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अभिनेता इरफान खान के सहपाठी रहे आईपीएस हैदर अली जैदी सुपुर्द ए खाक

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, जयपुर

अभिनेता इरफान खान के सहपाठी रहे आईपीएस हैदर अली जैदी मंगलवार को दोपहर बाद सुपुर्दे ए खाक कर दिए गए. सुबह उनका कैंसर से इंतकाल हो गया था. भारतीय पुलिस सेवा के सरल, सहज और विनम्र अधिकारी हैदर अली जैदी नहीं रहे. लगभग चार सालों से कैंसर से संघर्ष कर रहे पूर्व आईपीएस हैदर अली जैदी कैंसर को नहीं हरा पाए और आज सुबह उनका इंतकाल हो गया.

आईपीएस हैदर अली जैदी एडिशनल पुलिस कमिशनर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. जैदी अपने हंसमुख मिजाज, मिलनसार व्यवहार और सबको साथ लेकर चलने के लिए मशहूर थे.

बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता रहे दिवंगत इरफान खान के साथ स्कूल और कॉलेज शिक्षा लेने वाले हैदर अली जैदी पढ़ाई-लिखाई में शुरू से अच्छे थे. उन्होंने अर्थशास्त्र में पीजी करने के बाद राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी की और बतौर आरपीएस अधिकारी अपना करियर शुरू किया.

राजस्थान में विभिन्न पदों पर सेवाएं दी और आईपीएस बने. सेवानिवृत्त होने तक हैदर अली जैदी डीआईजी तक पहुंचे और एक के बाद जो भी जिम्मेदारी मिली उसमें काम, व्यवहार, सरसता के लिए विशेष पहचान बनाई. आईपीएस जैदी के अजीज दोस्त और बालसखा रहे एक्टर इरफान खान ने जब अंतिम सांस ली थी जैदी भरतपुर पुलिस अधीक्षक पद पर सेवाएं दे रहे थे. वह इलाज के दौरान इरफान से मिलने लंदन भी गए थे.

करंट से इरफान ने बचाई थी जान, इस बार कैंसर ने नहीं छोड़ा

हैदर अली जैदी के जीवनकाल में यह दूसरा मौका आया था जब उन्होंने जीवन और मृत्यु के बीच के संघर्ष में हार मान ली. पहली बार कॉलेज के दिनों में हैदर और इरफान एक साथ कॉलेज से घर जा रहे थे. रास्ते में हैदर को बिजली के करंट ने जकड़ लिया. हैदर को मरता देख, बाकी के कॉलेज साथी भाग छूटे थे, लेकिन इरफान तो यारों का यार था, भागा नहीं.
आईपीएस हैदर अली जैदी की सफलता और सेवानिवृत्ति:

  • राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं में सफलतापूर्वक सेवा
    अधिकारी के रूप में उनकी प्रमुखताएं और योगदान
    हैदर अली जैदी का जीवन:
  • बचपन से दोस्ती और सहयोग के अनमोल मूल्य
    कैंसर के खिलाफ योद्धा: संघर्ष और साहस
    दोस्ती और समर्थन:
  • इरफान खान के साथ गहरी दोस्ती और समर्थन
    जीवन के मुश्किल समयों में एक-दूसरे का साथ
    आखिरी संवाद:
  • इरफान खान की अप्रत्याशित मौत के बाद, हैदर की जीवन की अंतिम कहानी
    समाज में उनकी यादें और योगदान का आदर्श

इरफान ने खुद की जान जोखिम में डालकर हैदर की जान बचाई थी. हैदर जब भी इरफान की चर्चा करते, इस वाकये को बतलाना नहीं भूलते थे. लेकिन इस दफे हैदर की जंग करंट से नहीं कैंसर से थी और सबसे अजीज दोस्त इरफान भी साथ नहीं था. पूर्व आईपीएस हैदर अली जैदी साहब के परिवार से मिली जानकारी के अनुसार उनकी तदफीन आज शाम 4 बजे घाटगेट कब्रिस्तान, जयपुर में की गई.