पैगंबर मोहम्मद साहब के कदमों के निशान पर यूसुफ पठान, सोशल मीडिया पर साझा किए अनुभव
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,रियाद
भारतीय क्रिकेटर और तृणमूल कांग्रेस के सांसद यूसुफ पठान इस समय उमराह के लिए सऊदी अरब में हैं. उमराह की धार्मिक रस्में पूरी करने के साथ ही यूसुफ पठान इस अवसर को इस्लामिक इतिहास और पैगंबर मोहम्मद साहब से जुड़े पवित्र स्थलों के दौरे के लिए भी उपयोग कर रहे हैं. उनका यह प्रयास इस्लामिक इतिहास के प्रति उनके लगाव और गहरी आस्था को दर्शाता है.
यूसुफ पठान ने न केवल उमराह की रस्में पूरी कीं, बल्कि वे मक्का और मदीना के आसपास स्थित उन स्थानों तक भी पहुंचे, जो इस्लाम के आखिरी पैगंबर मोहम्मद साहब के जीवन और हिजरत (मदीना की यात्रा) के समय से जुड़े हुए हैं. उन्होंने लक्फ और मुजाह घाटियों का दौरा किया, जो इस्लामिक इतिहास में उस समय के महत्वपूर्ण स्थानों में शामिल हैं, जब पैगंबर मोहम्मद साहब और उनके साथी अबू बकर रजियाल्लाहु अन्हु मक्का से मदीना की ओर हिजरत कर रहे थे.
Walked through the Valleys of Laqf and Mujah today, where it is reported that the Prophet Muhammad (PBUH) and Abu Bakr (RA) passed during the Hijrah. The rocky and rugged terrain even caused their camel to be injured, requiring it to be replaced. Alhamdulillah for the chance to… pic.twitter.com/ixLTF5Nz6I
— Yusuf Pathan (@iamyusufpathan) January 22, 2025
पैगंबर मोहम्मद साहब की हिजरत के रास्तों पर यूसुफ का अनुभव
यूसुफ पठान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” (पूर्व में ट्विटर) पर अपने अनुभव साझा करते हुए लिखा, “आज लक्फ और मुजाह घाटियों से गुजरा, जहाँ पैगंबर मोहम्मद साहब और अबू बकर रजियाल्लाहु अन्हु हिजरत के दौरान गुजरे थे. यह चट्टानी और ऊबड़-खाबड़ इलाका है. इतिहास बताता है कि इस कठिन रास्ते के दौरान पैगंबर साहब का ऊँट घायल हो गया था और उसे बदलना पड़ा था. इस ऐतिहासिक यात्रा का अनुभव करना मेरे लिए एक आशीर्वाद है. अल्हम्दुलिल्लाह.”
Visited the historic Akaha mountain, a place where the Prophet Muhammad (PBUH) passed during his Hijrah to Madinah. Grateful for this experience. Alhamdulillah. pic.twitter.com/phU3LgxxUH
— Yusuf Pathan (@iamyusufpathan) January 22, 2025
यूसुफ पठान ने आगे “अकाहा पर्वत” का दौरा करते हुए लिखा, “अकाहा पर्वत पर जाना और उस स्थान को देखना, जहाँ पैगंबर मोहम्मद साहब हिजरत के दौरान गुजरे थे, मेरे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव है. यह हमें उनके बलिदान और धैर्य की याद दिलाता है। अल्हम्दुलिल्लाह.”
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गार-ए-सूर की यात्रा
इससे पहले यूसुफ पठान गार-ए-सूर (सूर गुफा) पहुंचे, जहाँ हिजरत के समय पैगंबर मोहम्मद साहब और अबू बकर ने शरण ली थी. इस अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने लिखा, “गार-ए-सूर में जाना मेरे लिए एक भावनात्मक क्षण था. यह स्थान हमें अल्लाह की सुरक्षा और दया की याद दिलाता है. यह हर मुसलमान के लिए गर्व का क्षण है.”
At Ghar-e-Sour, where the Prophet Muhammad (PBUH) and Abu Bakr (RA) found refuge, reminding us of Allah’s protection and mercy. #Saudi_Arabia pic.twitter.com/eaSyjmSK0p
— Yusuf Pathan (@iamyusufpathan) January 19, 2025
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
यूसुफ पठान की इन ऐतिहासिक स्थानों की यात्रा और अनुभव साझा करने वाले पोस्ट्स को सोशल मीडिया पर काफी सराहा जा रहा है. खबर लिखे जाने तक, उनके पोस्ट पर लगभग दो लाख लोग अपनी प्रतिक्रियाएँ दे चुके हैं. एक उपयोगकर्ता सीजा ने भावुक होकर उनसे अपने लिए दुआ की गुज़ारिश की, जबकि मलिक रिजवान सईदी ने इस संदर्भ में एक कुरान की आयत साझा की.
— Malik Rizwan saeedi (@SaeediMali56051) January 22, 2025
हालांकि, सोशल मीडिया पर यूसुफ पठान की यात्रा को लेकर आलोचनाएं भी सामने आईं.कुछ लोगों ने उनसे सांसद के रूप में अपने क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों का हिसाब मांगा. वहीं, कुछ ने उनकी यात्रा को “मॉडलिंग” तक करार दिया. यात्रा के दौरान उन्होंने सिर पर टोपी, जैकेट और पैंट पहन रखी थी.
इसके जवाब में पठान के समर्थकों ने स्पष्ट किया कि सऊदी अरब में गर्मी का मौसम है और चिलचिलाती धूप में ऐसे कपड़े पहनना सामान्य बात है. इसके अलावा, यूसुफ पठान का अंदाज हमेशा से अनोखा और प्रशंसनीय रहा है.
पठान भाइयों की उमराह यात्रा
यूसुफ पठान और उनके छोटे भाई इरफान पठान, जो खुद एक मशहूर क्रिकेटर रह चुके हैं, दोनों भाई उमराह यात्रा के लिए साथ गए थे. मुंबई एयरपोर्ट पर दोनों भाइयों की सादगी और विनम्रता को देखकर लोग उनकी जमकर तारीफ कर रहे थे..
You are doing religious pilgrimage, so keep it private. What are you doing in your public life as an MP , publish that one. how many questions you have asked in Parliament or what are you doing for the people of your constituency, show it to people.
— Hidayatullah Khan (@Hidayat08795003) January 22, 2025
यूसुफ पठान ने इस्लामिक इतिहास के पवित्र स्थलों पर अपनी यात्रा के माध्यम से एक उदाहरण पेश किया है कि उमराह सिर्फ धार्मिक रस्मों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे इस्लाम के गौरवशाली इतिहास को समझने और जीने का अवसर भी बनाया जा सकता है. उनकी यह यात्रा सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है और इससे उनके प्रशंसकों के साथ-साथ इस्लामिक संस्कृति में रुचि रखने वालों के बीच भी गहरी छाप छोड़ी है.