News

युद्ध अपराध: अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय नेतन्याहू और गैलेंट को हथकड़ी पहनाने को आतुर, जारी किया गिरफ्तारी वारंट

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,द हेग

अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, उनके पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट और हमास के अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इन पर गाजा में युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप है, जो अक्टूबर 2023 के हमलों और फिलिस्तीनी क्षेत्रों में इजरायल के आक्रमण से संबंधित है.

यह कदम नेतन्याहू और अन्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वांछित संदिग्धों की सूची में डालता है. उन्हें वैश्विक स्तर पर अलग-थलग कर सकता है. हालांकि, इसके व्यावहारिक प्रभाव सीमित हो सकते हैं, क्योंकि इजरायल और उसका प्रमुख सहयोगी अमेरिका, आईसीसी के सदस्य नहीं हैं. इसके अलावा, संघर्ष में हमास के कई अधिकारी मारे जा चुके हैं.

आईसीसी के मुख्य अभियोजक करीम खान के इस अनुरोध की नेतन्याहू और इजरायली नेताओं ने तीखी आलोचना की है, इसे अपमानजनक और यहूदी विरोधी करार दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने भी इस कदम की निंदा करते हुए हमास के खिलाफ इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया.

आईसीसी के तीन न्यायाधीशों के पैनल ने सर्वसम्मति से नेतन्याहू और गैलेंट के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया. पैनल ने कहा, “यह मानने के लिए पर्याप्त आधार हैं कि इन दोनों ने गाजा में नागरिक आबादी को भोजन, पानी, दवाओं, ईंधन और बिजली जैसी आवश्यक वस्तुओं से जानबूझकर वंचित किया.”

इजरायल के विदेश मंत्रालय ने आईसीसी के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी है। मंत्रालय ने तर्क दिया कि न्यायालय ने इजरायल को आरोपों की जांच का अवसर दिए बिना वारंट जारी किया..

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओरेन मार्मोरस्टीन ने कहा, “इजरायल जैसी स्वतंत्र और सम्मानित न्याय प्रणाली वाले किसी अन्य लोकतंत्र के साथ अभियोजक द्वारा ऐसा पक्षपातपूर्ण व्यवहार नहीं किया गया है.” उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल अपनी जनता को उग्रवाद से बचाने और कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्ध है.

आईसीसी अंतिम उपाय के तौर पर मामलों पर मुकदमा चलाती है, जब घरेलू कानून प्रवर्तन अधिकारी जांच नहीं कर सकते या नहीं करना चाहते. अधिकार समूहों का कहना है कि अतीत में इजरायल ने इस तरह की जांच में सीमित प्रगति की है.

वारंट जारी होने के बावजूद, निकट भविष्य में नेतन्याहू या अन्य संदिग्धों के हेग में न्यायालय का सामना करने की संभावना कम है. आईसीसी के पास वारंट लागू करने के लिए पुलिस बल नहीं है और वह अपने सदस्य देशों के सहयोग पर निर्भर है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *