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अमित शाह और उनके बेटे के वकील बने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल, मुस्लिम अधिवक्ताओं को तरजीह नही

ब्यूरो रिपोर्ट।
मोदी सरकार द्वारा एडिशनल सॉलिसिटर जनरल की नियुक्ति, नए विवाद को जन्म दे सकती है। इस सूची में सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में गृह मंत्री अमित शाह के वकील सूर्य प्रकाश राजू और वेबसाइट ‘द वायर’ पर मानहानी मामले में उनकेे बेटे जय शाह के वकील ऐश्वर्या भाटी का नाम तो शामिल है, पर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के लिए कुल नौ एडिशनल सॉलिसिटर जनरल की नियुक्ति करते समय किसी मुस्लिम अधिवक्ता को इस लायक नहीं समझा गया। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल की नियुक्ति की सूची 29 जून को जारी की गई है। इसके मुताबिक, तुषार मेहता अगले तीन वर्षों के लिए फिर सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किए गए हैं। इसी तरह सुप्रीम कोर्ट के पांच और हाई कोर्ट के दो एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को भी अगले तीन वर्षों के लिए दोबारा नियुक्त किया गया है।



इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के लिए छह और हाई कोर्ट के लिए पांच वरिष्ठ वकीलों को एडिशनल सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया है, जिनमें अमित शाह और उनके बेटे की अगल-अलग मामले में पैरवी करने वाले वकीलों के नाम तो हैं, पर किसी मुसलमान को इस लायक नहीं समझा गया। ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि क्या कोई मुस्लिम वकील इस लायक नहीं है या यह सरकार का पूर्वाग्राह ?
  इस मामले में विदेशी मामलों के पत्रकार साकेत गोखले ने ट्वीटर पर मोदी सरकार की नियुक्ति सूची साझा की है। सूर्य प्रकाश राजू और ऐश्वर्या भाटी के नाम पर जबरदस्त प्रतिक्रियाएं आई है। खबर लिखने तक सूची को 1.4 हजार लोगों ने रिट्वीट और 2.5 हजार लोगों ने लाइक किया था। लक्ष्य आनंद, बदर महमूद, भवानी सिंह, इम्तियाज आदि ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। एक नेे इसे ‘बिक गया न्याय’ बताया है।


साकेत गोखले के ट्वीटर हैंडल पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की बिना हेल्मेट और बिना मास्क के सुपर बाइक की ‘सवारी’ वाली तस्वीर साझा करने पर भी ढेरों प्रतिक्रियाएं आई हैं।

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