राम मंदिर की ताजमहल से क्यों की जा रही तुलना ?
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
हिंदूवादी संगठन सनातन धर्म को सर्वोत्तम साबित करने के लिए लेकर तरह-तरह के अभियान चलाते रहते हैं. इनका मानना है कि दूसरे धर्म को कमतर साबित करना है तो ‘सांस्कृति युद्ध’ करना होगा.आयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ ही ऐसे लोगों का नया ‘धर्म युद्ध’ शुरू हो गया है. वह है शिल्पकारी में नवनिर्मित राम मंदिर को ताजमहल से सर्वोच्च साबित करना.
राम मंदिर के निर्माण के समय से ही जोर-शोर से यह फैलाया जा रहा था कि यह इतना सुंदर बनेगा कि इसके आगे ताज महल फीका पड़ जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही इस ‘नरेटिव’ को खड़ा करने में तेजी आ गई है.
इसे लेकर सोशल मीडिया पर हिंदुवादियों के संदेशों की बाढ़ देखी जा सकती है. विभिन्न एक्स हैंडल से एक वीडियो साझा किया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के निर्माण में लगे कारीगरों पर फूल बरसाते दिख रहे हैं.इसपर शाह जहां से मोदी की तुलना की जा रही है कि उसने ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के हाथ काट दिए थे. मोदी पुष्प वर्षा कर रहे हैं. हालांकि ऐसे कमेंट करने वाले यह भूल गए कि ताजमहल एक राजा की रानी का मकबरा है, जब कि राम मंदिर एक समुदाय का धर्मस्थल. वह भी ऐसे समुदाय का जो भारत में बहुसंख्यक है और राम को अपना आदर्श मानता है. ऐसे में यह मंदिर भव्य नहीं होेगा तो किसका होगा ?
They cut off the hands of workers who built Taj Mahal for them.
— Amruta 🇮🇳 (@SjAmruta) January 22, 2024
We shower flowers on Shramveers who build #RamMandirAyodhya
Yes we're not same vro we're not!#श्रमवीर pic.twitter.com/UZVFXQt26F
मोदी को महान साबित करने के लिए एक्स पर एक हिंदूवादी अमृता ने लिखा है, ‘‘उन्होंने उन श्रमिकों के हाथ काट दिए उन्होंने उनके लिए ताज महल बनाया था.हम राम मंदिर अयोध्या का निर्माण करने वाले श्रमवीरों पर पुष्प वर्षा करते हैं.हाँ, हम एक जैसे नहीं हैं!’’
रघु नामक एक हैंडलर ने ताज महल की शिल्पकला और उसकी इंजीनियरिंग को छोटा साबित करने के लिए एक्स पर लिखा, ‘‘एक टन से अधिक वजन वाले 70 खंभों में से एक खंभा जमीन को छुए बिना छत से लटका हुआ है.फिर भी वे ताज महल से आगे नहीं देख पाते!’’
One pillar out of 70 pillars weighing more than a ton is hanging from the ceiling without touching the ground.
— Raghu (@IndiaTales7) January 16, 2024
Still they can't look beyond Taj Mahal !
Veerabhadra Swamy Temple, Lepakshi, Andhra Pradesh. pic.twitter.com/XslzUfQfvk
ध्रुविल लिखते हैं, ‘‘ताज महल के आर्टिस्ट के साथ क्या हुआ था, बोलने की जरूरत नहीं है. यहां रचनाकारों को सम्मानित किया जा रहा है!सनातन धर्म की सुंदरता.’’
Taj Mahal ke artitechs ke sath kya hua tha bolne ki zarurat nahi hai
— 𝘿𝙝𝙧𝙪𝙫𝙞𝙡 🦅 (@Hot_x_Pot) January 22, 2024
aur #RamMandir ke creators ko sammanit kiya ja rha hai !
Beauty of Sanatan Dharma 🙏🏻🚩#RamMandirPranPrathistha#AyodhaRamMandir pic.twitter.com/JLIu0iPohb
राम नाम के एक हैंडलर ने तो ताज महल के बहाने सीधा मुसलमानों पर ही हमला बोल दिया. उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘‘अरब में शौचालय साफ करने वाले भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश के ‘चुस्लीम’,भारत अब ताज महल से नहीं श्री राम मंदिर से जाना जाएगा .’’
Chuslimas of india , Pakistan, Bangladesh who clean toilets in Arab are doing this Secular
— Ram 🚩🚩🚩 (@ram1039117) January 22, 2024
Mira Road Ravan
#BlackDay #BabriZindaHai#BabriMasjid #AllahuAkbar
Bharat ab Taj Mahal se nahi Shri Ram mandir se jana jaega 🙏🏼🚩 pic.twitter.com/3hApt7BfJE
मयूर्रर ने एक्स पर लिखा, ‘‘भारत अब ताज महल से नहीं श्री राम मंदिर से जाना जाएगा.’’ अब इसे कौन समझाए कि भारत सनातन धर्मियों का सबसे बड़ा देश है और यह देश राम-कृष्ण को लेकर पहले से अहम पहचान रखता है. अलग बात है कि ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में शामिल है. फिर भी एक हिंदूवादी अदिति लिखती हैं,‘‘100 ताजमहल फेल है इसके सामने.
Bharat ab Taj Mahal se nahi Shri Ram mandir se jana jaega 🙏🏼🚩 pic.twitter.com/eyO97gC72y
— Mayurrrr (@themayurchouhan) January 22, 2024
जतिन ने एक्स पर लिखा, दूसरे धर्मों से कोई नफरत नहीं,लेकिन जो लोग ताज महल और राम मंदिर की तुलना कर रहे हैं यह आपके लिए है.
No hate to other religions 🤌🤌
— JATIN 🚩 (@spa32450) January 22, 2024
But the people who are comparing Taj Mahal and ram mandir 🚩🚩 this is for u 🫵🫵#JaiShreeRam #RamMandirPranPrathistha #BabriZindaHai #BlackDay walo ki MKC 👺 pic.twitter.com/qU0X0h7X8Y
I think people should refrain from comparing the Shri Ram temple with Taj Mahal, which is literally a grave memorial. Our temple is a sacred site, hundreds of people sacrificed their lives for it, so comparing it with a monument, even if it's in good taste, is not appropriate. pic.twitter.com/gfXmXFRvh1
— Rudhra Nandu (@rudhranandu) January 21, 2024
हालांकि, कुछ लोग इस मामले में समझदारी भी दिखा रहे हैं. ऐसे लोगों में से एक रुद्रा नंदू ने एक्स पर लिखा,’’मेरा मानना है कि लोगों को श्री राम मंदिर की तुलना ताज महल से करने से बचना चाहिए, जो वस्तुतः एक गंभीर स्मारक है. हमारा मंदिर एक पवित्र स्थल है. इसके लिए सैकड़ों लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया, इसलिए एक स्मारक के साथ इसकी तुलना करना, भले ही वह अच्छे स्वाद में हो, उचित नहीं है.
No matter how many mandirs they will make, Taj Mahal will still be the most visiting places of India for foreigners🕌☪️🇮🇳#Islamabad #Ayodhya #BabriMasjid #RamMandirPranPrathistha pic.twitter.com/oBJojk8WLr
— Maze (@Maze_6999) January 22, 2024
इसी तरह भूल भुलैया नाम के एक हैंडल से ट्वीट किया गया-‘‘चाहे वे कितने भी मंदिर बना लें, फिर भी ताज महल विदेशियों के लिए भारत का सबसे अधिक घूमने वाला स्थान रहेगा.