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नासिर साहब जिंदाबाद या पाकिस्तान जिंदाबाद ! पुलिस में शिकायत दर्ज

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, हैदराबाद

लोकसभा चुनाव करीब आते ही झूठ और सांप्रदायिकता फैलाने का बाजार गर्म हो गया है. अब तक इस खेल में ‘मेन स्ट्रीम’ मीडिया ही शामिल थी, पर अब रीजनल समाचार चैनल भी इसका महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं.ताजा मामला दक्षिण भारत से है. देश के इस हिस्से में भारतीय जनता पार्टी सिमटती जा रही है. कर्नाटक और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के परिणाम यह संकेत दे चुके हैं. लोकसभा चुनाव में भी उसके हाथ से दक्षिण भारत की सीटें न निकल जाएं, उसे बचाने के लिए, यदि मीडिया की मानें तो खुला खेल शुरू हो चुका है.

एक ताजे मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने आया. इस दौरान जुटी कांग्रेसियों की भारी भीड़ को देखते हुए ‘भाजपा आईटी सेल ने ‘मट्ठा डालने’ की कोशिश की.इस बारे में सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाले झूठ की पोल खोलने वाले मुहम्मद जुबैर ने ऐसे कई सबूत पेश किए हैं, जिन्हंे सच मानें तो इस झूठ को फैलाने में दक्षिण भारत के कुछ स्थानीय न्यूज चैनल आगे रहे.

हुआ यूं कि खड़गे की मौजूदगी में स्थानीय कद्दावर कांग्रेस नेता नाहिसर हुसैन के समर्थकों ने उनके पक्ष में ‘नासिर हुसैन जिंदाबाद’ के नारे लगाए. मगर भाजपा समर्थक चैनलों और भाजपा नेताओं ने इसे फैला दिया कि नासिर हुसैन जिंदाबाद के नारे नहीं, ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए गए. हालांकि यहां अहम सवाल बनता है कि जब वहां ऐसा कोई माहौल नहीं था तो कोई अकारण पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे क्यों लगाए गए. मगर इस तर्क पर गौर किए बिना मीडिया वालों ने झूठ फैला दिया. यहा नहीं एक सोची समझी रणनीति के तहत एक्स पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ ट्रेंड भी कराया गया.

इस ‘झूठ’ पर से पर्दा उठाने के लिए अल्ट न्यूज के मुहम्मद जुबैर ने एक के बाद एक कई ट्वीट किया हैं. यदि इसे सही मान लिया जाए तो इस ‘डर्टी गेम’ में दक्षिण भारत की मीडिया और बीजेपी के लोग सीधे-सीधे शामिल हैं. अपने एक ट्वीट में जुबैर लिखते हैं, ‘‘वहां मौजूद कम से कम 5 न्यूज रिपोर्टर्स ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे सुनने से साफ इनकार कर दिया है.’’

इसी संदेश में वह आगे लिखते हैं-‘‘यहां दूसरे एंगल से वीडियो है. शख्स कहता है ‘नासिर हुसैन जिंदाबाद…नासिर साब जिंदाबाद’. लेकिन स्थानीय समाचार चैनलों ने इस सांप्रदायिक दुष्प्रचार अभियान को चलाया, जिसे अब भाजपा आईटी सेल प्रमुख और भाजपा सांसद सहित भाजपा सदस्यों ने उठाया है.’’

जुबैर ने अपने ट्वीट में लिखा है-‘‘भाजपा सदस्य इसी तरह के दुष्प्रचार अभियान चलाने के लिए जाने जाते हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ नारे से संबंधित गलत सूचना से संबंधित कम से कम 20 तथ्य जाँचें लिखें.’’

इस दुष्प्रचार में कन्नड़ चैनलों की ओर इशारा करते हुए हुबैर एक अन्य ट्वीट में लिखते हैं,‘‘कन्नड़ न्यूज चैनल ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगने का झूठ फैला रहे हैं. ‘ नासिर साब जिंदाबाद’ कहा. न्यूज चैनलों के झूठ को भाजपा नेता जैसे लोग उठाते हैं.

यहां तक कि वहां मौजूद पत्रकारों ने भी पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए जाने से इनकार किया है.’’जुबैर ने आगे लिखा, ‘‘‘नासिर साब जिंदाबाद’ कहने वाले उनके समर्थकों को कई कन्नड़ समाचार चैनलों ने इस दावे के साथ रिपोर्ट-शेयर किया है कि यह ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ है.इसे अब कई बीजेपी समर्थक भी शेयर कर रहे हैं.’’

ऐसे लोग शायद भूल गए कि दुष्प्रचार कर देश का माहौल बिगाड़ने के आरोप में उन्हें जेल में भी डाला जा सकता है. अभी गुजरात के एक जेल में एक मौलाना को इस लिए डाल दिया गया कि उन्होंने अपने जलसा में एक क्रांतिकारी शेर पढ़ा था.

कर्नाटक भाजपा ने राज्यसभा सांसद नसीर हुसैन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई

कर्नाटक भाजपा ने मंगलवार देर रात राज्यसभा सांसद नसीर हुसैन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कांग्रेस नेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई, क्योंकि आरोप लगा कि उनके समर्थकों ने राज्यसभा चुनाव में उनकी जीत का जश्‍न मनाते हुए विधानसभा परिसर में कथित तौर पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए थे.

भाजपा एमएलसी एन. रविकुमार और पार्टी विधायक व मुख्य सचेतक डोड्डानगौड़ा पाटिल ने हुसैन और उनके समर्थकों के खिलाफ विधान सौध पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.

कहा गया है, “विधान सौध में 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव के बाद नसीर हुसैन और उनके कई समर्थक शाम को मतगणना क्षेत्र के पास एकत्र हुए थे. पता चला कि शाम करीब 7 बजे रिटर्निंग ऑफिसर ने घोषणा की कि नसीर हुसैन विधिवत निर्वाचित हो गए हैं.“

“इसके बाद कांग्रेस नेता के कहने पर नसीर हुसैन के समर्थकों ने अचानक अपने नेता की जय-जयकार करते हुए जोर-जोर से ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए. ऐसा लग रहा था, जैसे नसीर हुसैन के ये समर्थक नसीर हुसैन के राज्यसभा के लिए चुने जाने पर पाकिस्तान की तारीफ कर रहे हों.“

“ऐसा नारा राष्ट्रीय सम्मान का खुला अपमान है और भारत की अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ अपराध है. यह बयान आईपीसी की धारा 505 के तहत सार्वजनिक शरारत के लिए अनुकूल है, क्योंकि इसका उद्देश्य डर पैदा करना और सरकार के खिलाफ नफरत भड़काना है.”

शिकायत में आगे कहा गया है, “यह कृत्य राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत भी दंडित किया जा सकता है। अधिनियम की धारा 2 के तहत, जो कोई भी भारतीय राष्ट्रीय ध्वज या भारत के संविधान का अनादर करेगा, उसे अधिकतम तीन साल कारावास की सजा दी जाएगी.”

इस बीच, नसीर हुसैन ने कहा है कि उनके समर्थकों ने ‘नसीर हुसैन जिंदाबाद’ का नारा लगाया था, न कि वह जो मीडिया का एक वर्ग दावा कर रहा है.उन्होंने कहा, “जांच होने दीजिए। आज के समय में तकनीक काफी उन्नत है…यह एक साजिश हो सकती है.”