आईटी सेल का मुफ्ती सलमान अजहरी के बाद शादाब चौहान को जेल भेजने की साजिश
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
मुस्लिम बुद्धिजीवी और इस्लामिक रहनुमा कभी-कभी जोश में होश खो बैठते हैं. या यूं कहे, अति उत्साहित हो जाते हैं. इसका लाभ उठाकर आईटी सेल वाले उन्हें जेल भेजने में कामयाब होते हैं. मुफ्ती सलमान अजहरी के बाद अब पीस पार्टी के शादाब चौहान को लेकर ऐसी ही साजिशें चल रही हैं.
इसमें दो राय नहीं कि हाल के दिनों में शासन-प्रशासन और अदालतों ने जिस तरह के फैसले किए हैं उससे देश का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक वर्ग उद्वेलित है. ऐसे में कई लोग भावनाओं में बहते समय अपनी कलम और जुबान पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं.
मुंबई के आलिम मुफ्ती सलमान अजहरी ने भी उन्हीं लोगों में से हैं. गुजरात में तकरीर देते समय लहजा और शब्दों पर नियंत्रण नहीं रख पाए. परिणाम स्वरूप एक खास संगठन के लिए काम करने वाले आईटी सेल ने उनकी तकरीक का एक हिस्सा वायरल कर सोशल मीडिया पर इतना बवाल काटा कि गुजरात पुलिस उन्हें मुंबई से उठा ले गई. फिलहाल वह जमानत पर हैं.
Mumbai Police won’t take action against Raja Singh,Nitish Rane & others for their Genocidal Speeches.
— Mohammed Habeeb Ur Rehman (@Habeebinamdar) February 4, 2024
Gujarat Police won’t take action against Kajal & others
But #MuftiSalmanAzhari will be arrested for raising his voice against injustice without being Communal.
Isn’t this… pic.twitter.com/oYIO5RSSUw
इस क्रम में अब पीस पार्टी के शादाब चौहान को मोहरा बनाया जा रहा है. एक्स पर उनके एक बयान को आधार बनाकर आईटी सेल वाले प्रचार कर रहे हैं कि उन्हांेने हल्द्वानी में पुलिस पर पथराव करने के लिए उकसाया. हालांकि स्थानीय विधायक का बयान आ चुका है कि प्रशासन की जल्दबाजी के कारण मस्जिद-मदरसा तोड़ने पर मुसलमान उद्वेलित हो गए और पुलिस पर न केवल पथराव किया, गाड़ियों में भी आग लगा दी. इस घटना में चार लोगों की मौत हुई है.
दूसरी तरफ शादाब चौहान का बयान उत्तराखंड सरकार के UCC को लेकर कानून बनाने से संबंधित है. उन्हांेने अपने एक्स पर जारी बयान में संविधान की बात कही है. हां, लहजा जरूर कड़ा है. मगर ऐसा भी नहीं कि उसे धमकी मान लिया जाए. मगर आईटी सेल वाले इसे ‘मुख्यमंत्री को धमकी’ बनाकर पेश कर रहे हैं.
ये दंगाई इसी देश में रहने वाला शादाब चौहान है …जिसने खुलेआम उत्तराखंड के CM @pushkardhami को धमकी दी ..उसके ठीक दो दिन बाद हल्द्वानी में पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला..पत्थर फेंके गये, उनको ज़िंदा जलाने की कोशिश की और वहाँ दंगा हुआ ! #HaldwaniRiots pic.twitter.com/ccEZdtMNHG
— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) February 9, 2024
हद यह कि खुद को सेना का अधिकारी बताने वाला व्यक्ति भी ऐसे लोगों में शामिल है. अलग बात है कि वह खुद को आरएसएस और बीजेपी का कारिंदा बताता है.सेवानिवृत्त मेजर सुरेंद्र पूनिया ने एक्स पर लिखा है, ‘‘ ये दंगाई इसी देश में रहने वाला शादाब चौहान है …जिसने खुलेआम उत्तराखंड के CM @pushkardhami को धमकी दी ..उसके ठीक दो दिन बाद हल्द्वानी में पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला..पत्थर फेंके गए, उनको ज़िंदा जलाने की कोशिश की और वहाँ दंगा हुआ ! #HaldwaniRiots .’’
यह बानगी मात्र है. सोशल मीडिया पर शादाब चौधरी ट्रेंड कर रहा है. इसे ट्रेंड कराने वाले ऐसी-ऐसी बातें लिख रहे हैं कि खुद उनपर मुकदमा किया जा सकता है.
दरअसल, जब एक गेरुआ खुले आम यह कहते हुए एक समुदाय विशेष को धमकी देता है कि तुम हमें दोनों मस्जिद दे दो, हम बाकी 40 मस्जिदों की ओर देखेंगे भी नहीं तो मेजर पूनिया जैसे लोग उससे यह सवाल नहीं पूछते कि तुम कौन हो ? क्या तुम कानून के ऊपर हो ? किसी धर्म के ठेकेदार हो ? तुम्हें ऐसा कहने का अधिकार किस ने दिया ?
अफसोस की बात है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार एफआईआर भी दर्ज नहीं कराती और न ही अदालतें ऐसे बयानों पर स्वतः संज्ञान लेती हैं.
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