अजमेर दरगाह पर पीएम मोदी का भाईचारे का संदेश, किरेन रिजिजू ने चढ़ाई चादर
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, अजमेर ( राजस्थान )
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की पुण्यतिथि पर आयोजित ‘उर्स’ के मौके पर अजमेर दरगाह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेजी गई चादर चढ़ाई. इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री का संदेश देश में भाईचारे और एकता को बनाए रखने के लिए साझा किया.
मंत्री किरेन रिजिजू विशेष विमान से जयपुर पहुंचे, जहां भाजपा के राज्य अल्पसंख्यक मोर्चा के नेताओं और अन्य स्थानीय अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. इसके बाद वे सड़क मार्ग से अजमेर रवाना हुए. अजमेर पहुंचने से पहले और उनके दौरे के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे..
जयपुर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बात करते हुए रिजिजू ने कहा, “प्रधानमंत्री का संदेश भाईचारे का है. देश को एकजुट रहना चाहिए. मैं इसी संदेश के साथ अजमेर दरगाह जा रहा हूं.”
Heading to Ajmer Sharif Dargah with a 'chadar' on behalf of Hon'ble PM Shri @narendramodi ji, a gesture of faith that unites millions & reflects the values of peace & brotherhood.
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) January 4, 2025
During 'Urs', lakhs of people visit & we are focused on making their journey easier while… https://t.co/HoC8ZMS9Ni pic.twitter.com/qVYuy1c5vg
दरगाह पर संदेश और आयोजन की महत्ता
दरगाह पर चादर चढ़ाने के बाद किरेन रिजिजू ने देशवासियों को ‘उर्स’ के इस पवित्र अवसर पर शुभकामनाएं दीं . कहा कि यह त्योहार देश में शांति और सौहार्द बनाए रखने का प्रतीक है. उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि देश में अच्छा माहौल बने. किसी को भी ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे हमारे देश का सौहार्द प्रभावित हो.”
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अजमेर दरगाह सभी धर्मों और समुदायों के लिए एकता और समर्पण का प्रतीक है. उन्होंने कहा, “हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध, जैन—दरगाह में सभी का स्वागत है. यह जगह सभी को एक समान रूप से अपनाती है . सभी के लिए खुली है..”
दरगाह आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अपील
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह हर साल लाखों श्रद्धालुओं का स्वागत करती है. इस पर मंत्री ने कहा कि सभी को इस धार्मिक स्थल पर सहज अनुभव होना चाहिए. प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी तरह की जटिलता न हो. उन्होंने कहा, “लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए. प्रक्रिया सरल और सुगम होनी चाहिए ताकि सभी श्रद्धालु बिना किसी बाधा के अपनी श्रद्धा व्यक्त कर सकें..”
शिव मंदिर विवाद पर प्रतिक्रिया
हाल ही में अजमेर दरगाह को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर की गई जिसमें दावा किया गया था कि दरगाह एक प्राचीन शिव मंदिर के ऊपर बनाई गई है. नवंबर में अदालत ने इस याचिका को स्वीकार किया और अजमेर दरगाह समिति, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को नोटिस जारी किया.
इस मुद्दे पर सवाल पूछे जाने पर किरेन रिजिजू ने स्पष्ट रूप से कहा, “मैं यहां किसी विवाद पर प्रतिक्रिया देने नहीं आया हूं. मैं केवल प्रधानमंत्री द्वारा भेजी गई चादर चढ़ाने आया हूं.” उन्होंने आगे कहा, “मैं किसी को कुछ दिखाने या बताने नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री का संदेश लेकर आया हूं कि हमारे देश के सभी लोग स्वस्थ, शांतिपूर्ण और एकजुट रहें.”
प्रधानमंत्री की चादर भेजने की परंपरा
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के ‘उर्स’ के अवसर पर प्रधानमंत्री हर वर्ष अजमेर दरगाह पर चादर भेजते हैं. इस बार भी उन्होंने यह परंपरा निभाई. हालांकि, हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने इस बार प्रधानमंत्री से चादर न भेजने का आग्रह किया था, लेकिन इस अपील का कोई प्रभाव नहीं पड़ा और प्रधानमंत्री ने हमेशा की तरह चादर भेजकर अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा को निभाया.
अजमेर दरगाह की ऐतिहासिक महत्ता
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह न केवल सूफी परंपरा का केंद्र है, बल्कि यह धार्मिक सहिष्णुता, प्रेम और शांति का प्रतीक भी है. ‘उर्स’ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम भारत की गंगा-जमुनी तहजीब और सांस्कृतिक विविधता का उत्कृष्ट उदाहरण पेश करते हैं. प्रधानमंत्री का संदेश और किरेन रिजिजू की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि यह पवित्र स्थल पूरे देश के लिए एकता और भाईचारे का संदेश देता है.
इस आयोजन ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि भारत की धार्मिक विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि दुनिया में अद्वितीय है. यह संदेश देता है कि विभिन्न समुदाय एकजुट होकर एक शांतिपूर्ण और प्रगतिशील समाज का निर्माण कर सकते हैं.