रविवार से गाजा में जंग बंद,कतर के प्रधानमंत्री का ऐलान, बंधकों की रिहाई पर समझौता, गाजावासियों मेें जश्न
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,दोहा
कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल-थानी ने घोषणा की है कि इजरायल और हमास के बीच गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई को लेकर समझौता हुआ है. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह समझौता गाजा में जारी संघर्ष के स्थायी अंत का मार्ग प्रशस्त करेगा.
शेख मोहम्मद ने कहा कि युद्धविराम रविवार से लागू होगा और समझौते के तहत हमास 33 बंदियों को रिहा करेगा. इनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल होंगे. बदले में इजरायली जेलों में बंद कई फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा जाएगा.
इजरायली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने इस कदम को सही दिशा में उठाया कदम बताते हुए कहा कि यह 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के दौरान पकड़े गए बंधकों की वापसी का हिस्सा है.
समझौते पर जश्न और प्रतिक्रिया
समझौते की खबर आते ही तेल अवीव में प्रदर्शनकारियों ने बंधकों की रिहाई की मांग को लेकर खुशी जताई. वहीं, गाजा के लोग भी युद्धविराम की घोषणा का जश्न मना रहे हैं. गाजा शहर के एक शरणार्थी शिविर में रह रहे रांडा समीह ने कहा, “मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि हमारा दुःस्वप्न खत्म हो रहा है. हमने बहुत कुछ खो दिया है.”
हमास ने इसे गाजा पट्टी में “हमारे बहादुर प्रतिरोध और फिलिस्तीनी लोगों की दृढ़ता” का परिणाम बताया.
तीन चरणों में होगा समझौते का कार्यान्वयन
संयुक्त बयान के अनुसार, समझौते के पहले चरण में 42 दिनों तक युद्ध विराम लागू रहेगा. इस दौरान इजरायली सेना घनी आबादी वाले क्षेत्रों से बाहर निकलेगी और फिर से तैनात होगी. बंधकों और कैदियों की रिहाई की जाएगी. मृतकों के अवशेषों की अदला-बदली होगी. विस्थापितों की वापसी सुनिश्चित की जाएगी और घायलों व रोगियों को उपचार के लिए बाहर जाने की सुविधा दी जाएगी.
पहले चरण में गाजा पट्टी में मानवीय सहायता के बड़े पैमाने पर प्रवेश और वितरण को तेज किया जाएगा. इसमें अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और बेकरियों का पुनर्निर्माण, नागरिक सुरक्षा आपूर्ति और ईंधन की आपूर्ति, और विस्थापितों के लिए आश्रय व्यवस्था शामिल है.
गारंटर देशों की भूमिका
कतर, मिस्र और अमेरिका ने इस समझौते के गारंटर के रूप में कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई है. इन देशों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि समझौते के सभी चरण पूरी तरह से लागू हों. उन्होंने अन्य देशों से भी इस प्रयास में शामिल होने और स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए सहायता प्रदान करने का आह्वान किया है.
कतर के प्रधानमंत्री ने सराहा प्रयास
कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी ने इस समझौते को सुगम बनाने में शामिल सभी दूतों की सराहना की. उन्होंने कहा, “पिछले महीनों में साझेदारों के साथ घनिष्ठ सहयोग से यह निर्णायक क्षण आया है. हम क्षेत्र में स्थिरता और शांति लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने समझौते पर खुशी जाहिर की. इसे “गाजा में लड़ाई को रोकने और मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण” बताया. वहीं, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी ने गाजा में तत्काल मानवीय सहायता पहुंचाने की प्रक्रिया तेज करने की बात कही.
मिस्र के साथ गाजा की सीमा पर स्थित राफा क्रॉसिंग को अंतरराष्ट्रीय सहायता के लिए खोलने पर चर्चा जारी है.
समझौते की चुनौतियां और सवाल
हालांकि, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि समझौते से जुड़े कुछ मुद्दे अब भी अनसुलझे हैं. उन्होंने कहा कि गाजा में हमास का युद्ध के बाद कोई भी भूमिका निभाना अस्वीकार्य होगा.
गाजा में इजरायल के जवाबी हमलों में अब तक 46,707 लोग मारे गए हैं, जिनमें से ज्यादातर नागरिक हैं. संयुक्त राष्ट्र ने गाजा के लिए और अधिक मानवीय सहायता की आवश्यकता पर जोर दिया है.
यह समझौता महीनों की असफल कोशिशों और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों, कतर, मिस्र और अमेरिका के प्रयासों के बाद संभव हुआ है. अब सभी की नजरें युद्धविराम के प्रभावी कार्यान्वयन और संघर्ष के स्थायी समाधान पर टिकी हैं.