हरियाणा पुलिस के सितारा हैं मोहम्मद अकील, बने डी जीपी क्राइम
ब्यूरो रिपोर्ट।
हरियाणा के ‘सिंगापुर’ से चर्चित गुड़गाँव के पुलिस कमिश्नर मोहम्मद अकील पदोन्न्त कर पुलिस महानिदेशक, अपराध बनाए गए हैं। पुलिस जगत में उनकी पहचान सौम्य, ईमानदार, कर्मठ और अपराधियों व आतंकवादियों की शामत के तौर पर है। उन्हें हरियाणा पुलिस का सितारा कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
मोहम्मद अकील स्वभाव से इतने विनम्र हैं कि मस्जिदों में जब भी नमाज पढ़ने जाते हैं, पीछे की पंक्ति में बैठते हैं। इस दौरान उनके साथ कोई लाव लश्कर भी नहीं होता। हरियाणा के अब तक के अपने कार्यकाल में उन्होंने अपराध और आतंकवाद से जुड़े कई जटिल एवं गंभीर मसले हल किए हैं। गुड़गाँव कमिश्नर रहते एक बार बरकत आलम नामक एक युवक के चलते शहर में हंगामे की स्थिति पैदा हो गई थी। हुआ यह था कि एक रात बरकत जब शहर की जामा मस्जिद से नमाज पढ़कर घर लौट रहा था, उसके साथ पांच, छह लोगों ने मार-पीट की। उसे जय श्रीराम के नारे लगाने और टोपी नहीं पहनने को मजबूर किया। यह बातें जब उसने अपने लोगों को तबाईं शहर में तनाव हो गया। मोहम्मद अकील ने इस मामले को खुद ही टैकल किया और बहुत समझदारी और शांतिपूर्णक तरीके से विवाद को समाप्त करा दिया।
पिछले दो-तीन वर्षों में गुड़गांव के कुछ नफरती लोगों ने कई बार सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की है। यहां तक कि कॉलोनियों और सड़कों पर नमाज पढ़ने वालों को रोका गया। उनके साथ अभद्रता की गई। मगर सारे मामले मोहम्मद अकील बड़ी होशियारी से गुड़गांव पुलिस कमिश्नर रहते निपटाते रहे। हरियाणा पुलिस को तकनीकी, सामाजिक और विभागीय तौर पर मजबूत करने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान है। यहां तक कि वह उत्तर प्रदेश पुलिस की भी इस मामले में सहायता करते रहते हैं। उनके बेहतर काम को देखते हुए ही हरियाणा सरकार ने उन्हें तरक्की देकर अपराध का पुलिस महानिदेश बनाया है। इससे पहले वह गुड़गाँव पुलिस कमिश्नर के साथ एडीजीपी थे। अब इनके पास पुलिस महानिदेशक के साथ हरियाणा के अपराध रिकार्ड ब्यूरो के निदेशक पद का भी अतिरिक्त पदभार होगा। उनके पदोन्नति पर समाज के विभिन्न वर्गों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।
एक नजर में मोहम्मद अकील
-बहुआयामी प्रतिभा के धनी व अच्छे इंसान
– आतंकवादियों व अपराधियों के काल
– जनवरी 1966 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के हरदुआगंज में जन्मे
-मैट्रिक व पी यूसी फर्स्ट डिवीजन से पास किया
-अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय केे सिविल इंजीनियरिंग में टॉपर
– एम टेक दिल्ली आईआईटी से
– वर्ष 1988 में इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज के लिए चयनित
– वर्ष 1989 में आईपीएस के लिए चयन। हरियाणा कैडर मिला
– वर्ष 1991 में अंबाला एसपी बन
– कुरुक्षेत्र, यमुनानगर , रोहतक, फरीदाबाद आदि में भी इस पद पर रहे।
– कुरुक्षेत्र में 1992 में आतंकवादियों के खिलाफ बड़े अभियान का नेतृत्त्व किया। तीन आतंकी मारे गय। उन्हें वीरता का राष्ट्रपति पदक मिला
-हरियाणा वक्फ बोर्ड के सीईओ भी रहे
– वर्ष 2005 में प्रमोट कर क्राइम ब्रांच (सीआईडी) का डीआईजी बनाया गया
– साल 2006 में सेंट्रल डेप्युटेशन पर रहे -बीएसएफ़ के डीआईजी के तौर पर फिरोजपुर व अमृतसर तैनात किए गए
-2010 में हरियाणा कैडर में वापसी। उन्हें आईजी (लॉ एंड ऑर्डर ) बनाया गया
– हरियाणा पुलिस अकादमी के डायरेक्टर का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला
– 2014 में दोबारा वक्फ बोर्ड के सीईओ व प्रशासक बने
-2014 में एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर ) पदोन्नत
– वर्ष 2016 में हेडक्वार्टर एडीजी और गुरूग्राम के कमिश्नर बने
-उनके आलेख अमेरिकन और इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित
नोट : यह वेबसाइट आपकी आवाज है। इसे बुलंदी देने के लिए आर्थिक सहयोग दें। डिटेल के लिए ‘डोनेट’ बटन क्लिक करें।