कुशीनगर में महिलाओं पर अमानवीय हमला: जमीअत उलमा-ए-हिंद की न्याय की मांग
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मुस्लिम नाउ , नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में 2 जनवरी 2025 को तीन मुस्लिम महिलाओं के साथ हुई शर्मनाक और अमानवीय घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. घटना की निंदा करते हुए, जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है.
घटना का विवरण
कुशीनगर के थाना नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के गांव रामपुर लोकरिया में 2 जनवरी को एक मुस्लिम परिवार की तीन महिलाओं को अमानवीय हमले का शिकार बनाया गया. पीड़ित महिलाओं के अनुसार, गांव के करीब दो दर्जन से अधिक लोगों ने लाठी-डंडों से उन पर हमला किया. हमलावरों ने न केवल उन्हें बुरी तरह पीटा बल्कि निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया.
महिलाओं ने अपने बयान में बताया कि उन्हें शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गईं. उनका सामान आग के हवाले कर दिया गया. स्थिति यहां तक बिगड़ गई कि हमलावरों ने उन्हें जलाने की भी कोशिश की. हालांकि, महिलाएं किसी तरह बचकर पड़ोसी गांव पहुंचीं, जहां स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की. उन्हें कपड़े उपलब्ध कराए.
जमीअत उलमा-ए-हिंद का हस्तक्षेप
घटना पर चिंता जताते हुए, जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने इसे मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया. उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “कुशीनगर में हुई यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था की विफलता है, बल्कि यह समाज में व्याप्त असहिष्णुता और नफरत का भी प्रमाण है.”
उन्होंने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से इस मामले में शीघ्र और निष्पक्ष जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाया जाए और पीड़ित महिलाओं को सुरक्षा और मुआवजा प्रदान किया जाए.
मीडिया और स्थानीय रिपोर्ट्स
घटना के संबंध में जमीअत उलमा-ए-हिंद को स्थानीय संगठन और मीडिया रिपोर्ट्स से विस्तृत जानकारी मिली. रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना गांव में पहले से मौजूद सांप्रदायिक तनाव का परिणाम थी.
मीडिया में आए वीडियो बयानों में पीड़ित महिलाओं ने अपने साथ हुई क्रूरता का वर्णन किया. उन्होंने बताया कि हमलावरों ने उनकी गरिमा और मानवाधिकारों को कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़ी. महिलाओं का कहना है कि उन्होंने पुलिस और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
जमीअत की मांग और अपील
मौलाना मदनी ने राज्य प्रशासन से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- घटना की उच्च-स्तरीय जांच कराई जाए।
- दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए.
- पीड़ित महिलाओं और उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए.
- प्रभावित परिवार को आर्थिक सहायता और पुनर्वास का प्रबंध किया जाए.
उन्होंने कहा, “यह घटना देश के संविधान और मानवीय मूल्यों के खिलाफ है. इसे किसी भी स्थिति में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.”
कुशीनगर उप्र में महिलाओं पर हुए निर्दयतापूर्ण हमले के खिलाफ शीघ्र न्याय की मांग۔ जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी का उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र
— Jamiat Ulama-i-Hind (@JamiatUlama_in) January 10, 2025
नई दिल्ली, 10 जनवरी 2025। जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने उत्तर प्रदेश की… pic.twitter.com/ia8vh2NCud
समाज में बढ़ता असुरक्षा का माहौल
मौलाना मदनी ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि ऐसी घटनाएं समाज में अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा की भावना पैदा करती हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में इस तरह की घटनाएं कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ सभी वर्गों को मिलकर आवाज उठानी चाहिए, ताकि समाज में भाईचारे और शांति का माहौल बना रहे.
आगे की कार्रवाई पर नजर
जमीअत उलमा-ए-हिंद ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का निर्णय लिया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में प्रशासन ने निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे.
इस घटना ने देशभर में गुस्से और आक्रोश की लहर पैदा कर दी है. देखना बाकी है कि राज्य सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं . पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए क्या प्रयास किए जाते हैं.
कुशीनगर की इस घटना ने एक बार फिर समाज में महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. जमीअत उलमा-ए-हिंद का इस मामले में हस्तक्षेप और न्याय की मांग यह सुनिश्चित करती है कि इस मुद्दे को दबाया नहीं जाएगा. अब यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह दोषियों को सजा दिलाने और पीड़ित परिवार को न्याय प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाए.