जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने इजरायल-हमास युद्धविराम समझौते का किया स्वागत
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अमीर (अध्यक्ष) सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने इजरायल और हमास के बीच हाल ही में घोषित युद्धविराम समझौते का स्वागत किया है. उन्होंने इसे गजा में रक्तपात रोकने और वहां राहत पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.
युद्धविराम की सराहना
मीडिया को जारी अपने बयान में जमाअत अध्यक्ष ने कहा,”यह युद्धविराम गजा के उन लोगों के लिए राहत का अवसर है, जिन्होंने इतिहास के सबसे विनाशकारी नरसंहारों में से एक को झेला है.”उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से गजा के पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए तत्काल प्रयास करने की अपील की. साथ ही, उन्होंने अरब भूमि से इजरायली सेनाओं की पूर्ण वापसी और स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना की आवश्यकता पर जोर दिया.
गजा पर हमलों की निंदा
सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने फिलिस्तीन के लोगों के साहस और बलिदान की सराहना की. उन्होंने कहा,”पिछले 15 महीनों के दौरान 48,000 से अधिक निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें बच्चे, महिलाएं, डॉक्टर, शिक्षक, पत्रकार और राहत कार्यकर्ता शामिल थे. यह हमला मानवता और तथाकथित सभ्य विश्व पर एक गहरा दाग है.”
युद्धविराम के बावजूद, इजरायल की हिंसा जारी रहने पर उन्होंने चिंता व्यक्त की. उन्होंने बताया कि हाल के हमलों में 87 से अधिक लोगों की मौत हुई, जिनमें 21 बच्चे और 25 महिलाएं शामिल हैं..
इजरायल को जवाबदेह ठहराने की मांग
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि इजरायल को उसके मानवाधिकार उल्लंघन और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की अवहेलना के लिए जवाबदेह ठहराया जाए.. उन्होंने कहा,”इस विनाश के लिए जिम्मेदार शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व को न्याय का सामना करना चाहिए.”
Jamaat-e-Islami Hind Welcomes Ceasefire Agreement Between Hamas and Israel
— Jamaat-e-Islami Hind (@JIHMarkaz) January 18, 2025
New Delhi: The President of Jamaat-e-Islami Hind (JIH), Syed Sadatullah Husaini, has welcomed the recently announced ceasefire agreement between Israel and Hamas. In a statement to the media, the JIH… pic.twitter.com/QmASNselVB
स्थायी शांति के लिए अपील
अध्यक्ष ने कहा कि युद्धविराम को अंतिम समाधान नहीं माना जाना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा,”मध्य पूर्व में स्थायी शांति तभी संभव है जब कब्जे और अन्याय के मूल कारणों को समाप्त किया जाए.”उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के लिए न्याय, प्रवासियों की वापसी के अधिकार, और अल-अक्सा मस्जिद की मुक्ति की आवश्यकता को रेखांकित किया. साथ ही, उन्होंने वैश्विक समुदाय से इन मुद्दों के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की.
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने एक बार फिर स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के प्रति अपना समर्थन दोहराया और क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्थिरता के लिए न्याय और सह-अस्तित्व के महत्व पर जोर दिया.