Muslim World

कौन हैं शेख अल-सबाह जिन्हें पद्मश्री 2025 से सम्मानित किया जाएगा ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

भारत सरकार ने 25 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार 2025 के विजेताओं के नामों की घोषणा की. इन नामों में एक खास नाम है शेखा एजे अल-सबाह का, जो कुवैत की योग ट्रेनर और वहां के पहले लाइसेंस प्राप्त योग स्टूडियो ‘दारातमा’ की संस्थापक हैं.

योग के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता और योगदान के कारण उन्हें इस बार पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा. आइए जानते हैं शेखा अल-सबाह के प्रेरणादायक सफर के बारे में.

शेखा अल-सबाह का परिचय और योगदान

शेखा एजे अल-सबाह कुवैत की एक जानी-मानी योग प्रशिक्षक और वेलनेस विशेषज्ञ हैं. उन्होंने खाड़ी देशों में योग को एक नई पहचान दिलाई. शेखा अल-सबाह ने कुवैत के पहले लाइसेंस प्राप्त योग स्टूडियो ‘दारातमा’ की स्थापना की, जो आज वहां योग और फिटनेस का प्रमुख केंद्र बन गया है. उन्होंने न केवल कुवैत बल्कि पूरे खाड़ी क्षेत्र में योग प्रैक्टिस को बढ़ावा दिया और इसे एक आधिकारिक पहचान दिलाने के लिए विशेष प्रयास किए.

इसके साथ ही, शेखा अल-सबाह ने कुवैत में योग शिक्षा लाइसेंस लॉन्च किया, जिससे योग को औपचारिक मान्यता मिली. उन्होंने शम्स यूथ योगा की सह-स्थापना भी की, जो 0 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए एक व्यापक पाठ्यक्रम प्रदान करता है. उनका उद्देश्य योग के माध्यम से बच्चों और युवाओं के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को मजबूत करना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में शेखा अल-सबाह से मुलाकात की. यह मुलाकात उनके कुवैत दौरे के दौरान हुई, जो 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा इस खाड़ी देश की पहली यात्रा थी. इस दौरान पीएम मोदी ने शेखा अल-सबाह के साथ योग को युवाओं के बीच और अधिक लोकप्रिय बनाने के तरीकों पर चर्चा की.

प्रधानमंत्री ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में लिखा, “कुवैत में महामहिम शेखा एजे अल-सबाह से मुलाकात की। उन्होंने योग और फिटनेस के प्रति अपने जुनून के लिए खुद को प्रतिष्ठित किया है. उन्होंने कुवैत में पहला लाइसेंस प्राप्त योग स्टूडियो स्थापित किया है. हमने युवाओं के बीच योग को लोकप्रिय बनाने के तरीकों पर चर्चा की.”

कुवैत में योग और फिटनेस का प्रसार

शेखा अल-सबाह ने कुवैत में योग को एक जीवनशैली के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने ध्यान और योग के माध्यम से स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया और इसके प्रति लोगों को जागरूक किया. उनके स्टूडियो ‘दारातमा’ में हर उम्र के लोगों के लिए विशेष योग कक्षाएं संचालित की जाती हैं.

इसके अलावा, शेखा अल-सबाह ने कुवैत के युवाओं के बीच योग को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यशालाएं और कार्यक्रम आयोजित किए. उन्होंने योग के माध्यम से भारत और कुवैत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को भी गहरा किया.

शेखा अल-सबाह और पद्मश्री का महत्व

पद्मश्री भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है, जिसे कला, साहित्य, शिक्षा, चिकित्सा, खेल, सामाजिक कार्य, विज्ञान और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाता है. शेखा अल-सबाह को यह सम्मान योग और वेलनेस के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए दिया गया है.

शेखा अल-सबाह का सफर न केवल कुवैत बल्कि पूरे खाड़ी क्षेत्र में योग और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने का एक प्रेरणादायक उदाहरण है. उनका काम भारतीय योग परंपरा को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया जाना उनके इस योगदान की सच्ची मान्यता है.

शेखा अल-सबाह का जीवन योग, सेवा और समर्पण का प्रतीक है. उनकी कहानी दुनिया भर में उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो योग और वेलनेस के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *