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सबसे युवा IAS अधिकारी अंसार शेख का UPSC में रैंक क्या था ?

मुस्लिम नाउ, नई दिल्ली

क्या आपको पता है ! सबसे कम उम्र में प्रतिष्ठित  यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले अंसार षेख घर की बदहाल आर्थिक दषा से इस कदर परेषान हो गए थे कि लगने लगा था कि पढ़ाई छोड़कर उन्हें रिक्षा चलाना पड़ेगा. अंसार शेख ने खुद ही यह बात एक टीवी कार्यक्रम में बताई है. इस कार्यक्रम में उन्हांेने यह भी खुलासा किया कि हमेषा बड़ा भाई छोटे भाई को आगे बढ़ने में मदद करता है. मगर वह दुनिया शायद ऐसे इकलौते हैं, जिसे आगे बढ़ाने में उनके छोटे भाई ने एड़ी-चोटी का पसीना बहाया.

अंसार शेख खुद ही बताते हैं कि, आज वह जिस मुकाम पर हैं, इसके पीछे मां-बाप के बाद यदि किसी का हाथ है तो वह उनके छोटे भाई हैं. इस कार्यक्रम में उन्होंने यह भी बताया कि आर्थिक तंगी के चलते उनके पिता स्कूल से उनका नाम कटाना चाहते थे. यह बात जब स्कूल के षिक्षक को पता चली तो उन्होंने न केवल अंसार षेख के पिता को उन्हें स्कूल नहीं छुड़वाने के लिए राजी किया, यदि वह स्कूल  छोड़ देते तो आज वह आईएस अधिकारी नहीं कहीं रिक्षा चला रहे होते. अंसार शेख के पिता ने रिक्षा चलाकर परिवार का भरण पोषण किया है.

इंडिया टुडे मैग्जीन की वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, अंसार षेख ने यूपीएससी की परीक्षा में 361 वां रैंक हासिल किया है. तब उनकी उम्र मात्र 21 साल थी. इतनी कम उम्र में किसी का आईएएस अधिकारी बनना किसी आश्चर्य से कम नहीं. वह इतनी कम उम्र के देष के पहले नौकरशाही हैं.

याद रखने वाली बातें

  • देश के सबसे युवा आईएएस अंसार शेख महाराष्ट्र के जालना गांव के रहने वाले हैं.
  • उनके पिता अनस शेख महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र में ऑटो चालक हैं.
  • अंसार के पिता ने तीन शादियां की थीं.
  • अंसार षेख दूसरी पत्नी के बेटे हैं.
  • अंसार के भाई पेशे से मैकेनिक है
  • बचपन में अंसार ने कमजोर आर्थिक हालात का सामना किया. गरीबी के कारण अंसार शेख के पिता और रिश्तेदारों ने उनसे स्कूल छोड़ने के लिए कहा था.
  • उनके पिता स्कूल तक पहुंच गए थे. लेकिन वहां उनके शिक्षक ने उनके पिता को समझाया कि अंसार पढ़ाई में बहुत होशियार हैं.
  •  कितने प्रतिशत मुस्लिम छात्र उच्च शिक्षा में हैं ?

अंसार बचपन से हैं प्रतिभा के धनी

परिवार वालों के अनुसार,अंसार शेख बचपन से असाधारण प्रतिभा और विपरीत परिस्थितियों में बड़ी कामयाबी हासिल करने वाले रहे हैं. अंसार शेख वर्तमान में पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में एडीएम के पद पर कार्यरत हैं. अंसार शेख की जड़ें महाराष्ट्र के जालना गांव सें है. उनके पिता ऑटो रिक्शा चालक थे, जबकि मां एक खेतिहर मजदूर थीं. इसके बावजूद माता-पिता ने वित्तीय चुनौतियों के रहते उन्हें पढ़ाने पर जोर दिया.

अंसार ने रणनीतिक रूप से यूपीएससी परीक्षाओं में सफलता हासिल करने के लिए सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध मार्ग चुना. इसके लिए उन्होंने मराठी और राजनीति विज्ञान विशय को अपनाया.उनकी कहानी लचीलेपन और एक मजबूत समर्थन प्रणाली की शक्ति का प्रमाण है, जो दर्शाती है कि परिश्रम बाधाओं पर विजय प्राप्त करता है.

अंसार शेख का आईएएस बनने का सफर

शेख वर्तमान में पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में एडीएम के रूप में कार्यरत है. वह महाराष्ट्र के मराठवाड़ा जिले के जालना गांव के रहने वाले हैं. उनका जन्म ऑटो रिक्शा चालक पिता और खेतों में काम करने वाली मां के घर हुआ.वित्तीय कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद, शेख के परिवार ने अंसार की पढ़ाई को प्राथमिकता दी.यहां तक कि अपने आर्थिक संघर्ष को उनकी पढ़ाई में रूकावट नहीं बनने दी.बचपन से पढ़ाई में तेज अंसार ने 10 वीं कक्षा की परीक्षा 91 प्रतिशत अंक के  साथ पास की थी. बाद में उन्होंने पुणे कॉलेज से स्नातक किया.

परिश्रम और लचीलापन

यूपीएससी मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार दोनों के लिए मराठी को भाषा के रूप में चुनते हुए, अंसार ने रणनीतिक रूप से राजनीति विज्ञान को अपने वैकल्पिक विषय के रूप में चुना, जो एक अच्छी सोची-समझी योजना थी. उनकी सफलता में यह महत्वपूर्ण योगदान रहा.

अंसार की कहानी परिश्रम और प्रतिबद्धता की शक्ति में उनके अटूट विश्वास से परिभाषित होती है. वित्तीय बाधाओं का सामना करने के बावजूद, उन्होंने लचीलेपन और एक मजबूत समर्थन नेटवर्क के महत्व पर प्रकाश डालते हुए दोस्तों और अपने कोचिंग संस्थान से महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्राप्त किया.अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए कठोर तैयारी शुरू की. 2016 में अपने पहले प्रयास में 361 वीं अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) हासिल करते हुए सफलतापूर्वक परीक्षा उत्तीर्ण की.

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चुनौतियों पर विजय

बचपन में अंसार को कई प्रतिकूलताओं का सामना करना पड़ा. उनके भाई को सातवीं कक्षा में स्कूली शिक्षा बंद करनी पड़ी. परिवार को आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए एक गैरेज में काम करना शुरू कर दिया. इसके अलावा, उनकी बहन की शादी 15 साल की उम्र में ही कर दी गई.

याद रखने वाली बातें

  • अंसार ने 12वीं में 91 प्रतिशत अंक हासिल किए थे.
  • उनके छोटे भाई ने 7वीं में पढ़ाई छोड़कर गैराज में काम करना शुरू कर दिया था.
  • आईएएस अंसार शेख ने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया. उन्होंने 73 प्रतिशत अंक हासिल किए थे.
  • यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते हुए लगातार तीन सालों तक हर दिन लगभग 12 घंटे पढ़ाई की.
  • उन्होंने एक साल के लिए कोचिंग ज्वाइन की थी.
  • कोचिंग सेंटर ने उनकी फीस का एक हिस्सा माफ कर दिया था.
  • उन्होंने साल 2015 में यूपीएससी परीक्षा के अपने पहले प्रयास में 361 वीं रैंक हासिल की थी.
  • तब उनकी उम्र सिर्फ 21 साल थी.
  • अंसार शेख देश के सबसे कम उम्र के आईएएस ऑफिसर हैं.
  • अभी तक उनका यह रिकॉर्ड कोई तोड़ नहीं पाया है.
  • अंसार शेख की दोनों बहनों की शादी काफी कम उम्र में कर दी गई थी.
  • उनकी पत्नी का नाम वाइजा अंसारी है.
  • उनकी पत्नी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव और लोकप्रिय हैं

अंसार शेख ने होटल में मांजे बर्तन

अंसार षेख के घर की माली हालत इतनी खराब थी कि एक समय में उन्हें होटल में बर्तन मांजने पड़े थे. अंसार ने एक टीवी इंटरव्यू में बताया कि एक विषेश की पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए उन्हें एक ोटल में काम करना पड़ा. वह दिन के ग्यारह बजे से रात दस बजे तक होटल में वेटर का काम करते थे. यही नहीं होटल बंद होने पर वह एक घंटा फर्ष पर पूछा लगाते थे. इससे जो समय बचता उसे वह अपना कोर्स पूरा करते थे. ऐसा करने से पहले उन्होंने अपने पिता से इजाजत ली थी.

यूपीएससी की कामयाबी का जश्न मनाने को नहीं थे पैसे

टीवी कार्यक्रम में उनके एक दोस्त ने खुलासा किया कि जिस दिन यूपीएससी का रिजल्ट आया, तब अंसार शेख के पास दोस्तों को मिठाई खिलाने के पैसे नहीं थे. तब एक दोस्त ने उन्हें अपने घर पर खाना खिलाया था. अंसार के दोस्त ने कहा कि उन्हें इस पर गर्व नहीं है कि उन्होंने अपने दोस्त को खाना खिलाया, बल्कि इसलिए गर्व है कि एक कम उम्र आईएएस ने उनके घर पर खाना खाकर उन्हें धन्य कर दिया. इस घटना पर अंसार षेख कहते हैं, जब यूपीएससी का रिजल्ट आया, तब वह लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे थे. चूकि उनके पास पैसे नहीं थे लिए उन्होंने अपनी कामयाबी का जश्न अपने दोस्त के घर पर मनाया.

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