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इजरायल को गाजा युद्ध में अब तक कितनी कीमत चुकानी पड़ी ?

मुस्लिम नाउ विशेष

What coste has Israel had to pay so far in the Gaza warI दुनिया यह समझती है कि इजरायल ने निरंतर आसमानी और जमीनी हमला कर इस्लामी लड़ाकों के संगठन हमास को नेस्तनाबूद कर दिया और गाजा पट्टी को खंडहर में तब्दील कर दिया है. इसमें दो राय नहीं कि इन दावों में बहुत सारे दावे सच हैं. यहां तक कि इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में तकरीबन 21,000 फिलिस्तीनियों को मौत के घाट उतार दिया है. इसमें 70 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं.

मगर युद्ध का यह केवल एक पहलू है. इजरायल युद्ध के दूसरे पहलू को उजागर नहीं होने दे रहा है. इसकी पीछे एक बड़ी वजह है. यदि इजरायल की गाजा में हमास से युद्ध की सच्चाई बाहर आ गई तो इसका विश्व भर में बना भौकाल न केवल समाप्त हो जाएगा, युद्ध की वजह से इसकी कंगालियत भी बाहर आ जाएगी. हद तो यह है कि इजरायल का इस युद्ध में इतना कुछ बर्बाद हो चुका है कि अब इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का दर्द भी छलकने लगा है. अरब न्यूज की एक खबर पर यकीन करें तो बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, ‘‘गाजा युद्ध से इजरायली सेना को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.’’

हालांकि, बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने बयान में केवल इजरायली सेना को होने वाले नुकसान का जिक्र किया है, जबकि हकीकत यह है कि गाजा पट्टी और हमास को उजाड़ने के चक्कर में इजरायल अब कंगाली की राह पर है. यूरोपीय और अमेरिकी देश फिलहाल उसे हथियार तो दे रहे हैं. जबकि  इजरायल को हथियार से ज्यादा जरूरत धन की है.

हमास से युद्ध में इजरायल को अरबों डॉलर का नुकसान

गाजा पट्टी पर बम बरसाने के चक्कर में इजरायल को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. दुनिया के अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इस भारी आर्थिक घाटे की भरपाई करने में इजरायल को वर्षों लगेंगे. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने नवंबर में इस बारे में एक रिपोर्ट दी थी. इसके अनुसार, ‘‘ गाजा पट्टी में हमास के साथ इजरायल के युद्ध में 200 बिलियन शेकेल (51 बिलियन डॉलर) का खर्च आएगा. वित्तीय समाचार पत्र कैलकलिस्ट ने इजरायल के वित्त मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए यह जानकारी साझा की है.

रिपोर्ट में आगे कहा गया, युद्ध का सकल घरेलू उत्पादन की दर पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. इसमें आठ से 12 महीने में भारी गिरावट के संकेत हैं. इजरायल को हमास के अलावा लेबनान के हिजबुल्लाह, ईरान और यमन से भी लोहा लेना पड़ रहा है. गाजा युद्ध को देखते हुए लगभग 350,000 इजरायलियों को रिजर्व सैनिक के रूप में नियुक्त किया गया. वे जल्द ही काम पर लौटेंगे. जाहिर सी बात है, इजरायल सरकार को उनका भी खर्च उठाना पड़ रहा है.कैल्केलिस्ट ने इजरायली मंत्रालय के हवाले से जानकारी दी है कि युद्ध से इजरायल को 200 बिलियन शेकेल के चूना लगेगा. हालांकि, मंत्रालय ने कैलकलिस्ट के डेटा को सच नहीं माना है.

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बावजूद इसके कैल्के लिस्ट के अनुमान के अनुसार, गाजा युद्ध के चलते अब लागत का लगभग आधा हिस्सा रक्षा में व्यय होगा जो प्रतिदिन लगभग 1 बिलियन शेकेल के बराबर है. अन्य 40-60 बिलियन शेकेल राजस्व के नुकसान से आएंगे, 17-20 बिलियन व्यवसायों के मुआवजे के लिए और 10-20 बिलियन शेकेल पुनर्वास पर खर्च होंगे.

इजरायल के वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच ने पहले कहा था कि इजराइल की सरकार फिलिस्तीनी हमलों से प्रभावित लोगों के लिए एक आर्थिक सहायता पैकेज तैयार कर रही है जो कोविड-19 महामारी के जैसा बड़ा और व्यापक होगा.प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी देश के सभी प्रभावितों की मदद का ऐलान किया है. इजरायली पीएम के अनुसार, ‘‘मेरा निर्देश स्पष्ट है. धन का नल खोलें और जिसे जरूरत हो, उसे धनराशि दें. जैसा हमने कोविड के दौरान किया था.

हमास से हमले में इजरायली टैंकों को पहुंचा नुकसान

हमास से युद्ध मंे कोई दो राय नहीं कि इजरायली सेना भारी पड़ रही है और इस्लामी संगठन को इससे भारी नुकसान पहुंचा है. उसके कई लड़ाके मारे गए और सुरंगों से चलने वाला प्रशासन लगभग उजड़ चुका है. पर इस दौरान इजरायली सेना के हथियारों को भी कम नुकसान नहीं पहुंचा है. इजरायली सेना ने गाजा के बॉर्डर और पट्टी के भीतरी  इलाके में गुप्त सूचना भेजने वाले यंत्र लगा रखे थे. हमास के लड़ाकांे ने उसे तहस नहस कर दिया. हमास के इजरायल पर 7 अक्टूबर के हमले में कई भारी खुफिया यंत्र को क्षति पहुंची है.

हवाई हमले के दौरान हमास और हिजबुल्ला ने कई इजरायली मिसायलांे को भी मार गिराया. गाजा पट्टी पर जब से इजरायल का जमीनी हमला पहुंचा है इसके सैनिक टैंकों के भी परख्चे उड़ रहे हैं. केवल पिछले महीनेफिलिस्तीनी समूह हमास ने  गाजा पट्टी में छह इजरायली टैंक और दो सैन्य वाहनों को नष्ट करने का दावा किया था.एक बयान में, समूह की सशस्त्र शाखा, कसम ब्रिगेड ने कहा कि गाजा शहर के उत्तर में तीन टैंकों और दो वाहनों पर कवच-भेदी गोले से हमला किया गया.इसमें कहा गया कि दो और टैंक गाजा शहर के दक्षिण-पश्चिम में और उत्तरी गाजा पट्टी में बेत लाहिया शहर के उत्तर-पश्चिम में नष्ट हो गए.

हमास से युद्ध में बड़ी संख्या में इजरायली सैनिक भी ढेर

गाजा पट्टी पर इजरायली सेना के निरंतर हमले से अब तक 21,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं. आधा से ज्यादा गाजा खंडहर में तब्दील हो चुका है. मगर इसके बदले इजरायली सेना को भी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. उसके सैनिकांे की धड़ाधड़ मौत हो रही है. द न्यू याॅर्क टाइम्स की एक खबर के अनुसार, 12 नवंबर तक इजरायल के 278 सैनिक हमास के हाथों मारे गए थे.

यही नहीं शुक्रवार को फिलिस्तीनी क्षेत्र में 14 और इजरायली सैनिक मारे गए.गाजा पर वहशियाना हमला करने वाले इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू अब कहने लगे हैं, ‘‘गाजा में लड़ाई एक बहुत दौर में प्रवेश कर गया है. हालांकि इजरायल ने अब तक अपने सैनिकों की मौत के वास्तविक आंकड़ों को छुपाए रखा है. इसकी दो वजह है, एक तो इससे उनकी मजबूत स्थिति की पोल खुल जाएगी. दूसरे इजरायली अवाम सरकार के खिलाफ उठ खड़ी हो सकती है.

नेतन्याहू से वहां की अवाम वैसे ही खफा है, जिस तरह से हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया और उसका जवाब देने में इजरायली सेना को घंटों लग गए, इजरायली जनता भड़की हुई है. हमास ने 242 इजरायलियों को भी बंधक बना लिया था. उनमें से आधे अभी भी हमास के कब्जे में हैं. उन्हें छुड़ाने में इजरायल खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहा. इजरायली सेना की लापरवाही से तीन से छह इजरायली बंधक गाजा में मारे जा चुके हैं.

गाजा युद्ध से इजरायल की छवि को भारी नुकसान

दुनिया भर की यह समझ है कि इजरायल तकनीक, पैसे और सुरक्षा के मामले में सभी देशों से आला है. मगर 7 अक्टूबर को हमास के हमले से यह भ्रम टूट गया. हमास ने बेहद गुप्त और सुनियोजित तरीके से इजरायल पर हमला किया. 1200 इजरायलियों को मौत के घाट उतार दिया. 242 को इजरायल से उठाकर गाजा ले गए, पर इस देश की सुरक्षा एजेंसियां, सेना सब सोई रही. इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को दुनिया की तमाम सुरक्षा एजेंसियों से अधिक चालाक, चैकस और मजबूत माना जाता है.

मगर हमास के हमलों की तैयारी का इसे भी पता नहीं चला. इससे उसकी छवि को भारी धक्का पहुंचा है. इससे उबरने के लिए इनदिनों मोसाद सोशल मीडिया पर हमास, हमास नेता और फिलिस्तीनियों के खिलाफ दुष्प्रचार में लगा हुआ है. इसके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से टुच्ची-टुच्ची बातें साझा की जा रही हैं.

नेतन्याहू का कहना है, गाजा युद्ध से इजरायली सेना को चुकानी पड़ रही भारी कीमत

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि गाजा युद्ध में बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. हमास के साथ लड़ाई में मारे गए सैनिकों की संख्या बढ़ रही है.सेना ने शुक्रवार को फिलिस्तीनी क्षेत्र में 14 इजरायली सैनिकों के मारे जाने का ऐलान किया. बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, गाजा में लड़ाई के एक बहुत कठिन दिन के बाद यह एक कठिन सुबह है.

उन्होंने एक बयान में कहा, युद्ध की बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ रही है, लेकिन हमारे पास लड़ते रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं.हम अंत तक, जीत तक, पूरी ताकत से काम करते रहेंगे, जब तक कि हम अपने सभी लक्ष्य हासिल नहीं कर लेत.

उन्होंने आगे कहा, यह स्पष्ट कर दूं कि यह एक लंबा युद्ध होगा(जब तक) हमास का सफाया नहीं हो जाता. हम उत्तर और दक्षिण दोनों में सुरक्षा बहाल नहीं कर देते. अरब न्यूज की एक खबर के अनुसार, 27 अक्टूबर को इजराइल का जमीनी हमला शुरू होने के बाद से, सेना ने फिलिस्तीनी क्षेत्र में 153 सैनिकों को खो दिया. शनिवार को 10 सैनिक भी मारे गए. यह सेना के लिए सबसे घातक दिनों में से है.

क्रिसमस की पूर्व संध्या पर भी गाजा पर हमला

7 अक्टूबर के हमलों के बाद हमास को नष्ट करने के लिए इजरायल ने रविवार को भी अपने सैन्य अभियान को जारी रखा. घातक लड़ाई अब दक्षिणी गाजा पर केंद्रित हो गई. यहां अधिकांश विस्थापित फिलिस्तीनी फंसे हुए हैं.अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक कॉल में नागरिकों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया. इजरायल से वादा किया कि जब तक उसके सभी लक्ष्य हासिल नहीं हो जाते, तब तक वह युद्ध जारी रखेगा.

भारी लड़ाई जारी होने के बीच, इजरायली सेना ने कहा कि उसने पिछले 24 घंटों में 200 अन्य ठिकानों पर हमला किया.सेना ने कहा कि सैनिकों ने स्कूलों, एक मस्जिद और एक क्लिनिक के पास उत्तरी गाजा परिसर पर छापा मारा और बच्चों के लिए अनुकूलित विस्फोटक बेल्ट, दर्जनों मोर्टार गोले, सैकड़ों ग्रेनेड और खुफिया दस्तावेज बरामद किए.जबकि हमास ने इन दावों को खारिज कर दिया है.