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क्या संदेशखाली के शाहजहां शेख लोकसभा चुनाव की सियासत के शिकार हो गए

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, कोलकाता

क्या संदेशखाली के शाहजहां शेख लोकसभा चुनाव की सियासत के शिकार हो गए ? यह अहम सवाल इसलिए है कि मीडिया ट्रायल, कोलकाता हाई कोर्ट के जज का बीजेपी में शामिल होना और संदेशखाली की महिलाओं से नरेंद्र मोदी की मुलाकात, यह सब संयोग नहीं हो सकता.

एक अहम सवाल यह भी है कि शाहजहां शेख की यदि तूती बोल रही थी, वह बड़ा माफिया था और उनके गुर्गे सरकारी लाभ देने के बहाने महिलाओं का शारीरिक शोषण कर रहे थे तो यह सब अचानक चुनाव के समय कैसे सामने आया ? एक महिला का वीडियो वायरल होते ही आखिर पश्चिम बंगाल की सियासत क्यों उबाल मारने लगी ? कोलकाता हाई कोर्ट के जज ने आखिर तुरंत फुरंत सीबीआई को यह मामला क्यों सौंप दिया ?

अभी कोलकाता हाई कोर्ट के एक जज जस्टिस गंगोपाध्याय ने इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने शिक्षा भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई और ईडी से कराने के आदेश दिए थे. ऐसे मामले में कोलकाता हाई कोर्ट के जज जितनी स्फूर्ति दिखाते हैं, क्या पेंडिंग मामलों को निपटाने में इतनी चुस्ती दिखाते हैं ? विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं कि ऐसे न्यायाधीशियों के फैसलों की क्या विश्ववसनीयता रह जाएगी, जो अदालत की कुर्सी से उतरते ही राजनीति में आ जाते हैं.

मीडिया संदेशखाली के शाहजहां शेख को ‘आतंक‘ और डाॅन बता रहा है. मगर सबूत के तौर पर ऐसी चार घटाओं का भी रिपोर्ट में उल्लेख नहीं कर है जिससे पता चले कि वास्तव में शाहजहां शेख किसी आतंक का नाम है. कोई ईंट भट्टे पर मजदूरी कर करोड़पति बने तो क्या यह गुनाह है ?

क्या प्राॅपर्टी का कारोबार करना अपराध है ? अब तक की जांच में उसके आठ करोड़ रूपये की संपत्ति का पता चला है. मगर मीडिया में 1800 करोड़ रूपये तक की बात कही जा रही है. शाहजहां पर एक हजार के राशन घोटाला में शामिल होने का आरोप है. याद रहे यह केवल आरोप है. साबित नहीं हुआ है. वह भी इसे मुख्य आरोपी नहीं बताया गया है. मगर मीडिया उसे विलन बनाने पर आमादा है.आरएसएस की पत्रिका पांचजन्य ने तो इसपर विशेषांक ही निकाल दिया-‘संदेशखाली आहत ‘ममता’ लज्जित मान.

रही बात ईडी के लोगों पर इसके समर्थकों के हमला करने की तो इसमें भी शाहजहां सीधे-सीधे इन्वाल्व नहीं लगता. मगर मीडिया और बीजेपी इस पूरे मामले को इस तरह पेश कर रहे हैं मानों पश्चिम बंगाल की सारी गंदगी शाहजहां शेख के कारण है. इस जैसे इस देश में न जाने कितने शाहजहां शेख घूम रहे हैं. देश वासियों ने कई करोड़ों के घोटालेबाजों को बीजेपी में शामिल होकर पवित्र होते देखा है. तब तो किसी जज ने ऐसे लोगों की जांच के आदेश नहीं दिए !

दरअसल, बीजेपी पश्चिम बंगाल के जिस इलाके में विस्तार करना चाहती है, वहां टीएमसी के शाहजहां शेख उनके लिए बड़ा रोड़ा साबित हो रहे थे. उनके समर्थक इस इलाके में इतने ज्यादा हैं कि शाहजहां शेख के रहते बीजेपी की सियासत परवान नहीं चढ़ सकती. शाहजहां के जेल जाने के बाद भी बीजेपी को सफलता मिलेगी, इसमें संदेह है.