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साउथपोर्ट दंगे: मुस्लिम विरोधी हिंसा और दक्षिणपंथी खतरे की गूंज

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, लंदन

उत्तरी इंग्लैंड के साउथपोर्ट शहर में हाल ही में चाकू से किए गए हमले के बाद सोशल मीडिया पर मुस्लिम विरोधी दुष्प्रचार ने इस्लामोफोबिक और दक्षिणपंथी हिंसा को बढ़ावा दिया है. इंग्लिश डिफेंस लीग ( एक मुस्लिम विरोधी दक्षिणपंथी समूह ) के सदस्य सहित लगभग 300 लोगों की भीड़ ने मंगलवार रात लिवरपूल के पास एक मस्जिद को निशाना बनाया. पुलिस पर हमला किया. कारों को आग लगा दी और संपत्तियों को नुकसान पहुँचाया.

इस हिंसा में 50 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए, जिसमें फ्रैक्चर, कट और मस्तिष्काघात शामिल हैं. प्रधानमंत्री कीर स्टारमर सहित शीर्ष नेताओं ने इस हिंसा की कड़ी निंदा की है. बुधवार देर रात तक हिंसा का सिलसिला सेंट्रल लंदन तक फैल गया, जहां दक्षिणपंथी समर्थकों की भीड़ ने पुलिस के साथ झड़प की, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए और 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया.

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पूर्वोत्तर इंग्लैंड के हार्टलपूल शहर में भी गुरुवार की सुबह तक अशांति जारी रही. एक वाहन को आग के हवाले कर दिया गया . मुरे स्ट्रीट के आसपास दंगे किए गए. यह एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. इन दंगों की जड़ें ऑनलाइन गलत सूचना में थीं, जिसमें दावा किया गया कि संदिग्ध एक मुसलमान और प्रवासी था, जिसने टेलर स्विफ्ट थीम वाली डांस क्लास में तीन नाबालिग लड़कियों की हत्या कर दी और अन्य बच्चों और वयस्कों को घायल कर दिया.

हालांकि, पुलिस ने पुष्टि की है कि संदिग्ध एक 17 वर्षीय व्यक्ति था, जो वेल्स की राजधानी कार्डिफ़ में पैदा हुआ था और साउथपोर्ट के पास एक गाँव में रहता था. मर्सीसाइड पुलिस की मुख्य कांस्टेबल सेरेना कैनेडी ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में और अधिक हिंसा और दंगों की आशंका है, जिसमें “संभावित रूप से सप्ताहांत तक” विरोध प्रदर्शनों की योजना की जानकारी दी गई है.

लिवरपूल सिटी क्षेत्र के मेयर स्टीव रोथरम ने भी यू.के. और यूरोप में बढ़ते दक्षिणपंथी उग्रवाद के गंभीर खतरे को स्वीकार किया. उन्होंने कहा, “हम पूरे यूरोप में दक्षिणपंथी उग्रवाद देख रहे हैं. हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम फर्जी खबरों और झूठे आख्यानों का मुकाबला करें, जिनका सहारा लेकर ये लोग समर्थन पाने की कोशिश कर रहे हैं.”

साउथपोर्ट में, निवासियों ने मुस्लिम समुदाय का समर्थन करने और शहर को साफ करने के लिए एकजुट होकर काम किया. मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए लोगों ने गिराई गई दीवार से ईंटें हटाईं. साउथपोर्ट मस्जिद के प्रमुख इब्राहिम हुसैन ने पुलिस और समुदाय के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया. कहा कि “हम पर बिना किसी कारण के हमला किया गया… हमें पता नहीं कि यह दुष्ट कार्य किसने किया.”

उन्होंने यह भी जोर दिया कि दंगाई साउथपोर्ट से नहीं थे,. बाहरी आंदोलनकारी थे जो “यू.के. में अलग-अलग जगहों पर वापस चले गए.” मस्जिद में अज़ान देने वाले मुअज़्ज़िन फ़ारूक अहमद ने हुसैन की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि “हमारा धर्म बहुत शांतिपूर्ण है. हम इस खलनायक का समर्थन नहीं करते हैं.”

स्थानीय निवासी टोनी यंग और ग्वेनेथ डिक्सन ने भी इस नस्लवाद और हिंसा पर आश्चर्य और निराशा व्यक्त की. यंग ने कहा कि समुदाय ने “एक साथ आकर और एक-दूसरे का समर्थन करके” एकता का मजबूत प्रदर्शन किया है, जबकि डिक्सन ने इस तरह की नफरत और हिंसा को “भयानक और भयावह” बताया.