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शाहबाज शरीफ आज लेंगे प्रधानमंत्री पद की शपथ, विपक्ष से सहयोग की अपील

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, इस्लामाबाद

नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ आज पद की शपथ लेंगे, सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री को शपथ दिलाएंगे.नवनिर्वाचित प्रधान मंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने नेशनल असेंबली में अपने पहले संबोधन के दौरान विपक्ष को ‘काउंसिल ऑफ़ इकोनॉमी’ और ‘काउंसिल ऑफ़ रिकंसिलिएशन’ के लिए आमंत्रित किया.

शपथ ग्रहण समारोह Monday दोपहर 3 बजे राष्ट्रपति भवन में होगा, जिसके लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं.नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण के लिए निमंत्रण जारी कर दिया गया है.नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी शपथ दिलाएंगे.

नवनिर्वाचित प्रधान मंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने नेशनल असेंबली में अपने पहले संबोधन के दौरान विपक्ष को ‘काउंसिल ऑफ़ इकोनॉमी’ और ‘काउंसिल ऑफ़ रिकंसिलिएशन’ के लिए आमंत्रित किया और कहा कि असेंबली में शोर के बजाय चेतना का राज होना चाहिए था.

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उन्होंने कहा कि ‘आइए साथ आएं ताकि इस शोर को चेतना में बदला जा सके, हम मिलकर पाकिस्तान की किस्मत बदल देंगे. हमने धैर्य से काम लिया. हमने बदले की राजनीति के बारे में कभी नहीं सोचा. हमने अपनी राजनीति का बलिदान देकर देश को बचाया. देश को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है’ चुनौतियाँ.

शाहबाज शरीफ ने कहा है कि ”कुदरत ने पाकिस्तान को हर नेमत से नवाजा है. हम मंझधार में फंसी नाव को किनारे लगाएंगे. हम देश की चुनौतियों से मिलकर निपटेंगे.हम देश की नैया को मंझधार से निकालकर किनारे तक ले जाएंगे.”हम एक वर्ष में सरकार की पहल के परिणाम देखने का प्रयास कर रहे हैं.शाहबाज शरीफ के भाषण के दौरान, मुस्लिम लीग (एन) के सदस्यों ने घरी चोर के नारे लगाए, जबकि सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल ने वोट चोरी के नारे लगाए.
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शाहबाज शरीफ ने कहा कि हमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना चाहिए, सुरक्षा बल अपनी जान की कुर्बानी देकर देश और कौम की रक्षा कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ ने पाकिस्तान में निर्माण और विकास की बड़ी परियोजनाएं शुरू कीं. उनके ख़िलाफ़ बेबुनियाद मुक़दमे बनाए गए और उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया. लेकिन उन्होंने कभी भी पाकिस्तान के हितों के ख़िलाफ़ नहीं बोला.

उन्होंने पीटीआई का नाम लिए बिना कहा कि हमारे और दूसरे पक्ष के बीच यही अंतर है. जब उनकी बारी आई तो उन्होंने पूरे विपक्ष को सलाखों के पीछे डाल दिया। ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता.उन्होंने अपने दोनों प्रांतों के वित्त मंत्रियों से कहा कि वे आईएमएफ के मुद्दे पर मदद न करें. इस देश ने देखा कि 9 मई को संस्थाओं पर हमला हुआ. क्या यह क्षम्य है? यह निर्णय न्याय और कानून द्वारा किया जाना है.

शाहबाज शरीफ ने कहा कि हमारे सामने दो रास्ते थे. एक रास्ता था राजनीति को बचाने का और दूसरा रास्ता था देश को बचाने के लिए बलिदान देने का. हमने कभी बदला लेने के बारे में नहीं सोचा. हमने धैर्य से काम लिया.उन्होंने कहा कि हम मिलकर हिमालयी चुनौतियों से निपटेंगे और पाकिस्तान को महान बनाएंगे. ये कहना आसान है लेकिन मुश्किल. यह मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं.

उन्होंने कहा कि इस बजट के दौरान कुल राजस्व 12 हजार तीन सौ अरब रुपये रहने का अनुमान है. प्रांतों को विभाजित करने के बाद केवल सात हजार तीन सौ अरब शेष रह जाते हैं. ब्याज भुगतान आठ हजार अरब है। सात सौ अरब का नुकसान हुआ है. विकास परियोजनाओं, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए पैसा कहां से आएगा? सरकारी कर्मचारियों का वेतन कहां से दिया जाएगा? ये सब कई सालों से लोन पर दिया जा रहा है.

हमारी स्थिति यह हो गई है कि हमने 80,000 अरब रुपये का बाहरी और आंतरिक कर्ज ले लिया है. हमें सिस्टम की गहरी सर्जरी करनी होगी. बुनियादी सुधार करने होंगे.बिजली को लेकर उन्होंने कहा कि ‘हमारे सामने एक और चुनौती बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी है. बिजली का रिवॉल्विंग क्रेडिट 2300 अरब तक पहुंच गया है.

उत्पादन और प्राप्ति के बीच 1000 रुपये का अंतर है. यदि बाल्टी में छेद हो तो उसमें जितना पानी डालोगे उतना ही बाहर निकलेगा. एक हजार अरब रुपये की सब्सिडी देने के बावजूद पांच से छह सौ अरब रुपये की बिजली चोरी होती है.