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गाजा अस्पताल में 300 फिलिस्तीनियों मार कर दफनाया, इजरायली सेना ने किया आरोपों का खंडन

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,जिनेवा

संयुक्त राष्ट्र द्वारा इजरायली घेराबंदी के दौरान हुई मौतों की अंतरराष्ट्रीय जांच के आह्वान के बाद, इजरायली सेना ने मंगलवार को उन आरोपों को खारिज कर दिया कि उसके सैनिकांे ने गाजा अस्पताल में फिलिस्तीनियों को सामूहिक कब्रों में दफनाया था. इजरायल पर इसके लिए युद्ध अपराध का आरोप लगाया गया है.

सेना ने एक बयान में कहा कि बंधकों की तलाश के तहत नासिर अस्पताल में पहले से दफनाए गए शवों की जांच की गई.संयुक्त राष्ट्र अधिकार कार्यालय ने कहा कि वह गाजा के सबसे बड़े अस्पताल, गाजा शहर में अल-शिफा और इसके दूसरे सबसे बड़े, खान यूनिस में नासिर मेडिकल कॉम्प्लेक्स के विनाश से भयभीत है.

इसने इजरायली घेराबंदी में नष्ट हुए दो गाजा अस्पतालों में सामूहिक कब्रों की रिपोर्ट की अंतरराष्ट्रीय जांच का आह्वान किया. फिलिस्तीनी क्षेत्र की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने नासिर अस्पताल में मारे गए और दफनाए गए 200 से अधिक लोगों के शवों को बरामद किया है, जिसे पिछले महीने इजरायली सैनिकों ने घेर लिया था.

अप्रैल की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि अल-शिफा को इजरायली घेराबंदी द्वारा नष्ट कर दिया गया है, जिससे एक खाली खोल निकल गया जिसमें कई शव थे.संयुक्त राष्ट्र अधिकार कार्यालय ने मंगलवार को मौतों की स्वतंत्र, प्रभावी और पारदर्शी जांच की मांग की.
संयुक्त राष्ट्र के अधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने एक बयान में कहा, दंड से मुक्ति के मौजूदा माहौल को देखते हुए, इसमें अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं को शामिल किया जाना चाहिए.अस्पताल, जो अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत संरक्षित हैं, गाजा में छह महीने से अधिक समय से चले आ रहे युद्ध के दौरान बार-बार इजरायली बमबारी का शिकार हुए हैं.इजराइल ने फिलिस्तीनी समूह हमास पर गजान चिकित्सा सुविधाओं को कमांड सेंटर के रूप में उपयोग करने और 7 अक्टूबर को इजराइल के अंदर अपने हमले के दौरान अपहरण किए गए बंधकों को रखने का आरोप लगाया है.हमास ने उन दावों का खंडन किया है.

अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन

तुर्क ने बताया, अस्पताल अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत बहुत विशेष सुरक्षा के हकदार है. नागरिकों, बंदियों और युद्ध में भाग लेने वाले अन्य लोगों की जानबूझकर हत्या एक युद्ध अपराध है.संयुक्त राष्ट्र अधिकार कार्यालय ने कहा कि उसके पास स्वतंत्र जानकारी तक पहुंच नहीं है कि दोनों अस्पतालों में क्या हुआ था.
लेकिन प्रवक्ता रवीना शामदासानी ने कहा कि गाजा अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्टों और विवरणों की पुष्टि करने के प्रयास जारी हैं.उनका कहना है कि नासिर अस्पताल से 283 शव बरामद किए गए, जिनमें से 42 की पहचान की जा चुकी है.
उन्होंने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा, पीड़ितों को कथित तौर पर जमीन में गहराई तक दफनाया गया और कचरे से ढक दिया गया.

उन्होंने बताया कि मृतकों में बुजुर्ग , महिलाएं और घायल शामिल हैं.अन्य लोगों के कथित तौर पर हाथ बंधे हुए और उनके कपड़े उतारे हुए पाए गए थे.जहां तक अल-शिफा का सवाल है, इजरायली सेना ने कहा है कि अस्पताल में उसके सैन्य अभियान के दौरान लगभग 200 फिलिस्तीनी मारे गए.
शमदासानी ने उन रिपोर्टों की ओर इशारा किया जो दर्शाती हैं कि यह संख्या कम अनुमानित हो सकती है.अल-शिफा अस्पताल के प्रांगण में दो कब्रों में लगभग 30 शव दबे होने की सूचना है.शमदासानी ने कहा, ऐसी खबरें हैं कि इनमें से कुछ शवों के हाथ भी बंधे हुए थे.
अब तक, उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र दो अस्पतालों में मारे गए लोगों के सटीक आंकड़ों की पुष्टि नहीं कर सकता. यह रेखांकित करते हुए, यही कारण है कि हम अंतरराष्ट्रीय जांच की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं.उन्होंने कहा, स्पष्ट रूप से कई शव खोजे गए हैं.
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के हाथ बंधे होने की खबरें अंतरराष्ट्रीय कानून के ष्गंभीर उल्लंघन का संकेत देती हैं.इन्हें आगे की जांच के अधीन करने की आवश्यकता है.वे इस भयावह युद्ध में और अधिक रिपोर्ट नहीं हो सकते हैं जो बस रडार के नीचे से गुजरती हैं.