से नवाजा गया है।


  यूं तो राणा अय्यूब की निर्भीक, निडर टिप्पणियां देश के नफरती गिरोह के लिए हमेशा परेशानी का सबब रही हैं। मगर ताजा मामला कश्मीर से संबंधित है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर इससे संबंधित कुछ बातें रखी हैं। उन्होंने हाल में सीआरपीएफ-आतंकवादी मुठभेड़ में बुजुर्ग बशीर खान की मौत पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। हो सकता है राणा अय्यूब के विचारों से सभी सहमत न हों या फिर उनके उठाए सवालों का जवाब उचित फोरम से दिया जाए। यह न होकर, नफरती गैंग पिछले तीन दिनों से उनके पीछे पड़ा है। उनको लेकर गंदी-गंदी गालियां निकाली जा रही हैं। उनके सोशल मीडिया एकाउंट के इनबॉक्स और टाइम लाइन पर बलात्कार और हत्या तक की धमकियां दी जा रही हैं।


  हालांकि, उनके विरोधियों को जवाब देने के लिए देश-विदेश से कई लोग सामने आए हैं। उनमें कई नामचीन शख्सियत भी हैं। फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने इस मसले पर ट्वीट कर कहा है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय पत्रकार जिम कलेंसी ने अफसोस जताते हुए कहा है कि एक महिला पत्रकार को इतनी ज्यादा नफरत झेलनी पड़ रही है। पाकिस्तान के चर्चित पत्रकार हामिद मीर ने भी घटना पर अफसोस जताते हुए इसे खतरनाक बताया है। शुभाकृष्ण राव ने इस मसले पर राणा अय्यूब का समर्थन किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए नवीं मुंबई पुलिस ने संबंधित थाने को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं। उधर, राणा अय्यूब ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि इस मामले में नवीं मुंबई के कोपारखैराने थाने के अधिकारियों ने उनसे मुलाकात की। उनके बयान कलमबंद किए। आश्चर्य की बात है कि इस मामले में मेन स्ट्रीम मीडिया तो छोड़िए, सेक्यूलर पार्टियों द्वारा संचालित अखबारों में भी इस बारे में एक लाइन की खबर नहीं है।

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संपादक

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