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सांसद पप्पू यादव का दावा: ‘दो घंटे में निपटा देंगे बिश्नोई गैंग’, बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद सुरक्षा एजेंसियों पर उठे सवाल

मुस्लिम नउ ब्यूरो, मुंबई

एनसीपी नेता और पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी की खुलेआम हत्या के बाद देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरे सवाल उठने लगे हैं. सोशल मीडिया पर आम जनता और कुछ प्रमुख हस्तियां सुरक्षा एजेंसियों का मजाक उड़ाते हुए नजर आ रही हैं. बिहार के सांसद पप्पू यादव ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि सरकार ने “हिजड़ों की फौज” तैयार कर रखी है और अगर उन्हें मौका दिया जाए, तो वह दो घंटे में ही कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई के गैंग का सफाया कर देंगे.

यह टिप्पणी उस वक्त आई जब कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने खुद बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली, जबकि वह इस समय गुजरात की एक जेल में बंद है. बिश्नोई का इस तरह जेल के भीतर से ही बड़े अपराधों को अंजाम देना और खुलेआम इसका श्रेय लेना, देश की सुरक्षा एजेंसियों की क्षमता और जेलों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है.

लॉरेंस बिश्नोई का महिमामंडन

लॉरेंस बिश्नोई की ओर से बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लेने के बाद, सोशल मीडिया पर कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों और कट्टरपंथी समूहों ने बिश्नोई का महिमामंडन करना शुरू कर दिया. कुछ वीडियो और पोस्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जेल में बंद होते हुए भी बिश्नोई का आतंक इतना बढ़ चुका है कि खालिस्तानी आतंकवादी भी उससे डरते हैं. इन पोस्ट्स में बिश्नोई के शूटरों को “लॉयल” और “पूरी दुनिया में फैले हुए” बताया जा रहा है.

यह प्रवृत्ति न केवल देश की कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़े करती है, बल्कि एक गंभीर सामाजिक समस्या की ओर भी इशारा करती है, जहां अपराधियों को हीरो के रूप में देखा जा रहा है.

सोशल मीडिया पर सवालों की बौछार

बाबा सिद्दीकी की हत्या मुंबई जैसे शहर में की गई, जिसे भारत की कारोबारी राजधानी माना जाता है. यह वही शहर है जहां 2008 में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों ने बड़ा हमला किया था. इसके बावजूद, इस शहर की सुरक्षा व्यवस्था इतनी लचर कैसे हो सकती है कि एक जेल में बंद अपराधी आसानी से अपनी ताकत का प्रदर्शन कर सके और एक वाई श्रेणी की सुरक्षा वाले नेता की हत्या करा सके?

सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि एक जेल में बंद अपराधी इतना शक्तिशाली कैसे हो सकता है कि वह सलाखों के पीछे से बड़े नामों को मौत के घाट उतारने का आदेश दे सके. कई राजनीतिक विश्लेषक और आम नागरिक सरकार से सवाल कर रहे हैं कि जब सुरक्षा एजेंसियां बार-बार खालिस्तानी आतंकवादियों और देशविरोधी तत्वों का सामना कर रही हैं, तब ऐसे अपराधियों को कैसे रोका जाएगा, जो जेल के अंदर से ही अपनी गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं?

पप्पू यादव और जनता की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद, सांसद पप्पू यादव की ओर से दी गई प्रतिक्रिया ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है. यादव ने खुलेआम कहा कि अगर उन्हें मौका दिया जाए, तो वह दो घंटे में ही लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सफाया कर देंगे. उनकी इस टिप्पणी पर कई लोगों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, और ऐसा प्रतीत होने लगा कि लोग अब सुरक्षा एजेंसियों की बजाय नेताओं और ऐसे व्यक्तियों पर भरोसा करने लगे हैं, जो अपराधियों से निपटने का दावा करते हैं.

यह स्थिति एक गंभीर चेतावनी है, जहां कानून और सुरक्षा व्यवस्था पर से लोगों का विश्वास उठता नजर आ रहा है. जब अपराधी महिमामंडित होते हैं और उन्हें हीरो की तरह पेश किया जाता है, तो यह किसी भी समाज के लिए खतरनाक संकेत है.

लॉरेंस बिश्नोई का बढ़ता प्रभाव और सरकार की जिम्मेदारी

लॉरेंस बिश्नोई का नाम हाल के वर्षों में खालिस्तानी आतंकवाद और संगठित अपराध के मामलों में सामने आया है. पाकिस्तान समर्थित खालिस्तानी आतंकवादी कनाडा, अमेरिका, और ऑस्ट्रेलिया से भारत की कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं, और कई मौकों पर देश की सुरक्षा एजेंसियां इसका सफलतापूर्वक जवाब भी दे चुकी हैं. बावजूद इसके, कुछ लोगों को लगता है कि लॉरेंस बिश्नोई जैसा गैंगस्टर ही इन आतंकियों से निपट सकता है, जो एक गंभीर समस्या की ओर इशारा करता है.

सरकार की जिम्मेदारी अब और भी बढ़ गई है. उत्तर प्रदेश की सरकार ने जिस तरह से अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है, वैसी ही कार्रवाई की जरूरत अब लॉरेंस बिश्नोई जैसे अपराधियों के खिलाफ भी महसूस की जा रही है.

जनता का आत्मविश्वास बहाल करने के लिए सरकार को मजबूत कदम उठाने होंगे, ताकि देश में अपराधियों का महिमामंडन बंद हो और सुरक्षा एजेंसियों पर लोगों का विश्वास बहाल हो सके.

बाबा सिद्दीकी की हत्या ने न केवल एक राजनीतिक हत्या के रूप में चर्चा बटोरी, बल्कि इसने देश की सुरक्षा व्यवस्था, जेलों की सुरक्षा और सोशल मीडिया पर अपराधियों के महिमामंडन पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं. सरकार को जल्द से जल्द इस स्थिति का समाधान निकालना होगा, ताकि देश में अपराधियों का खौफ न फैले और सुरक्षा एजेंसियों की क्षमता पर लोगों का विश्वास कायम रहे.

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