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जश्न-ए-रेख्ता 2024: उर्दू साहित्य का उत्सव, प्रवेश शुल्क पर सवाल

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

रेख्ता फाउंडेशन, उर्दू भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार में एक अहम भूमिका निभा रहा है. इस संस्थान ने कई पहलें शुरू की हैं, जो उर्दू साहित्य को डिजिटल दुनिया में लाकर उसे एक नया आयाम दे रही हैं. इनमें से एक महत्वपूर्ण पहल है ‘जश्न-ए-रेख्ता’, जो 13 से 15 दिसंबर तक आयोजित होने जा रहा है.

इस महोत्सव का उद्देश्य उर्दू भाषा और साहित्य को बढ़ावा देना है, लेकिन इसे लेकर कुछ आलोचनाएँ भी हैं. इस बार के आयोजन में प्रवेश टिकट की कीमत 500 रुपये रखी गई है, और मुख्य पवेलियन में साहित्यकारों के व्याख्यानों और कवि सम्मेलनों के लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा. इसके साथ ही, आयोजक स्टॉल्स पर किताबों, सजावटी सामान और खाने-पीने की वस्तुएं भी बेचने से अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं.

उदाहरण के लिए, यहां एक कप चाय की कीमत 80 रुपये से कम नहीं है. इस तरह, इस महोत्सव में भाग लेने के लिए आम जनता की पहुँच पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि इन अतिरिक्त शुल्कों की वजह से इसे केवल उन लोगों तक ही सीमित रखा जा सकता है, जिनके पास पर्याप्त धन है.

रेख्ता फाउंडेशन ने उर्दू भाषा और साहित्य के संरक्षण और प्रचार के लिए एक अद्वितीय डिजिटल मिशन शुरू किया है. इसके अंतर्गत, रेख्ता ने अब तक 20,000 से अधिक उर्दू किताबों का डिजिटलीकरण किया है, जिनमें भारतीय और पाकिस्तानी लाइब्रेरियों और निजी संग्रहों से ली गई पुस्तकों को ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया है.
इसके अलावा, 54,000 से ज्यादा पत्रिकाओं के अंक भी रेख्ता वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए हैं. इस पहल का मुख्य उद्देश्य उर्दू साहित्य को संरक्षित करना और दुनिया भर में उसकी पहुँच को सरल और सुलभ बनाना है.

रेख्ता ऐप और नई तकनीकी पहलें

रेख्ता ने उर्दू प्रेमियों के लिए एक और बड़ा तोहफा दिया है – रेख्ता का नया एंड्रॉइड ऐप. इस ऐप में 70,000 से अधिक रचनाएँ, कविताएँ और उर्दू कहानियाँ मुफ्त में उपलब्ध हैं. यह ऐप उर्दू शायरी और साहित्य के शौकिनों के लिए एक बेहतरीन संसाधन बन गया है. ऐप में इनबिल्ट डिक्शनरी और तुकबंदी शब्दकोश जैसी सुविधाएँ भी दी गई हैं, जो उपयोगकर्ताओं को शब्दों के सही अर्थ और उच्चारण जानने में मदद करती हैं.
ऐप के माध्यम से लोग उर्दू के प्रसिद्ध कवियों, शायरों, और लेखकों की रचनाओं तक आसानी से पहुँच सकते हैं.

त्रिभाषी शब्दकोश और उर्दू शिक्षण

रेख्ता फाउंडेशन ने उर्दू शब्दों के अर्थों को उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी में सरल रूप से समझाने के लिए एक त्रिभाषी शब्दकोश तैयार किया है. इस शब्दकोश में उर्दू शब्दों के सही उच्चारण, काव्य उदाहरण, शब्दों की उत्पत्ति, पर्यायवाची और विलोम शब्द, लोकोक्तियाँ और दैनिक जीवन में उपयोगी शब्द भी शामिल हैं. यह शब्दकोश विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो उर्दू भाषा सीखना चाहते हैं या उसे बेहतर तरीके से समझना चाहते हैं.

इसके अलावा, रेख्ता ने उर्दू को सीखने के लिए ‘रेख्ता लर्निंग’ नाम से एक वेबसाइट भी शुरू की है, जो उर्दू भाषा, साहित्य, और उच्चारण के विभिन्न पहलुओं पर वीडियो और इंटरएक्टिव पाठ्यक्रम प्रदान करती है. इसके जरिए लोग उर्दू शायरी, ग़ज़ल लेखन, और उर्दू लिपि सीख सकते हैं.

मुंशी नवल किशोर की पुस्तकों का डिजिटलीकरण

रेख्ता फाउंडेशन ने मुंशी नवल किशोर की पुस्तकों का संग्रह भी अधिग्रहित किया है, जो वर्षों से लखनऊ के एक गोदाम में सीलबंद अवस्था में रखी हुई थीं. इन पुस्तकों को अब डिजिटलीकरण करके ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि उर्दू साहित्य के शास्त्रीय और ऐतिहासिक पहलुओं को संरक्षित किया जा सके. यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उर्दू साहित्य के संरक्षण और प्रचार में मददगार साबित होगा.

‘जश्न-ए-रेख्ता’ उर्दू साहित्य और संस्कृति के सबसे बड़े उत्सवों में से एक है. इस महोत्सव का उद्देश्य उर्दू भाषा और साहित्य को आम लोगों तक पहुँचाना और उसकी विविधता और समृद्धि को मनाना है. हर साल इस आयोजन में भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों से प्रमुख कवियों, लेखकों, और कलाकारों का जमावड़ा होता है. इस अवसर पर साहित्यिक चर्चाएं, शायरी और कवि सम्मेलन आयोजित होते हैं, जिसमें उर्दू साहित्य की शान को बढ़ाया जाता है.

रेख्ता फाउंडेशन ने उर्दू साहित्य को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाकर उसे एक वैश्विक पहचान दी है. इसके द्वारा आयोजित कार्यक्रमों, जैसे जश्न-ए-रेख्ता, ने उर्दू को एक नई दिशा और पहचान दी है. इसने न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में उर्दू साहित्य को एक नया मंच प्रदान किया है, जहां लोग उर्दू शायरी, ग़ज़ल और साहित्य का आनंद ले सकते हैं। रेख्ता की पहलें निश्चित रूप से उर्दू को डिजिटल युग में एक प्रमुख स्थान दिलाने में सहायक रही हैं.

इस तरह, रेख्ता फाउंडेशन के प्रयासों ने उर्दू साहित्य को न केवल संरक्षित किया है, बल्कि उसे आधुनिक डिजिटल दुनिया में भी एक नया आयाम प्रदान किया है. चाहे वह उर्दू किताबों का डिजिटलीकरण हो, नया ऐप हो, त्रिभाषी शब्दकोश हो, या फिर उर्दू सीखने के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म, रेख्ता ने उर्दू को एक नई पहचान दी है, जो उसे समृद्ध और स्थिर बनाने में मदद कर रही है.