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बलूचिस्तान में आतंकी संगठन जैश-उल-अदल पर ईरान का मिसाइल और ड्रोन हमला, पाकिस्तान को ऐतराज

जैनुद्दीन अहमद , क्वेटा

ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादी संगठन जैश-उल-अदल के ठिकानों को मिसाइलों और ड्रोन से निशाना बनाया है. इस हमले में दो बच्चों की मौत की खबर है.पाकिस्तान के बलूचिस्तान में पिछले कई वर्षों से कुछ मुल्कों की शह पर कई आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं. ये अपने आका के इशारे पर जगह और तिथि के महत्व के हिसाब से हमले करते रहते हैं. ऐसे ही संगठनों में एक है जैश-उल-अदल.

ईरान से सटे बलूचिस्तान के पंजगुर जिले में एक हमले में दो लड़कियों की मौत हो गई है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा है कि पाकिस्तान ईरान द्वारा उसके हवाई क्षेत्र के अकारण उल्लंघन की निंदा करता है, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.बलूचिस्तान के आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि यह हमला ईरान से सटे बलूचिस्तान के पंजगुर जिले में किया गया. संपर्क करने पर पंजगुर के डिप्टी कमिश्नर मुमताज खेत्रान ने कहा कि हमें ऐसी जानकारी मिली है. हम जानकारी जुटा रहे हैं.

पंजगुर के जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पंजगुर से लगभग 60 किमी दूर उप-तहसील कलग में कोह सब्ज नामक गांव में एक मस्जिद और उसके आस-पास के घरों पर मिसाइलों से हमला किया गया. उन्होंने कहा कि चार मिसाइलें दागी गईं, जिससे मस्जिदों और घरों को नुकसान पहुंचा और इदरीस नाम के एक व्यक्ति की आठ और बारह साल की दो लड़कियां मारी गईं.

हमले में एक महिला और बच्चों समेत चार लोग घायल भी हुए हैं, जिनकी पहचान मरियम की पत्नी इदरीस, रुकिया, असमा और आयशा के रूप में हुई है. घायलों को सिविल अस्पताल पंजगुर पहुंचाया गया है.सब्ज कोह जैश-उल-अदल के दूसरे कमांडर मुल्ला हाशिम का इलाका है, जो 2018 में पंजगुर से सटे ईरानी क्षेत्र सरावन में ईरानी बलों के साथ झड़प में मारा गया था.

प्रशासनिक अधिकारी के मुताबिक, यह इलाका पाकिस्तान-ईरान सीमा से करीब 40 से 50 किमी दूर स्थित है. मंगलवार को अस्र और मगरिब के समय इलाके के ऊपर से एक ईरानी विमान के उड़ने की आवाज सुनी गई.

इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं

विदेश कार्यालय के प्रवक्ता की ओर से मंगलवार और बुधवार के बीच जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान की संप्रभुता का यह उल्लंघन पूरी तरह से अस्वीकार्य है. इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.ऐसी एकतरफा कार्रवाइयां अच्छे भाईचारे के संबंधों के लिए हानिकारक हैं. द्विपक्षीय विश्वास और भरोसे को नुकसान पहुंचा सकती है.

बयान में कहा गया, अधिक चिंताजनक है कि यह अवैध कार्रवाई इस तथ्य के बावजूद हुई कि पाकिस्तान और ईरान के बीच संचार के कई चैनल हैं.प्रवक्ता के मुताबिक, पाकिस्तान पहले ही तेहरान में ईरान के विदेश मंत्रालय में इस मुद्दे पर कड़ा विरोध दर्ज करा चुका है.

इसके अलावा, ईरान के विदेश राज्य मंत्री को पाकिस्तान की संप्रभुता के उल्लंघन की कड़ी निंदा करने के लिए विदेश कार्यालय में बुलाया गया. कहा गया कि इसके परिणामों की सारी जिम्मेदारी पूरी तरह से ईरान की होगी.प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा कहा है कि आतंकवाद क्षेत्र के सभी देशों के लिए एक साझा खतरा है जिसके खिलाफ व्यवस्थित कार्रवाई की जरूरत है.

पाकिस्तान की ईरान से 900 किमी लंबी सीमा लगती है. ईरान पहले भी पाकिस्तान की सीमा और हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर चुका है. जून 2017 में, पाकिस्तान ने सबसे पहले बलूचिस्तान के पंजगुर जिले में प्रवेश कर रहे एक ईरानी ड्रोन विमान को पाकिस्तान वायु सेना के थंडर विमान से मार गिराया था.

जैश-उल-अदल ईरान के सिस्तान और पाकिस्तान से सटे बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय एक सशस्त्र संगठन है, जो रिवोल्यूशनरी गार्ड्स और सीमा बल के जवानों पर हमलों में शामिल रहा है.संगठन की स्थापना 2012 में जुंदाल्लाह के सदस्यों द्वारा की गई थी, जिसके नेता, अब्दुल मलिक रिकी को 2010 में ईरान द्वारा एक विमान से उतार दिया गया था. गिरफ्तार किया गया था और बाद में मार डाला गया था.

उनकी मृत्यु के बाद, उनके भाई अब्दुल रऊफ रिकी ने जैश अल-नुसर नामक एक संगठन की स्थापना की, जबकि अब्दुल मलिक रिकी के बाकी सहयोगियों ने जैश अल-अदल के नाम से अपना सशस्त्र अभियान जारी रखा, जिसका नाम बदलकर जंदुल्लाह रखा गया.जैश अल-अदल ने अगस्त 2012 में 10 रिवोल्यूशनरी गार्ड अधिकारियों की हत्या करके अपना अभियान शुरू किया और तब से दर्जनों घातक हमलों में सैकड़ों ईरानी अधिकारियों को निशाना बनाया है.