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आरएसएस नेता के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के शिविरों में कांवड़िए सेवा-पानी कराने आएंगे या नहीं, अहम सवाल ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

कांवड़िए कहीं छुआ-छूत का शिकार होकर कांड़ यात्रा के दौरान हंगामा न मचाएं, इसके लिए प्रदेश सरकारों द्वारा दुकानदारांे के नाम की तख्तियां लगाने को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद एक अहम सवाल उठ खड़ा हुआ है. क्या आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार द्वारा संचालित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के शिविरों में जल-पान ग्रहण करने कांवड़िए आएंगे अथवा नहीं ? मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने एक आपात बैठक कर कांवड़ियों का स्वागत करने और शिविर लगा कर उनकी सेवा करने की योजना बनाई है.

  • मुख्य सवाल: आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार द्वारा संचालित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के शिविरों में कांवड़ियों को सेवा और पानी मिलेगा या नहीं, यह एक बड़ा सवाल बन गया है.
  • सरकारी विवाद: प्रदेश सरकारों ने दुकानदारों पर नाम की तख्तियां लगाने का आदेश दिया है, जिससे कांवड़ियों को छुआ-छूत के आधार पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
  • मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की योजना: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कांवड़ियों के स्वागत और सेवा के लिए शिविर लगाने की योजना बनाई है, जिसमें पुष्प वर्षा, शीतल जल, फल, जूस और लंगर की व्यवस्था होगी.
  • सरकारी आदेश पर दुविधा: अभी तक सरकारी स्तर पर यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के शिविरों को अनुमति मिलेगी या नहीं और क्या उनके पास कोई बैकअप प्लान है.
  • विपक्ष की आलोचना: मंच ने आरोप लगाया है कि विपक्षी दल योगी आदित्यनाथ के आदेशों को तोड़-मरोड़ कर सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
  • सामाजिक सौहार्द: मंच ने इस्लाम की शिक्षाओं के आधार पर कांवड़ियों की सेवा करने की प्रतिबद्धता जताई है और इसके माध्यम से शांति और भाईचारा बनाए रखने की कोशिश की है.
  • बैठक की जानकारी: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की बैठक में देश भर से जुड़े कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि ऑनलाइन जुड़े.
  • विपक्षी नेताओं की आलोचना: मंच ने राहुल गांधी और अखिलेश यादव को विपक्षी नेताओं के रूप में आलोचना की, जो उनके अनुसार सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
  • आस्था का सम्मान: मंच ने इस बात का आश्वासन दिया है कि कांवड़ियों की आस्था और गरिमा का पूरा ध्यान रखा जाएगा, जैसा कि मुस्लिम विक्रेता रमजान और मुहर्रम के दौरान हिंदू आस्था का सम्मान करते हैं.

कहने को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच मुसलमानों का संगठन है, जिसे इंद्रेश कुमार चलाते हैं.सवाल उठाया जा रहा है कि जब मुस्लिम दुकानदारों के प्रतिष्ठानांे या रेहड़ियों पर कांवड़ उठाने वाले हिंदू जाने से बचंेगे तो मुस्लिम मोर्चा के शिविरों में आकर वे कैसे खान-पान करेंगे ?

हालांकि प्रदेश सरकारों की ओर से अब तक यह अधिकारिक बयान नहीं आया है कि मुस्लिम मोर्चा के शिविर लगने दिए जाएंगे या नहीं तथा मुस्लिम मोर्चा के पास सरकार के इस नए आदेश से निपटने के लिए क्या बैकअप प्लान है, ताकि कांवड़ियों की सेवा भी हो और सरकारी आदेश को ठेस भी न पहुंचे !

बता दूं कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने घोषणा की है कि इस वर्ष भी कांवड़ियों का स्वागत पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ किया जाएगा.मंच ने कहा है कि कांवड़ियों के लिए शिविर लगाए जाएंगे, जहाँ उन्हें पुष्प वर्षा, शीतल जल की फुहारें, जल, फल, जूस, लंगर और एक शुद्ध वातावरण प्रदान किया जाएगा.

नई दिल्ली के मोतियाखान स्थित मंच के कार्यालय में शनिवार शाम को आयोजित आपात बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक में देशभर से जुड़े कार्यकर्ताओं ने ऑनलाइन भाग लिया, जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, बंगाल, नॉर्थ ईस्ट, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, और कर्नाटक के लोग शामिल थे.

बैठक में यह भी तय हुआ कि विपक्षी दलों की कोशिशों का मजबूत जवाब देना होगा, क्योंकि वे लगातार असफलता के कारण बौखलाए हुए हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का पालन करते हुए, फल, फूल, जूस, जलपान और भोजनालय पर स्पष्ट नाम लिखे जाएंगे ताकि समाजिक सौहार्द बना रहे और आस्था में डूबे लोगों को अपनी पसंद की सामग्री मिल सके.

मंच के राष्ट्रीय संयोजक मंडल के सदस्य मोहम्मद अफजाल, सैय्यद राजा हुसैन रिजवी, अबू बकर नकवी, वर्ग पचपोर और गिरीश जुयाल ने आश्वासन दिया कि कांवड़ियों की यात्रा के लिए हर वर्ष की तरह शिविर लगाए जाएंगे. इनमें विश्राम, शुद्ध जलपान, भोजन और पानी की व्यवस्था होगी.

मंच ने कहा कि विपक्ष के नेता जैसे राहुल गांधी और अखिलेश यादव भले ही योगी आदित्यनाथ के आदेशों को तोड़-मरोड़ कर सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मुस्लिम समाज को इन प्रयासों का मुंहतोड़ जवाब देते हुए हिंदू भाइयों की आस्था और गरिमा का पूरा ध्यान रखना होगा.

मंच की राष्ट्रीय महिला मंडल की ओर से डॉ. शालिनी अली, रेशमा हुसैज, शमीम बानो और शहनाज अफजल ने कहा कि इस्लाम में वतन से प्रेम को सर्वोपरि माना गया हैण् जैसे हिंदू समाज रमजान और मुहर्रम के दौरान मुस्लिम आस्था का सम्मान करता है, वैसे ही मुस्लिम विक्रेता कांवड़ियों की आस्था का सम्मान करते हुए पवित्रता और शुद्धता का ख्याल रखेंगे। इससे शांति, अमन, भाईचारा और सौहार्द बना रहेगा.

बैठक में कई प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें मोहम्मद अफजाल, शाहिद अख्तर, गिरीश जुयाल, अबू बकर नकवी, एसके मुद्दीन, हाजी साबरीन, मोहम्मद फैज, शालिनी अली, ताहिर हुसैन, सैयद रजा हुसैन रिजवी, मजाहिर खान, ठाकुर राजा राइस, इलियास अहमद, खुर्शीद रजाका, रेशमा हुसैन, इस्लाम अब्बास, महताब आलम, मोहम्मद इरफान, शमीम बानो, तसनीम पटेल, नसीम सुल्ताना, मोहम्मद फारूक, इमरान हुसैन, मोहम्मद हसन नूरी, केशव पटेल, इमरान चैधरी, मोहम्मद अलकास, मोहम्मद अजहरुद्दीन, चांदनी बानो, ताहिर शाह, सूफी मलंग शाह, शाकिर हुसैन, हबीब मोहम्मद चैधरी, मोहम्मद मुस्तकीम, सीमा जावेद, कल्लू अंसारी, और अंजुम अंसारी शामिल थे. हालांकि, इस बैठक के बाद मुसलमानों और कांवड़ियों में दुविधा बढ़ गई है.