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बॉक्सिंग रिंग से पुलिस फोर्स तक: निखत जरीन ने संभाला डीएसपी का पद, राज्य सरकार ने किया सम्मानित

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, हैदराबाद

आखिर निखत के कंधे पर एक और उपलब्धि का तमगा लग ही गया. अब वह बाॅक्सिंग रंग से आगे निकल कर देश की सुरक्षा के मैदान में आ पहुंची हैं.विश्व मुक्केबाजी चैंपियन निखत जरीन ने गुरुवार को औपचारिक रूप से तेलंगाना पुलिस में पुलिस उपाधीक्षक (DSP) का पदभार संभाल लिया. यह महत्वपूर्ण समारोह तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बी. महेश गौड़, तेलंगाना अल्पसंख्यक आवासीय शैक्षणिक संस्थान सोसायटी के अध्यक्ष फहीम कुरेशी और डीजीपी डॉ. जितेंद्र की उपस्थिति में आयोजित हुआ.

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस मौके पर राज्य में खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘सीएम कप’ का भी शुभारंभ किया. उन्होंने निखत ज़रीन की मुक्केबाजी में उत्कृष्ट उपलब्धियों की सराहना की और उन्हें बधाई देते हुए युवाओं को उनके प्रेरणादायक सफर से सीख लेने का आह्वान किया.

निखत का मुक्केबाजी में सफर

तेलंगाना के निज़ामाबाद की निवासी निखत जरीन ने 19 सितंबर को पुलिस महानिदेशक (DGP) डॉ. जितेंद्र को अपनी ज्वाइनिंग रिपोर्ट सौंपी थी. निखत ने अपने करियर में दो बार विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप का खिताब जीता है. साथ ही, उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक और एशियाई खेलों में कांस्य पदक भी हासिल किया है. तेलंगाना सरकार ने उनकी असाधारण उपलब्धियों को मान्यता देते हुए उन्हें डीएसपी के पद पर नियुक्त किया है.

तीन बहनों का रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार

14 जून 1996 को तेलंगाना के निज़ामाबाद में जन्मी निखत जरीन ने एक साधारण पृष्ठभूमि से उठकर भारतीय मुक्केबाजी में बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की हैं. तीन बहनों के साथ एक रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार में पली-बढ़ीं निखत ने शुरुआत में दौड़ने में रुचि दिखाई थी, लेकिन बाद में उन्होंने मुक्केबाजी की ओर रुख किया. जब उन्होंने स्थानीय स्टेडियम में लड़कियों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया, तो उन्होंने इस धारणा को चुनौती दी कि मुक्केबाजी केवल लड़कों का खेल है.

निखत ने अपने शुरुआती प्रशिक्षण अपने पिता से लिया और स्थानीय पुरुष प्रधान जिम में लड़कों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए अपने कौशल को निखारा. इसके बाद उन्होंने विशाखापत्तनम में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के केंद्र में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच राव के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण जारी रखा.2009 में निखत की प्रतिभा तब सामने आई जब उन्होंने सब-जूनियर राष्ट्रीय खिताब जीता। इसके बाद 2011 में जूनियर और यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया.

निखत का खेल सफरनामा

निखत का सीनियर सर्किट तक का सफर चुनौतियों से भरा रहा. फ्लाईवेट वर्ग (51 किग्रा) में उन्हें मैरी कॉम और पिंकी रानी जैसे बड़े नामों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 54 किग्रा वर्ग में सफलता पाई. 2014 में, निखत ने सर्बिया में नेशंस कप इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीता,

2023 में, निखत ने दिल्ली में आयोजित विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपने खिताब का सफलतापूर्वक बचाव किया और मैरी कॉम के बाद यह खिताब दो बार जीतने वाली दूसरी भारतीय मुक्केबाज बन गईं.उन्होंने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता और 2023 एशियाई खेलों में कांस्य पदक के साथ भारत के लिए पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए कोटा हासिल किया.मैरी कॉम के संन्यास के बाद, निखत जरीन भारतीय मुक्केबाजी में अगली बड़ी स्टार बनकर उभरी हैं.

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