खामेनेई का इजरायली शासन को संदेश: ईरान की ताकत को समझना जरूरी
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,तेहरान
इस्लामिक क्रांति के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई ने ईरान के “सुरक्षा के शहीदों” के परिवारों से मुलाकात के दौरान ईरान के खिलाफ इजरायली शासन की हालिया शरारतों पर अपने विचार प्रकट किए. उन्होंने कहा कि इन हरकतों को अतिशयोक्तिपूर्ण तरीके से प्रस्तुत करना भी अनुचित है और इन्हें नज़रअंदाज करना भी गलत होगा.
उनका मानना है कि इजरायल ने ईरान की शक्ति और उसके लोगों की दृढ़ता को अब तक सही से नहीं समझा है.उन्होंने ईरानी अधिकारियों से अपील की कि वे इजरायली शासन को ईरानी राष्ट्र की ताकत और संकल्प के बारे में स्पष्ट संदेश दें और देश के सर्वोत्तम हितों की रक्षा हेतु आवश्यक कदम उठाएं.
खामेनेई ने विशेष रूप से नागरिकों की सुरक्षा, खासकर मानसिक सुरक्षा पर बल दिया और किसी भी प्रकार के भय या संदेह को अस्वीकार्य बताया.
गाजा और लेबनान में इजरायली हमलों की निंदा
सर्वोच्च नेता ने गाजा और लेबनान में इजरायली हमलों को गंभीर युद्ध अपराध बताया और कुछ सरकारों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा इन हमलों पर पर्याप्त कार्रवाई न करने की आलोचना की. उन्होंने इसे सबसे क्रूर युद्ध अपराध की संज्ञा दी. कहा कि सभी इस्लामी सरकारों को ज़ायोनी शासन के खिलाफ एकजुट होना चाहिए.
उनका मानना है कि ज़ायोनी शासन की किसी भी सहायता को एक बड़ा पाप माना जाना चाहिए. ज़ायोनी शासन के खिलाफ एक वैश्विक गठबंधन का आह्वान किया, जिसमें राजनीतिक, आर्थिक, और आवश्यकता पड़ने पर सैन्य गठबंधन भी शामिल हो.
उपराष्ट्रपति की निंदा: इजरायल मानवता के खिलाफ अपराध करता है
ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद रजा आरिफ ने भी इस विषय पर तीखा बयान दिया. उन्होंने इजरायली शासन पर पत्रकारों और मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ज़ायोनी शासन किसी भी कानून के प्रति प्रतिबद्ध नहीं है, विशेष रूप से पत्रकारों के प्रति. उन्होंने लेबनान में इजरायली सेना द्वारा अल मायादीन और अल मनार के पत्रकारों की हत्या पर सहानुभूति व्यक्त की और गाजा और लेबनान में इजरायली अपराधों की निंदा की.
आरिफ ने यह भी कहा कि बहादुर पत्रकारों के कारण ही गाजा और लेबनान में हो रहे अपराधों का दुनिया को पता चल पा रहा है.
इजरायल के खिलाफ वैश्विक प्रदर्शनों का समर्थन
ईरान के उपराष्ट्रपति ने दुनिया भर में इजरायल विरोधी प्रदर्शनों को साहसी पत्रकारों द्वारा उजागर की गई सच्चाई का परिणाम बताया. उन्होंने कहा कि शहीदों का खून फिलिस्तीनी और लेबनानी राष्ट्रों के लिए जीत की प्रेरणा बनेगा.
तेहरान में अल मायादीन के निदेशक ने ईरानी अधिकारियों के समर्थन का धन्यवाद दिया और कहा कि उनका नेटवर्क गाजा और लेबनान में उत्पीड़ित लोगों के साथ खड़ा है.