इजरायली हमले में दो ईरानी सैनिक शहीद, ईरान बोला- आत्मरक्षा का अधिकार हमारा हक
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,तेहरान
ईरान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इजरायल द्वारा ईरानी सैन्य स्थलों पर किए गए हमलों की निंदा करते हुए इसे अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का गंभीर उल्लंघन बताया. मंत्रालय ने कहा कि ईरान आत्मरक्षा के अपने अधिकार का उपयोग करने के लिए बाध्य और अधिकृत है.
ईरानी संविधान के अनुच्छेद 51 के तहत, देश अपने नागरिकों की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए किसी भी विदेशी आक्रमण का मुकाबला करने का अधिकार रखता है.
बयान में जोर देकर कहा गया कि ईरान अपने सभी भौतिक और आध्यात्मिक संसाधनों के साथ क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए कटिबद्ध है. इसके साथ ही उसने क्षेत्र के अन्य देशों से भी शांति बनाए रखने की अपील की. विदेश मंत्रालय ने उन देशों के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस कठिन समय में इजरायली आक्रमणों की निंदा की है और शांति का समर्थन किया है.
मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इजरायली शासन के “नरसंहार” और सैन्य कार्रवाइयों के खिलाफ तत्काल सामूहिक कार्रवाई की अपील की. यह भी कहा गया कि “नरसंहार के अपराध की रोकथाम और दंड पर कन्वेंशन” और “1949 के जिनेवा कन्वेंशन” के तहत सभी सदस्य देशों का दायित्व है कि वे मानवाधिकारों का उल्लंघन रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं.
इजरायली हमले में दो ईरानी सैनिक शहीद
ईरानी सेना ने पुष्टि की कि शनिवार सुबह इजरायली हमलों को विफल करने के प्रयास में दो ईरानी सैनिक शहीद हो गए. ईरानी नागरिकों द्वारा लिए गए फुटेज में दिखाया गया है कि ईरानी वायु रक्षा प्रणाली ने हमलों के दौरान कई अज्ञात प्रक्षेपास्त्रों को रोका.
हमलों का मुख्य लक्ष्य तेहरान, खुज़ेस्तान और इलम प्रांतों के कुछ सैन्य ठिकाने थे. ईरान ने कहा कि इन हमलों से केवल सीमित नुकसान हुआ है, जिसकी समीक्षा की जा रही है.
ईरान में उड़ानें सामान्य हुईं
हमले के बाद एहतियातन बंद की गई उड़ानें शनिवार सुबह फिर से शुरू कर दी गईं. ईरानी नागरिक उड्डयन संगठन ने सुबह 9 बजे (स्थानीय समयानुसार) उड़ानों के पुनः संचालन की घोषणा की.
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