पाकिस्तानी पीएम काकर का कहना कितना उचति कि बलूच आतंकियों को रॉ का समर्थन है ?
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, इस्लामाबाद
हालांकि यह फैशन सा बन गया है कि जब मुसीबत नियंत्रण से बाहर हो जाए तो इसका आरोप किसी आतंकवादी संगठन के सिर मढ़ दिया जाए या पड़ोसी देश पर इल्जाम थोप दिया जाए. अब भी ब्रिटेन के प्रधानमंती ऋषि सुनक ऐसा कर चुके हैं और अब बलूचिस्तान में काबू से बाहर आंदोलन को लेकर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने ऐसा ही बयान दिया है.
उन्हांेने कहा कि बलूच आतंकवादी संगठनों को देश में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है.लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने उन लोगों को संबोधित किया जिन्होंने आतंकवादियों को अदालतों में पेश करने का आह्वान किया था. उन्होंने कहा कि देश में करीब 90,000 लोग मारे गए. फिर भी नौ लोगों को भी दोषी नहीं ठहराया गया.
उन्हांेने कहा,“आपराधिक न्याय प्रणाली सही नहीं है. ये भारत से पैसे लेकर 80-90 हत्याएं करते हैं. मैं घोषणा करता हूं कि वे यह सब रॉ की फंडिंग से करते हैं. इस बात से इनकार करें कि वे ऐसा नहीं करते.इस्लामाबाद में बलूच प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री ने स्वीकारा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था. हालांकि, उन्होंने कहा कि अधिकारियों पर पथराव किया गया जिसके परिणामस्वरूप पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा. पानी की बौछारें करनी पड़ीं.
उन्होंने उन लोगों की भी कड़ी आलोचना की जिन्होंने पानी की बौछारों के इस्तेमाल की तुलना गाजा की स्थिति से की थी, जहां इजराइल द्वारा बमबारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और विचार करना चाहिए.पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम ने कहा,“मैं उनसे पूछता हूं, क्या वे पाकिस्तान की तुलना इजरायली देश से कर रहे हैं? हमारा झगड़ा लापता व्यक्तियों के, परिवारों से बिल्कुल भी नहीं है. वे पहले भी आए हैं और विरोध किया है. अब भी विरोध कर रहे हैं और विरोध करेंगे.
قانون کے دائرے میں احتجاج ہر کسی کا حق ہے ۔۔۔قانون کی خلاف ورزی پر انتظامیہ کارروائی کرتی ہے ۔۔۔ریاست کا جھگڑا بلوچوں سے نہیں دہشت گرد تنظیموں سے ہے ۔۔۔ٹویٹر پر بیٹھ کر جنگ نہیں لڑی جاتی ۔۔۔کالعدم بلوچ تنظیموں کو بھارتی ایجنسی را سے فنڈنگ ہوتی ہے ۔۔۔ملک دشمن عناصر کی پاکستان کے… pic.twitter.com/dYVoysUh6G
— PTV News (@PTVNewsOfficial) January 1, 2024
उन्होंने कहा, मेरी जानकारी में आया है कि उनका पुलिस के साथ टकराव हुआ था.उसे भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया. उन्होंने ने कहा कि कई लोगों ने सोचा था कि वे आंदोलन में शामिल होकर हीरो बन सकते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि यह इतना आसान नहीं.प्रधानमंत्री ने कहा कि बलूच लिबरेशन आर्मी, बलूच लिबरेशन फ्रंट और बलूच रिपब्लिकन आर्मी जैसे आतंकवादी संगठन हैं, जो पाकिस्तान के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में विश्वास करते हैं.
उन्होंने कहा कि संगठनों ने 3,000-5,000 लोगों को मार डाला.काकर ने कहा कि इन संगठनों से जुड़े उग्रवादियों के अपने रिश्तेदार भी थे, जिन्होंने उनके पक्ष में विरोध प्रदर्शन किया.उन्होंने कहा, हम विरोध करने के अधिकार को स्वीकार करते हैं, लेकिन हम बलूच, परिवारों से जुड़े लोगों के आतंकवाद के कार्यों, को स्वीकार नहीं करते हैं.
पीएम ने कहा कि जो लोग उनके समर्थक बनना चाहते हैं, उन्हें जाकर उग्रवादी संगठनों में शामिल होना चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उनकी वफादारी कहां है.पीएम ने कहा,“मैं यह सुन रहा हूं कि मेरी जातीयता को लेकर बार-बार मेरा मजाक उड़ाया जा रहा है. उन्हें मारने का लाइसेंस दो? मैं दोहराना चाहता हूं कि हमारी लड़ाई परिवारों से नहीं है क्योंकि यह उनका निर्णय नहीं कि उनसे जुड़े लोगों ने आतंकवाद में भाग लिया.
काकर ने कहा कि बलूच परिवारों को विरोध करने और बोलने का अधिकार है. भले ही उन्हें लगे कि उनके रिश्तेदारों ने आतंकवाद में भाग लिया है.प्रधानमंत्री ने कहा कि बलूच लोगों द्वारा उन्हें कैसे याद किया जाएगा, इसके लिए उनका मजाक नहीं उड़ाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनका उनके साथ लंबे समय से जुड़ाव रहा है. उनकी लड़ाई आतंकवादी संगठनों के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि पानी की बौछारों का इस्तेमाल मानक अभ्यास था. उन्होंने कहा कि सरकार ने बलूच प्रदर्शनकारियों से कहा कि वह उनके साथ बात करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, उन्होंने जो मांगें रखीं, उन्हें दोहराना भी मुझे दुखद लगता है.उन्होंने कहा कि हर किसी ने उनसे इस्लामाबाद में बलूच प्रदर्शनकारियों के साथ व्यवहार के बारे में सवाल किया लेकिन किसी ने भी उन्हें तटीय राजमार्ग पर 14 लोगों को जलाकर मार डालने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया.
काकर ने कहा कि बलूच समुदाय का 98 प्रतिशत देश के साथ खड़ा है. प्रधानमंत्री ने दोहराया कि उनका बलूच परिवारों से कोई झगड़ा नहीं है, बल्कि नकली और झूठ बोलने वाले हमदर्दों से है.