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महाराष्ट्र में धार्मिक विवाद गहराया, मुंबई की सड़कों पर उतरे हजारों मुस्लिम

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, मुंबई

पैगंबर मोहम्मद, इस्लाम और मुसलमान को लेकर अनर्गल बयानबाजी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बावजूद अब तक नितेश राणे और रामगिरी महाराज को गिरफ्तार नहीं किए जाने के कारण महाराष्ट्र के मुसलमानों का भारी गुस्सा है. इसका नजारा सोमवार की रात तब देखने को मिला जब कई हजार मुसलमान महानगरी मुंबई की सड़कांे पर उतर आए और पूरी यातायात व्यवस्था चैपट हो गई.

महाराष्ट्र की शिवसेना-बीजेपी सरकार लगातार पैगंबर मोहम्मद, इस्लाम और मुसलमान के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी में लिप्त नितेश राणे और रामगिरी महाराज का बचाव करती आ रही है. मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उनका अब गिरफ्तार नहीं होना भी खास दिशा में इशारा कर रहा है. उधर, नितेश राणे की भी विवादास्पद बयानबाजी थम नहीं रही है. सरकार से शह पाकर निरंतर अनर्गल बक रहे हैं.

एक एक्स हैंडल ने मुंबई की सड़कों पर नितेश राणे और और रामगिरी महाराज की गिरफ्तारी की मांग को लेकर निकाले गए विहंगम दृश्य के दो फोटो सोशल मीडिया में साझा किया है.साथ ही इस एक्स हैंडल पर लिखा गया-‘‘ बड़ी ब्रेकिंग न्यूज. नितेश राणे और रामगिरी महाराज के खिलाफ एक बड़ी रैली के लिए मुंबई में एक लाख से ज्यादा मुसलमान इकट्ठा हुए.

इसमें आगे लिखा है-‘‘महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों से हजारों वाहन समृद्धि महामार्ग के जरिए मुंबई पहुँचें, जिससे रास्ते में यातायात बाधित हो रहा है.इसी में आगे कहा गया है कि मुंबई पुलिस ने कहा कि एआईएमआईएम नेता जलील को मुंबई में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है. 3000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.

 इन सबसे लापरवाह नितेश राणे के समर्थ और बीजेपी की को-कन्वीनर ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है-‘‘ नितेश राणे जी ने कट्टरपंथियों को चेतावनी दी है कि रामगिरी महाराज जैसे हिंदू धर्म गुरुओं के खिलाफ एसटीएसजे के नारे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.

उन्होंने आगे लिखा-‘‘नितेशजी ने यह भी सवाल किया कि अकोला जैसी जगहों पर समारोहों में टीपू सुल्तान जैसे आतंकवादियों और नरसंहार करने वाले राक्षसों का महिमामंडन क्यों किया जा रहा है?

इन बयानों से साफ जाहिर है कि नितेश राणे की मंशा टकराव रोकना की नहीं है. वह मुकदमा दर्ज होने के बाद शांत होने की जगह कानून को ही एक तरह से आईना दिखा रहे हैं कि एक संत के खिलाफ गलतबयानी की जा रही है और टीपू सुल्तान जैसे कथित आतंकवादी को लेकर कार्यक्रम हो रहे हैं और इसमें शामिल होने वालों पर कार्रवाई नहीं हो रही है.

देखना यह है कि मुंबई में राणे और रामगिरी महाराज के मामले में महाराष्ट्र पुलिस का आगे क्या रवैया रहता है. जैसा कि देखा गया है, ऐसे मामलों में मुसलमान भी कानून के घेरे में आ जाते हैं. यदि समय रहते नुपुर शर्मा मामले में पुलिस ने समुचित कार्रवाई की होती तो कई निर्दोषों के खूब नहीं बहते.

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