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लेबनान और पाकिस्तान में एक दिन में 92 मुसलमानों की मौत, गाजा में इजरायली हमला

मुस्लिम ब्यूरो, दिल्ली/बेरूत।

एक दिन में लेबनान और पाकिस्तान में हुई अलग-अलग घटनाओं में 92 से अधिक मुसलमानों की जान चली गई, जबकि 100 से अधिक घायल हो गए. लेबनान में इजरायली हवाई हमलों ने 55 लोगों की जान ली, वहीं पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शिया-सुन्नी झड़पों में 37 लोग मारे गए.

लेबनान : इजरायली एयर स्ट्राइक में तबाही

लेबनान के मध्य बेरूत और अन्य क्षेत्रों में इजरायली हवाई हमलों में 55 से अधिक लोग मारे गए. इजरायल ने इन हमलों का उद्देश्य हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाना बताया.बेरूत के बस्ता क्षेत्र में एक आवासीय इमारत पर बंकर बस्टर मिसाइलों से हमला किया गया, जिससे इमारत मलबे में तब्दील हो गई..

  • बस्ता इलाके में हुए हमले में 20 लोगों की मौत और 66 घायल..
  • पूर्वी लेबनान के शमोस्टार शहर में 13 लोगों सहित कुल 24 लोग मारे गए..
  • दक्षिणी लेबनान के तटीय शहर टायर में 14 लोगों की मौत..

इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के हथियार भंडार और कमांड सेंटर को निशाना बनाने का दावा किया. हालांकि, हिजबुल्लाह के नेताओं ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि इन हमलों में उनके किसी भी अधिकारी को निशाना नहीं बनाया गया..

पाकिस्तान के कुर्रम जिले में शिया-सुन्नी समुदायों के बीच झड़पों में 37 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए. यह हिंसा उस वक्त भड़की, जब शिया मिलिशिया ने गुरुवार को सुन्नी समुदाय के लोगों पर हुए हमले का बदला लेने की कार्रवाई की.

  • कुर्रम जिले में गांवों को निशाना बनाकर हमला किया गया.
  • घरों, बाजारों और सरकारी इमारतों को आग लगा दी गई.
  • सड़कें बंद, सरकारी हेलीकॉप्टर पर फायरिंग.

पाराचिनार क्षेत्र में बढ़ते तनाव के कारण लोग सड़कों पर उतर आए और सरकारी सुरक्षा के लिए प्रदर्शन किया.शिया संगठन माजिस वहदत मुस्लिमीन (MWM) ने मांग की है कि पाराचिनार एयरपोर्ट को चालू किया जाए और पेशावर के साथ फ्री शटल सेवा शुरू की जाए.

इजरायली सेना ने गाजा में शुजायिया क्षेत्र को “खतरनाक युद्ध क्षेत्र” घोषित करते हुए वहां के निवासियों को तुरंत खाली करने का आदेश दिया.मस्जिद पर हमले और लगातार बमबारी के कारण हजारों फिलिस्तीनी अंधेरे में अपने घर छोड़ने पर मजबूर हुए..

लेबनान, पाकिस्तान और गाजा में हुई घटनाओं ने मुस्लिम दुनिया में गहरा दुख और आक्रोश पैदा किया है. ये घटनाएं ना केवल मानवता के लिए चुनौती हैं, बल्कि क्षेत्रीय अस्थिरता को और बढ़ावा दे रही हैं.