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यूएई में रब्बी ज़वी कोगन की हत्या: तीन संदिग्ध गिरफ़्तार,मृतक का था भारत से रिश्ता

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, दुबई, यूएई

संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों ने मोल्दोवन-इज़राइली रब्बी ज़वी कोगन की हत्या के मामले में तीन संदिग्धों को गिरफ़्तार किया है. अमीराती आंतरिक मंत्रालय ने जानकारी दी कि पीड़ित के परिवार की शिकायत पर एक विशेष जांच टीम गठित की गई, जिसके बाद अल ऐन क्षेत्र में कोगन का शव बरामद हुआ.मृतक का भारत से रिश्ता था. इस बारे में खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

28 वर्षीय ज़वी कोगन यूएई के निवासी थे. दुबई में “रिमोन मार्केट” नामक कोषेर किराना स्टोर चलाते थे. वह चबाड-लुबाविच यहूदी संगठन के सदस्य थे, जो यूएई में यहूदी समुदाय के समर्थन में सक्रिय है. कोगन 21 नवंबर को दुबई से लापता हुए और उनका शव अल ऐन में मिला, जो ओमान सीमा के निकट स्थित है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोगन की कार अल ऐन में लावारिस हालत में मिली, जिसमें संघर्ष के निशान पाए गए. जांच के दौरान यह संदेह व्यक्त किया गया कि ईरान द्वारा समर्थित कुछ उज़्बेक नागरिकों ने इस अपराध को अंजाम दिया और फिर तुर्की भाग गए. हालांकि, ईरान ने इन आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज किया है..

इस घटना ने यूएई और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न की. इज़राइली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने हत्या की निंदा करते हुए अमीराती अधिकारियों को उनकी त्वरित कार्रवाई के लिए धन्यवाद दिया. यूएस ने इसे “शांति और सह-अस्तित्व के लिए खड़े लोगों पर हमला” करार दिया.

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे “यहूदी विरोधी आतंकवाद” बताया और अपराधियों को सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया. वहीं, चबाड-लुबाविच संगठन ने इस हत्या को “आतंकी कृत्य” करार दिया और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की अपील की.

यूएई की कार्रवाई

आंतरिक मंत्रालय ने बताया कि घटना के बाद जांच शुरू की गई और रिकॉर्ड समय में तीन संदिग्धों को गिरफ़्तार कर लिया गया. मंत्रालय ने समाज की स्थिरता और सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि अपराधियों को सख्त सजा दी जाएगी.यूएई ने अब हिरासत में लिए गए तीनों लोगों के नामों का खुलासा नहीं किया है.

ज़वी कोगन का योगदान

ज़वी कोगन ने 2020 में इज़राइल और यूएई के बीच हुए अब्राहम समझौते के बाद दुबई में यहूदी समुदाय के उत्थान के लिए काम किया. उन्होंने यूएई में कोषेर भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने और पहला यहूदी शिक्षा केंद्र खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

इस घटना ने यूएई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा और सहिष्णुता की चर्चा को फिर से जागृत किया है. अब, जांच के परिणामों का इंतजार है, जो इस मामले में और खुलासे कर सकते हैं.

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