इजरायल के लिए कथित जासूसी के आरोप में कतर में भारत के 8 पूर्व नौसेना कर्मियों को सजाए-मौत, भारत ने जताया ऐतराज,कपिल सिब्बल बोले- पीएम मोदी हस्तक्षेप करें
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली
पिछले साल से कतर में हिरासत में रहने वाले आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा सुनाई गई है. इसपर जहां भारत ने आपत्ति जताई है, वहीं देश के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है.कपिल सिब्बल ने अपने एक्स पर लिखा, हमारे विश्व गुरु (पीएम मोदी) को हस्तक्षेप करना चाहिए. कतर की एक अदालत ने आठ भारतीय पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुना दी है.
पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा, उन आरोपों पर जवाबदेह ठहराया गया है, जिन्हें कतर के अधिकारियों ने सार्वजनिक भी नहीं किया है. हमारी सरकार को उनकी रिहाई के लिए सभी विकल्प तलाशने चाहिए.कतर अधिकारियों द्वारा इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाने के बाद पिछले साल आठ लोगों को गिरफ्तार किया था.
इन लोगों में सम्मानित अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्होंने एक बार प्रमुख भारतीय युद्धपोतों की कमान संभाली थी. वे दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे. यह एक निजी फर्म है, जो कतर के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण और संबंधित सेवाएं प्रदान करती है.
उनकी जमानत याचिकाएं कई बार खारिज कर दी गई. कतर के अधिकारियों ने उनकी हिरासत बढ़ा दी. गुरुवार को कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने एक फैसला सुनाया. इससे पहले दिन में, भारत सरकार ने गुरुवार को इस खबर पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि वह इसका मुकाबला करेगी.
8 भारतीय नागरिकों को मौत की सजा पर नई दिल्ली को गहरा झटका
इस बीच भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि इस खबर से गहरा झटका लगा है कि कतर की एक अदालत ने आठ भारतीय नागरिकों को मौत की सजा सुनाई है.मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया. इस मामले में कतरी अमीरी नौसेना बलों को प्रशिक्षण प्रदान करने वाली एक निजी कंपनी सुरक्षा फर्म दहरा के भारतीय कर्मचारी शामिल थे.
ये भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं और अगस्त 2022 से हिरासत में हैं. अक्टूबर की शुरुआत में उन्हें कांसुलर प्रदान की गई थी.उन्होंने कहा, मौत की सजा के फैसले से हम गहरे सदमे में हैं. विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं. मंत्रालय ने कहा, हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और हम सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं.
हम इस मामले को बहुत महत्व देते है. इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम फैसले को कतरी अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे.हालांकि आधिकारिक आरोप सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, कतरी और भारतीय मीडिया ने व्यापक रूप से रिपोर्ट दी है कि आठ पूर्व सैनिकों को इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
पिछले साल से, भारतीय अधिकारियों ने बार-बार उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार किया है.विदेश मंत्रालय ने कहा, इस मामले की कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति के कारण, इस समय कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.कतर ने अभी तक गिरफ्तारी और सजा पर कोई सार्वजनिक जानकारी जारी नहीं की है.