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पैगंबर साहब के अपमान की पिछली घटनाओं की याद दिलाकर असम के मुख्यमंत्री सरमा कहीं फिर तनाव तो नहीं पैदा करना चाहते ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,जयपुर

पिछले साल बीजेपी की एक नेता द्वारा पैगंबर साहब के अपमान के बाद देश में कई निर्देश लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस महीने की 28 तारीख को ईद मिलाद उन नबी यानी पैगंबर साहब का जन्मदिन है. ऐसे मौके पर पुरानी घटनाओं की याद दिलाकर असम के बड़बोले मुख्यमंत्री हेमंता बिस्व सरमा देश में फिर तनाव पैदा करने की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं ? यह सवाल उनके एक बयान से उठने लगा है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यहां गुरुवार को कहा कि अगर उनके राज्य में कन्हैया लाल की हत्या जैसी घटना हुई होती, तो वह 10 मिनट के भीतर हिसाब बराबर कर देते. इसका क्या मतलब है ? इसपर कई लोगों ने नाराजगी जताई है.

कोटा के नयापुरा स्टेडियम में गुरुवार दोपहर में परिवर्तन यात्रा रैली को संबोधित करते हुए सरमा ने कहा रू “अगर असम में कन्हैया लाल की हत्या जैसी घटना होती, तो मैं 10 मिनट के भीतर हिसाब बराबर कर देता. कुछ ही मिनटों में टीवी पर दूसरी घटना की खबर प्रसारित हो चुकी होती, लेकिन अशोक गहलोत जैसे लोग सिर्फ कुर्सी पर बैठे हैं, कुछ नहीं कर रहे हैं.“

पेशे से दर्जी कन्हैया लाल की कथित तौर पर इस्लाम का अपमान करने के आरोप में जून 2022 में उदयपुर में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. एनआईए ने पिछले साल दिसंबर में इस मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.

इस कृत्य को फिल्माने वाले और इस्लाम के अपमान का बदला लेने की डींगें हांकने वाले दो लोगों द्वारा की गई भीषण हत्या से उदयपुर और देश के अन्य हिस्सों में तनाव और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था. कैमरे पर दिखे दोनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

सरमा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, मैं 22 साल तक कांग्रेस में था. पार्टी चुनाव से पहले वितरण योजनाएं लाती है, और फिर उनके माध्यम से चुनाव खर्च का ख्याल रखती है. अन्नपूर्णा भोजन पैकेट योजना गरीबों के लिए नहीं है. इसका मतलब किसी की जेब भरना था.

उन्‍होंने कहा, अगर इस योजना का उद्देश्य गरीब लोगों की मदद करना है, तो इसे पांच साल पहले क्यों शुरू नहीं किया गया? लोग कोविड महामारी के दौरान भोजन संकट का सामना कर रहे थे. चुनाव के दो दिन बाद ये सभी योजनाएं बंद हो जाएंगी. राहुल गांधी किस चेहरे के साथ आएंगे राजस्थान? पहले उन्हें गंगा में डुबकी लगानी चाहिए, माफी मांगनी चाहिए और उसके बाद ही राजस्थान आना चाहिए.

अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना इस साल स्वतंत्रता दिवस पर चुनावी राज्य में गहलोत सरकार द्वारा शुरू की गई थी. इस पहल के तहत, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अंतर्गत आने वाले परिवारों को उचित मूल्य की दुकानों से आवश्यक वस्तुओं वाले मासिक अन्नपूर्णा भोजन पैकेट मुफ्त में मिलेंगे.

सरमा ने आगे कहा, हमें चुनाव की चिंता नहीं है. हम चुनाव से ठीक तीन महीने पहले किसी को खुश नहीं करना चाहते. अगर आप विधायकों को होटल में बिठाकर 35 दिनों तक खाना खिलाएंगे तो विधायकों को इसकी आदत पड़ जाएगी.

उन्‍होंने कहा, गहलोत ने बहुत बड़ी गलती की. सचिन पायलट को राहुल गांधी के घर ले जाना चाहिए था. वे दोनों तय कर सकते थे कि सीएम कौन होगा. सीएम बनने के लिए विधायकों को 35 दिनों तक होटल में रखा गया और विधायकों को पता था कि सीएम को ब्लैकमेल किया जा सकता है.

मुख्यमंत्री गहलोत पर हमला करते हुए सरमा ने कहा, ष्गहलोत कहते हैं कि वह राजस्थान को हिंदू राज्य नहीं बनने देंगे. लेकिन राजस्थान में हिंदू हजारों साल से हैं. जब तक चांद और सूरज रहेगा, राजस्थान हिंदू राज्य रहेगा. राजस्थान के लोग कांग्रेस की अनुमति से हिंदू नहीं बने.”

बता दें कि सरमा मुस्लिम विरोधी और हिंदू समर्थक बयान देने में अभी अव्वल राजनेता मानते जाते हैं. इनके कार्यकाल में कई ऐसे विवादास्पद फैसले लिए गए जो सीधे-सीधे मुसलमानों को प्रभावित करते हैं. अब चुनाव के नाम पर इनके विवादास्पद बयान मुसलमानों में बेचैनी पैदा करने लगे हैं.