ईद मिलाद पर पेशावर में अफगान राजनयिकों की हरकत से पाक-अफगान रिश्तों में बढ़ी तल्खी
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,इस्लामाबाद
दुनिया जब इस्लाम और मुसलमान को घुटने टिकाने को मजबूर करने पर आमादा है. इसके लिए नए-नए अवसर ढूंढे जा रहे हैं. लेबनान में पेजर और वाॅकी टाॅकी मंे विस्फोट कर इजरायल जैसा मुस्लिम विरोधी देश लाशें बिछा रहा है. इन हालातांे में भी दो पड़ोसी मुस्लिम देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कड़वाहट खत्म नहीं हो रही है. हद यह कि दोनों एक दूसरे को नीचा दिखाने का मौका ढूंढते रहते हैं.
ऐसा ही एक मामला हाल में पाकिस्तान के पेशावर में देखने को मिला. ईद मिलाद पर पेशावर में रहमत-उल-आलमीन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था. इस दौरान जो नजारा दिखा, उससे स्पष्ट है कि भले ही अमेरीकियों के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद इस मुल्क की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति खराब हुई हो, पर यह अभी भी पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने के पक्ष में नहीं हैं.
Proved! Afghanistan trolls Pakistan better than anyone.
— BhikuMhatre (@MumbaichaDon) September 18, 2024
At Rehmat-ul-Alameen Conference in Peshawar on occasion of Eid, Afghan diplomats didn't even stand up for Pakistan national anthem.
No Respect For Biradar?😂😂
Now both're exchanging fire in "Upper Kurram" on Pak border. pic.twitter.com/bG2krXKPfp
सोशल मीडिया पर इस अवसर को लेकर जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं, वह इस दशा की चुगली खाती हैं.एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए एक हैंडल ने लिखा-‘‘साबित हो गया! अफगानिस्तान पाकिस्तान को किसी से भी बेहतर तरीके से ट्रोल करता है.
ईद के मौके पर पेशावर में रहमत-उल-आलमीन कॉन्फ्रेंस में, अफगान राजनयिके पाकिस्तान के राष्ट्रगान के लिए खड़े भी नहीं हुए.बिरादर के लिए कोई सम्मान नहीं?अब दोनों पाक सीमा पर ऊपरी कुर्रम में गोलीबारी कर रहे हैं.’’
इस वीडियो में दिखाया गया है कि जब कार्यक्रम में पाकिस्तान का नेशनल एंथम बच रहा था तो तालिबान के राजनयिक बैठे हुए थे. हालांकि, कट्टर दो दुश्मनों के बीच भी ऐसा नजारा कम ही देखने को मिलता है. जबकि ये दोनों पड़ोसी देश खुद को इस्लामी भाई कहते हैं.
Being a Pakistani I'm feeling shame, We do not know what is self respect, what is country respect, and how to make proud nation and how to be proud of our country.#LastDay #Afghanistan pic.twitter.com/MkFrorwgmS
— Waheed Riaz ❁ (@waheedriaz40) September 18, 2024
बहरहाल, तालिबानियों की इस हरकत का जमकर विरोध हो रहा है. सोशल मीडिया पर तालिबान को बुरा-भला कहा जा रहा है. एक पाकिस्तानी ने ऐसा ही एक फोटो एक्स पर साझा कर लिखा-‘‘एक पाकिस्तानी होने के नाते मुझे शर्म आ रही है. हम नहीं जानते कि आत्मसम्मान क्या होता है, देश का सम्मान क्या होता है, और कैसे अपने देश पर गर्व किया जाता है.’’
हालांकि, इस घटना के बाद उम्मीद की जा रही है कि दो पड़ोसी देशों के दरम्यान बिगड़ते रिश्ते को सुधारने के लिए फिर से सार्थक प्रयास किए जाएंगे और दोबारा ऐसा नजरा नहीं देखने को मिलेगा,जिसकी दुनिया खिल्ली उड़ाए.
इस्लामाबाद ने काबुल से शिकायत, अफगान राजनयिक ने पाकिस्तान के राष्ट्रगान का अपमान किया
पाकिस्तान अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि इस्लामाबाद ने काबुल से शिकायत की है कि एक अफगान राजनयिक देश के उत्तर-पश्चिम में एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तानी राष्ट्रगान बजने पर खड़ा नहीं हुआ.विदेश मंत्रालय ने मंगलवार शाम को हुई घटना के विरोध में अफगानिस्तान के प्रभारी और इस्लामाबाद में अपने सबसे वरिष्ठ राजनयिक अहमद शाकिब को भी तलब किया.
पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी शहर पेशावर में अफ़गान महावाणिज्यदूत मोहिबुल्लाह शाकिर आधिकारिक समारोह के दौरान राष्ट्रगान गाए जाने के समय बैठे रहे.मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा कि मेज़बान देश के राष्ट्रगान का ऐसा अनादर कूटनीतिक मानदंडों के विरुद्ध है.
पेशावर में अफ़गान वाणिज्य दूतावास ने एक बयान में कहा कि शाकिर इसलिए खड़े नहीं हुए क्योंकि संगीत राष्ट्रगान का हिस्सा था. बयान में कहा गया कि अगर राष्ट्रगान बिना संगीत के गाया जाता, तो शाकिर सम्मान में खड़े होते.अफ़गानिस्तान के तालिबान शासकों ने अगस्त 2021 में सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद से प्रतिबंधात्मक उपायों और इस्लामी या शरिया कानून की अपनी कठोर व्याख्या के तहत संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया है.
तब से, इस्लामाबाद और काबुल के बीच संबंध खराब हो गए हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि अफ़गानिस्तान के नए शासक खुले तौर पर पाकिस्तानी तालिबान का समर्थन करते हैं, जो एक उग्रवादी समूह है जिसने पिछले कुछ वर्षों में हमले तेज़ कर दिए हैं।