मौलाना जाफर मसूद हुसैनी का निधन: इस्लामी जगत को बड़ी क्षति
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, लखनऊ
मौलाना जाफर मसूद हुसैनी की एक दुखद दुर्घटना में हुई असामयिक मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए, जमात-ए-इस्लामी हिंद के अमीर सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने इसे एक बड़ी राष्ट्रीय और बौद्धिक त्रासदी करार दिया. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान इस घटना की खबर सुनकर वे अत्यंत व्यथित और सदमे में हैं.
मौलाना जाफर मसूद हुसैनी न केवल एक प्रतिष्ठित धार्मिक विद्वान थे, बल्कि वे एक प्रख्यात अरबी लेखक, निबंधकार, कुशल प्रशासक और दयालु राष्ट्रीय नेता भी थे. उनकी मृत्यु न केवल नदवा के अनुयायियों के लिए, बल्कि पूरे इस्लामी जगत और भारत के लिए एक अपूरणीय क्षति है.
जमात के अमीर ने अपने शोक संदेश में कहा कि मौलाना जाफर मसूद हुसैनी अपने दिवंगत पिता के बाद से अरबी पत्रिका अल-राएद के संपादक थे. उन्होंने इस पत्रिका के माध्यम से ज्ञान और साहित्य की सेवा में अमूल्य योगदान दिया. इसके अलावा, उन्होंने थोड़े समय में नदवा के प्रशासन में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई.
अमीर-ए-जमात ने मरहूम के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को याद करते हुए कहा कि वे कई राष्ट्रीय और धार्मिक आयोजनों में उनसे मिले थे. हाल ही में, एक महीने पहले लखनऊ में दारुल उलूम नदवातुल उलेमा में उनके गर्मजोशी भरे स्वागत की स्मृतियां उनके दिल में ताजा हैं. मौलाना ने शिक्षकों के साथ विशेष सत्र आयोजित किया था और अमीर जमात को दारुल उलूम के विभिन्न विभागों, पुस्तकालय और अन्य स्थानों का भ्रमण कराया था..
अमीर-ए-जमात ने मौलाना के परिवार, दारुल उलूम नदवातुल उलेमा के निदेशक और उनसे जुड़े सभी लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने प्रार्थना की कि अल्लाह तआला मौलाना जाफर मसूद हुसैनी की सेवाओं को स्वीकार करे, उन्हें जन्नतुल फिरदौस में उच्च स्थान प्रदान करे, और उनके सभी पापों को क्षमा करे। साथ ही, अल्लाह से यह दुआ की कि वह उनके परिवार और अनुयायियों को इस कठिन समय में सब्र और हिम्मत दे। आमीन.
हुमरा कुरैशी का निधन
उधर, देश के मुख्य चुनाव आयुक्त रहे एस वाई कुरैशी की पत्नी हुमरा कुरैशी भी अब इस दुनिया में नहीं रहीं. कुरैशी परिवार ने उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए अपने दोस्त और परिवार के सदस्यों को आमंत्रित किया गया है. उन्हें शुक्रवार सुबह दस बजे गुरूग्राम के कब्रिस्तान अंजुमन बगिया में दफन किया जाएगा.