गाजा में हर घंटे 2 मांओं की हत्या, इजरायली हमले से 60,000 गर्भवती महिलाएं खतरे में
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,न्यूयॉर्क शहर
संयुक्त राष्ट्र महिला ने कहा कि गाजा में युद्ध के दौरान मारे गए लोगों में से लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं. गाजा में इजरायली हमले के शुरू होने के बाद से हर घंटे औसतन दो माताओं की मौत हो रही है. इस बीच गर्भवती महिलाओं का जीवन भी खतरे में पड़ा है. तीन हजार से अधिक महिलाएं विधवा हो गई हैं.
एजेंसी ने तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया है. साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी कि महिलाओं और लड़कियों को उचित सुरक्षा मिले और वो तेज, अप्रतिबंधित और लिंग-उत्तरदायी मानवीय सहायता तक सुरक्षित पहुंच सकें.संयुक्त राष्ट्र महिला की कार्यकारी निदेशक सिमा बहौस ने कहा, गाजा में कम से कम 24,620 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से लगभग 16,000 महिलाएं या बच्चे हैं. उन्होंने कहा कि यह पिछले 15 वर्षों में क्षेत्र में मारे गए लोगों की कुल संख्या का तीन गुना है.
“Since the horrors of the Hamas attacks on Israel of 7th October and the horrors that have followed, especially in Gaza, we have seen evidenced once more that women and children are the first victims of conflict.”
— UN Women (@UN_Women) January 19, 2024
Statement by @unwomenchief Sima Bahous: https://t.co/RWf2vhOI7E pic.twitter.com/5a9jgKFvyK
गाजा पर इजरायली हमले के 100 दिन से अधिक
बता दें कि 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास के चैंकाने वाले हमलों इजरायल गाजा पर निरंतर गोले बरसा रहा है. इजरायली हमले को 100 दिन से अधिक हो गए हैं. इस बीच सबूत सामने आए हैं कि महिलाएं और बच्चे जंग का किशार होने वाले फेहरिस्त में सबसे उपर हैं.
उनकी ओर से कहा गया है, “हम उन्हें यानी इजरायल को रोकने में विफल रहे हैं. वह विफलता, और इन 100 दिनों में फिलिस्तीनी लोगों को दिया गया पीढ़ीगत आघात, आने वाली पीढ़ियों तक हम सभी को परेशान करेगा.संयुक्त राष्ट्र महिला की कार्यकारी निदेशक सिमा बहौस ने कहा, बदलाव के बिना, ये पिछले 100 दिन, (जिसमें) गाजा के लोगों पर अद्वितीय विनाश की बारिश देखी गई है, अगले 100 दिनों की प्रस्तावना मात्र होंगे.आज हम गाजा की महिलाओं और लड़कियों की स्थिति पर कितना भी शोक मनाएं,
हम कल और अधिक शोक मनाएंगे. बिना किसी अप्रतिबंधित मानवीय सहायता और विनाश और हत्या पर रोक लगे.बाहौस ने कहा कि गाजा में महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य देखभाल और आश्रय से वंचित किया जा रहा है. उन्हें आसन्न भुखमरी और अकाल का सामना करना पड़ रहा है. सबसे बढ़कर, वे आशा और न्याय से वंचित हैं.
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Situation in #Gaza:
— UN Women (@UN_Women) January 19, 2024
📣 Around 70% of those killed are estimated to be women and children.
📣 2 mothers are killed every hour.
📣 Close to 3,000 women have been widowed.
📣 1,000,000 women and girls are displaced.
Read our new Gender Alert: https://t.co/cahuBrsKR5 pic.twitter.com/AtDGubTMwN
लगभग 10 लाख महिलाएं और लड़कियां विस्थापित
गाजा में महिलाओं और लड़कियों पर संकट के प्रभाव पर संयुक्त राष्ट्र महिला द्वारा जारी एक लिंग चेतावनी में कहा गया है कि क्षेत्र में मारे गए, घायल या विस्थापित लोगों में से अधिकांश महिलाएं हैं. पाया गया कि विस्थापित 19 लाख लोगों में से लगभग 10 लाख महिलाएं और लड़कियां हैं. वे ऐसे समय में अनिश्चित आश्रयों में शरण लेने के लिए मजबूर हैं जब गाजा में कहीं भी और कोई भी सुरक्षित नहीं है.
इसमें आगे कहा गया है, खाली करना है या नहीं, कैसे और कब करना है और कहां जाना है, इसके बारे में असंभव निर्णय, लिंग-विभेदित भय और अनुभवों से भरे हुए हैं. हमलों और उत्पीड़न सहित लिंग आधारित जोखिम, विस्थापन मार्गों के साथ उभरते हैं.
संयुक्त राष्ट्र महिला का अनुमान है कि संघर्ष के दौरान कम से कम 3,000 महिलाएं विधवा हो गई हैं. विधवा होकर अपने घरों की मुखिया बन गई हैं. उन्हें सुरक्षा और भोजन सहायता की तत्काल आवश्यकता है. कम से कम 10,000 बच्चों ने अपने पिता को खो दिया है. आशंका है कि ऐसे कई परिवारों को जल्द विवाह सहित हताशा से निपटने के तरीकों का सहारा लेना होगा.
बंधक हों रिहा
एजेंसी ने 7 अक्टूबर के हमलों के दौरान अचेतन यौन हिंसा और अन्य लिंग-आधारित हिंसा के खातों पर गहरी चिंता भी दोहराई. इसने जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराए जाने, प्रभावित सभी लोगों को न्याय और समर्थन प्राप्त करने और हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी इजरायली बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई के लिए अपनी मांग दोहराई.
बाहौस ने कहा, हम यौन और लिंग आधारित हिंसा के सभी कृत्यों की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं. चाहे वे कहीं भी, कभी भी और किसी के भी खिलाफ किए गए हों.“मैं 7 अक्टूबर के हमलों से प्रभावित सभी लोगों के लिए जवाबदेही का फिर से आह्वान करती हूं.
उन्होंने कहा,“गाजा में बंधक बनाए गए लोगों के परिवारों को उनके वापस लौटने के लिए अकल्पनीय पीड़ा में इंतजार करते हुए 100 दिन से भी अधिक समय हो गया है. पीड़ा के सामने उनका साहस और शांति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता विनम्र है. मैं फिर से आह्वान करती हूं कि सभी बंधकों को तुरंत और बिना शर्त रिहा किया जाए.
युद्ध बंदी की अपील
उन्होंने तत्काल मानवीय युद्धविराम और अप्रतिबंधित मानवीय पहुंच प्रदान करने की अपील भी दोहराई ताकि गाजा के सभी लोगों तक सहायता पहुंच सके, जिसमें महिलाओं और लड़कियों के लिए महत्वपूर्ण सहायता और सेवाएं भी शामिल हैं.बाहौस ने कहा,यह शांति का समय है.हम इसका श्रेय सभी इजरायली और फिलिस्तीनी महिलाओं और लड़कियों को देंगे. यह उनका संघर्ष नहीं है. उन्हें अब इसकी कीमत नहीं चुकानी चाहिए.”
आंकड़ों में गाजा पर इजरायल का अत्याचार
गाजा पर इजरायली हमले के 100 से ज्यादा
कुल मौतें 24 हजार 762
इजरायल अब तक गाजा पर 65,000 टन विस्फोटक गिरा चुका है
रोजाना औसतन दो महिलाओं की मृत्यु
3000 हजार महिलाएं विधवा
60, 000 गर्भवती महिलाओं का जीवन खतरे मंे
19 लाख लोग विस्थापित
विस्थापितों में 10 लाख महिलाएं और लड़कियां
स्रोत: फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय एवं संयुक्त राष्ट्र
60,000 गर्भवती महिलाओं का जीवन खतरें में
इधर, इजराइल की ताजा बमबारी में गाजा पट्टी में 12 परिवारों का नरसंहार कर दिया गया. अरब मीडिया ने गाजा के फिलिस्तीनी अधिकारियों के हवाले से बताया कि गाजा में इजरायली बमबारी में 142 फिलिस्तीनी मारे और 278 घायल हो गए.फिलिस्तीनी अधिकारियों ने कहा कि नष्ट हुई इमारतों के मलबे में दर्जनों लोगों के दबे होने की आशंका है. अक्टूबर से अब तक गाजा पट्टी में 24 हजार 762 नागरिक मारे जा चुके हैं. घायलों की संख्या 62 हजार 108 है.
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा पट्टी के अस्पतालों में 10,000 कैंसर रोगियों की जान खतरे में है.फिलिस्तीनी अधिकारियों ने कहा कि इजरायली हमलों के कारण विस्थापितों में महामारी फैल रही है. कम से कम 4 लाख नागरिक इस महामारी का शिकार हो चुके हैं.
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि गाजा में चिकित्सा सहायता की कमी के कारण 60,000 गर्भवती महिलाओं का जीवन खतरे में है.फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा जीवन रक्षक दवाओं की कमी का सामना कर रहा है. इजरायली सेना ने गाजा में 30 अस्पतालों और 53 चिकित्सा केंद्रों को नष्ट कर दिया.
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायली हमलों में 334 चिकित्सा कर्मी शहीद हो गए और 122 एम्बुलेंस नष्ट हो गईं.फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि गाजा पर हमलों के कारण 20 लाख नागरिकों को शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है. फिलिस्तीनी अधिकारियों के मुताबिक, इजरायल ने 7 अक्टूबर से अब तक गाजा पर 65,000 टन विस्फोटकों का इस्तेमाल किया है.
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