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मशहूर कोरियाई यूट्यूबर दाउद किम ने मस्जिद के नाम पर किया घोटा

समीरा यूसुफ

मशहूर कोरियाई यूट्यूबर दाउद किम ने इस्लाम अपना लिया है. उन्होंने इंस्टाग्राम पर जानकारी दी कि उन्होंने कोरिया में मस्जिद बनाने के लिए जमीन खरीदी है. उन्होंने अपने प्रशंसकों से मस्जिद बनाने के लिए दान देने का आग्रह किया. हालाँकि, आधिकारिक भूमि कागजात की कोई स्पष्ट तस्वीर साझा नहीं की गई है.

जांच में पता चला कि दाऊद किम द्वारा मस्जिद के लिए धन जुटाने के अभियान में पारदर्शिता का अभाव है. आरोप है कि दाउद किम ने एक निजी खाते में अवैध रूप से दान एकत्रित किए हैं.दाउद किम ने जमीन खरीद से संबंधित कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं दिखाया है. जहां वह मस्जिद निर्माण की बात कर रहे हैं, वहां के स्थानीय निवासी मस्जिद निर्माण का विरोध कर रहे हैं.

इसके कारण पूर्व कोरियाई पॉप गायक से यूट्यूबर बने दाउद किम अब गरमागरम बहस के केंद्र बन गए हैं. उन्होंने हाल में इंस्टाग्राम पर इस्लाम अपनाने की घोषणा की थी. साथ ही उसी समय किम ने कोरिया के इंचियोन में एक मस्जिद बनाने के अपने इरादे का ऐलान किया था.

उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि उन्होंने जमीन खरीदी है और मस्जिद बनाने के लिए दान चाहते हैं. हालाँकि, उन्होंने अभी तक जमीन खरीद की पुष्टि के लिए कोई आधिकारिक कागजात पेश नहीं किया है.

कानून नहीं देता इजाजत

दक्षिण कोरियाई कानून किसी को भी निजी खातों में दान एकत्र करने की अनुमति नहीं देता है.दान के लिए किम के आह्वान ने विवाद खड़ा कर दिया है. कोरियाई कानून निजी खातों के माध्यम से धार्मिक उद्देश्यों के लिए धन एकत्र करने पर प्रतिबंध लगाता है.विस्तृत योजना उपलब्ध कराए बिना, वित्तीय सहायता के लिए उनके अनुरोध ने भौंहें चढ़ा दी हैं. इसके अलावा, कोरिया में मस्जिद की स्थापना में भी जटिलताएं हैं.

किम के अतीत से स्थिति और भी जटिल हो गई है. यौन उत्पीड़न के आरोपों और अन्य विवादों ने उनकी प्रतिष्ठा को नष्ट कर दिया है. उनकी पत्नी मिया ने उन पर घरेलू दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. उन्होंने मीडिया को बताया कि किम तलाक की कार्यवाही से बचते हैं. इससे अविश्वास बढ़ा.

दाउद किम का माफीनामा वीडियो

यूट्यूबर दाउद किम ने एक माफी वीडियो बनाया और यौन उत्पीड़न के बारे में बात की.कानूनी विशेषज्ञों और प्रभावशाली लोगों ने इस मामले पर विचार किया है. फराह ली ने किम के धन उगाहने के तरीकों की वैधता पर चिंता व्यक्त की है. वह एक मलेशियाई प्रभावशाली व्यक्ति हैं जो कोरियाई कानूनों की जानकार हैं.

इसी तरह, एक कोरियाई प्रभावशाली व्यक्ति अयाना ने संभावित दानदाताओं को सतर्क रहने की सलाह दी है. अयाना ने कहा कि वे केवल कोरियाई मुस्लिम फेडरेशन जैसे आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त संगठनों में ही योगदान दें.राजनीतिक कार्यकर्ता ऑस्टिन बैशोर ने किम के साथ अपने अनुभव साझा किए हैं. उन्होंने इन्हें सतही बताया. उन्होंने उन कारणों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए जिन्हें वह बढ़ावा देते हैं.

जैसे-जैसे बहस जारी है, मस्जिद परियोजना का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है. मुस्लिम समुदाय पारदर्शिता और कानूनी प्रक्रियाओं के पालन का आह्वान कर रहे हंै. आशा है कि यदि परियोजना को आगे बढ़ाया गया, तो इसे वैध चैनलों के माध्यम से पूरा किया जाएगा.

दाउद किम ने अभी तक जमीन का कोई आधिकारिक कागजात साझा नहीं किया है. उन्होंने न तो मस्जिद बनाने की अनुमति प्राप्त करने की अपनी योजना बताई है.

दाउद किम के मस्जिद निर्माण पर संशय

दाउद किम की मस्जिद भूमि की वैधता के बारे में इस्लामी सूचना लेख के कुछ दिनों बाद, निवासियों ने भूमि पर मस्जिद के निर्माण का विरोध किया. आज तक, दाउद ने अभी भी कोई कानूनी दस्तावेज या भूमि निर्माण के कागजात सार्वजनिक नहीं किए हैं, जबकि लोग जानबूझकर इसे सार्वजनिक करने के लिए कह रहे हैं.

नमाजियों ने कहा कि आसपास इबादतगाह होने से उनकी संपत्तियों का अवमूल्यन हो जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस जमीन पर दाऊद मस्जिद बनाने का दावा कर रहे हैं, उस जमीन के मालिक ने अपनी रियल एस्टेट से तत्काल आधार पर अनुबंध खत्म करने को कहा है.इससे डुआड किम को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि उन्होंने अपने निजी खाते पर दान एकत्र किया है, जबकि इसकी अनुमति केवल घोषित संगठन-आधारित खाते में ही है.