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रियाद में सीरिया संकट पर अरब और यूरोपीय संघ के राजनयिकों की बैठक

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,रियाद

मध्य पूर्व और यूरोप के शीर्ष राजनयिक सऊदी अरब की राजधानी रियाद में सीरिया संकट पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा हुए. बशर अल-असद शासन के बाद स्थिरता की कोशिशों के बीच यह वार्ता महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

बैठक दो सत्रों में होगी. पहले सत्र में अरब देशों के अधिकारी शामिल होंगे, जबकि दूसरे सत्र में तुर्की, फ्रांस, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि भाग लेंगे. सऊदी अधिकारियों ने बताया कि यह वार्ता पिछले महीने जॉर्डन में हुई बैठक की कड़ी है.

सीरिया के नए नेता अहमद अल-शरा प्रतिबंधों में राहत और अंतरराष्ट्रीय समर्थन के लिए प्रयासरत हैं. उन्होंने असद के खिलाफ गठबंधन में प्रमुख भूमिका निभाई थी. यूरोपीय संघ की शीर्ष राजनयिक काजा कैलास ने संकेत दिया है कि यदि सीरिया में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को संरक्षित करने वाली समावेशी सरकार बनाई जाती है, तो प्रतिबंधों को हटाने पर विचार किया जा सकता है.

सऊदी अरब की भूमिका

सऊदी अरब, जिसने 2012 में असद शासन से संबंध तोड़ लिए थे, अब सीरिया संकट को हल करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है. 2023 में अरब लीग की बैठक में असद का स्वागत करने के बाद, सऊदी अरब ने सीरिया को मानवीय सहायता भी भेजी है.

सऊदी अरब सीरिया में स्थिरता लाने के प्रयासों को क्षेत्रीय नेतृत्व देने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार, प्रतिबंधों के बीच यह देखना होगा कि सऊदी अरब इस प्रयास में कितने संसाधन और समय लगाएगा.

मानवाधिकार और आतंकवाद पर ध्यान

पिछली बैठकों की तरह इस बार भी सीरिया में समावेशी और गैर-सांप्रदायिक सरकार बनाने पर जोर दिया जा रहा है. राजनयिक मानवाधिकारों का सम्मान और आतंकवाद से निपटने पर सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

बैठक में तुर्की, इराक, जर्मनी और अमेरिका सहित कई देशों के राजनयिक हिस्सा ले रहे हैं. अमेरिकी विदेश उपसचिव जॉन बास ने इस वार्ता को क्षेत्रीय स्थिरता और दाएश समूह के खात्मे के लिए अहम बताया है.

नए नेता और चुनौतियाँ

सीरिया के नए नेता अहमद अल-शरा के नेतृत्व वाला समूह “हयात तहरीर अल-शाम” कभी अल-कायदा से जुड़ा था, लेकिन अब अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहा है. सऊदी अधिकारियों के अनुसार, इस समूह से यह सुनिश्चित करने की अपेक्षा है कि यह स्थिरता लाए और चरमपंथी तत्वों को नियंत्रित करे.

यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब सीरिया 13 साल के गृहयुद्ध के बाद पुनर्निर्माण और स्थिरता की ओर कदम बढ़ा रहा है. इस दौरान लाखों लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी आबादी विस्थापित हो चुकी है.