संभल हिंसा : पीड़ित परिवारों पर प्रशासन का शिकंजा, राहत के लिए आगे आए मुस्लिम संगठन
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, संभल/ नई दिल्ली
संभल में हालिया हिंसा के बाद पीड़ित परिवारों को राहत देने के बजाय उन पर मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. सरकार और प्रशासन की ओर से कोई मदद न मिलने से पीड़ित परिवारों की स्थिति और खराब हो गई है. ऐसी स्थिति में मुस्लिम संगठनों ने पीड़ितों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है.
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शहर में पसरा खौफ, जिंदगी ठहरी हुई
संभल शहर अभी भी हिंसा के बाद के खौफ के साए में जी रहा है. दिहाड़ी मजदूर और रोज़ कमा कर खाने वालों की हालत सबसे खराब है. शिक्षा व्यवस्था प्रभावित है, और कारोबार अभी पटरी पर नहीं लौट पाया है. लोग अनजाने डर से घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं.
गोलीकांड में मारे गए नौजवानों में से एक होटल में वेटर का काम करता था, जो अपने परिवार के लिए कमाने वाला इकलौता सदस्य था. इस तरह के परिवारों को सरकारी मदद न मिलने से उनकी स्थिति और बिगड़ गई है..
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बढ़ाया मदद का हाथ
इस मुश्किल समय में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने आगे आकर पीड़ित परिवारों के लिए सहायता की घोषणा की है. संगठन के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने हिंसा में मारे गए नौजवानों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है.
संभल त्रासदी: जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से शहीदों के परिजनों के लिए पाँच-पाँच लाख रुपये की घोषणा।
— Jamiat Ulama-i-Hind (@JamiatUlama_in) November 28, 2024
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने संभल के ज़िम्मेदारों से मुलाकात की और शोकग्रस्त परिजनों के घावों पर मरहम लगाने का प्रयास किया।
स्थानीय पुलिस दबाव डालकर गिरफ्तार… pic.twitter.com/J2FUgFv6bF
मौलाना महमूद मदनी ने संभल के ज़िम्मेदारों और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं. संगठन के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय पुलिस गिरफ्तार लोगों पर दबाव बनाकर जबरन बयान बदलवा रही है.
पीड़ित परिवारों के लिए राहत की उम्मीद
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की यह पहल पीड़ित परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई है. हालांकि, अब भी यह सवाल बना हुआ है कि प्रशासन कब पीड़ित परिवारों की सुध लेगा और उन्हें न्याय दिलाएगा.