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इजरायली सैनिकों की गोली से वेस्ट बैंक में यूएस-तुर्की महिला की मौत, तुर्की ने की निंदा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,रामल्लाह, वेस्ट बैंक

इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में बसने वालों के खिलाफ प्रदर्शन में इजरायली सैनिकों द्वारा सिर में गोली लगने से एक यूएस-तुर्की की दोहरी नागरिकता रखने वाली महिला की मौत हो गई. इस घटना की पुष्टि आधिकारिक फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी WAFA ने की है.

यूएस विदेश विभाग और तुर्की के विदेश मंत्रालय दोनों ने आयसेनुर एज़गी ईगी की मौत की पुष्टि की. तुर्की मंत्रालय ने कहा कि ईगी को इजरायली सैनिकों ने मारा और इस घटना को “नेतन्याहू सरकार द्वारा की गई हत्या” करार दिया.

इजरायली सेना ने कहा कि वह इस क्षेत्र में हुई गोलीबारी के बाद एक विदेशी नागरिक की मौत की जांच कर रही है. घटना की परिस्थितियों की समीक्षा की जा रही है.यूएस विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, “हम वेस्ट बैंक में आज एक अमेरिकी नागरिक, आयसेनुर ईगी की दुखद मौत से अवगत हैं.

हम उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.” उन्होंने आगे कहा, “हम उनकी मौत की परिस्थितियों के बारे में तत्काल जानकारी जुटा रहे हैं. अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है.”

राफिदिया अस्पताल, नब्लस के प्रमुख, डॉ. फौद नफा ने बताया कि महिला गंभीर हालत में अस्पताल लाई गई थी. उसके सिर में गंभीर चोट थी. उन्होंने कहा, “हमने उसे पुनर्जीवित करने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से उसकी मौत हो गई.”

WAFA के अनुसार, यह घटना नब्लस शहर के पास बेइता में हुई, जहाँ बसने वालों के हमलों के खिलाफ नियमित विरोध मार्च का आयोजन होता है, तुर्की विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “इजरायल उन सभी को डराने की कोशिश कर रहा है जो फिलिस्तीनी लोगों की सहायता के लिए आते हैं और नरसंहार के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध करते हैं.”

पश्चिमी तट पर फिलिस्तीनी गांवों पर इजरायली बसने वालों के हमलों में वृद्धि ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है. संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई पश्चिमी सहयोगियों ने इन हमलों की निंदा की है. कई व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं.

कुछ हफ्ते पहले जिट नामक एक फिलिस्तीनी गांव पर लगभग 100 बसने वालों ने हमला किया था, जिसे वैश्विक स्तर पर निंदा का सामना करना पड़ा था. इजरायली सरकार ने हिंसा के दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का वादा किया है.

फिलिस्तीनी और मानवाधिकार समूह नियमित रूप से इजरायली सुरक्षा बलों पर आरोप लगाते हैं कि वे बसने वालों के हमलों के दौरान मूकदर्शक बने रहते हैं या कभी-कभी स्वयं इसमें शामिल होते हैं.