महाकुंभ में मची भगदड़: 16 घंटे तक आंकड़े छुपाने के बाद यूपी सरकार ने किया खुलासा, 30 की मौत, 60 घायल
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली/प्रयागराज
माघ मेले के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज में उमड़ी अपार भीड़ के कारण महाकुंभ में भयावह भगदड़ मच गई, जिसमें 30 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 60 से अधिक श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए. इस दुखद घटना के बारे में उत्तर प्रदेश सरकार ने करीब 16 घंटे तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी, लेकिन जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने राज्य के एक श्रद्धालु की मौत की पुष्टि की, तब जाकर सरकार ने वास्तविक आंकड़े जारी किए.
घटना कैसे हुई?
मौनी अमावस्या पर संगम तट पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालु एकत्र हुए थे. प्रशासन के अनुमान के मुताबिक, इस विशेष दिन पर 57.1 मिलियन (5.71 करोड़) श्रद्धालु संगम में स्नान के लिए पहुंचे थे. इतनी विशाल भीड़ के बीच अव्यवस्थाओं और सुरक्षा उपायों में कमियों के चलते त्रिवेणी संगम के आसपास भगदड़ मच गई.
बताया जा रहा है कि प्रमुख स्नान घाटों पर बैरिकेड्स अचानक टूट गए, जिससे लोग असंतुलित होकर गिरने लगे और देखते ही देखते भगदड़ मच गई. चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल बन गया, और सैकड़ों लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े. स्थानीय प्रशासन की ओर से इस दौरान स्थिति संभालने की कोशिश की गई, लेकिन भीड़ इतनी अधिक थी कि भगदड़ को रोक पाना संभव नहीं हो सका।
योगी आदित्यनाथ ने करोड़ों श्रद्धालुओं की गिनती तो कुछ ही घंटे में करवा ली लेकिन भगदड़ और मौतों के 16 घंटे बाद तक मरने वालों का आंकड़ा नहीं बता रहे हैं . #MahaKumbh2025 #Mahakumbh #महाकुंभ2025 #महाकुंभ #महाकुंभ_2025_प्रयागराज pic.twitter.com/nNVWl7S6MZ
— Ajit Anjum (@ajitanjum) January 29, 2025
सरकार ने देर से जारी किए आंकड़े
घटना के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने करीब 16 घंटे तक मृतकों और घायलों की सही संख्या को छुपाए रखा. हालांकि, जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने राज्य के एक व्यक्ति की मौत की खबर सार्वजनिक की, तब यूपी सरकार को वास्तविक आंकड़े जारी करने पड़े.
डीआईजी वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि 25 शवों की पहचान कर ली गई है, जबकि 5 शवों की पहचान अभी बाकी है.
मृतकों में 4 श्रद्धालु कर्नाटक से, 1 असम से और 1 गुजरात से थे. प्रशासन ने बताया कि घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है, जहां 36 लोग गंभीर रूप से घायल हैं.
सरकार का मुआवजा और जांच के आदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस त्रासदी में मारे गए लोगों के परिवारों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित करने का आदेश दिया है, जिसमें न्यायमूर्ति हर्ष कुमार, पूर्व डीजी वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डीके सिंह शामिल होंगे.
सीएम योगी ने घटना को लेकर अपनी संवेदना प्रकट करते हुए कहा,“यह घटना बेहद दुखद और हृदयविदारक है. हम उन सभी परिवारों के साथ खड़े हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है. प्रशासन से इस मामले की पूरी जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.”
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में 57.1 मिलियन (5.71 करोड़) श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया. इस धार्मिक आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं की आस्था का अद्भुत दृश्य देखने को मिला.
इसके अलावा, 10 लाख से अधिक कल्पवासी (जो एक महीने तक धार्मिक तपस्या करते हैं) भी संगम तट पर डटे रहे. अब तक महाकुंभ में कुल 199.4 मिलियन (19.94 करोड़) श्रद्धालु पहुंच चुके हैं, जिससे इस आयोजन को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जा रहा है.
राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं
इस दुखद हादसे के बाद देशभर के राजनीतिक और धार्मिक नेताओं ने शोक व्यक्त किया और सरकार से भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बेहतर व्यवस्थाएं करने की मांग की.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा,“महाकुंभ में लाखों लोग आते हैं, इसे संभालना एक बड़ी चुनौती है. हम यूपी सरकार के संपर्क में हैं ताकि असम के मृत श्रद्धालु के पार्थिव शरीर को वापस लाया जा सके.”
योग गुरु बाबा रामदेव ने घटना पर दुख जताते हुए कहा,“सरकार और प्रशासन अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, लेकिन श्रद्धालुओं को भी आत्म-अनुशासन का पालन करना चाहिए।.धर्म का पहला लक्षण धैर्य है.”
आप नेता राघव चड्ढा ने यूपी सरकार से अपनी तैयारियों की समीक्षा करने की अपील करते हुए कहा,“सरकार को भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे.”
राजद नेता तेजस्वी यादव ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा,“भगदड़ में मारे गए श्रद्धालुओं की आत्मा को शांति मिले.सरकार को अव्यवस्थाओं को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए.”
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा,“यह दुखद और चिंताजनक घटना है. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए.”
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी मृतकों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
क्या हो सकते हैं सुधार के उपाय?
महाकुंभ जैसा विशाल धार्मिक आयोजन लाखों श्रद्धालुओं को एक साथ समेटता है, और ऐसे में प्रशासन के लिए भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बन जाता है. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए निम्नलिखित सुधार किए जा सकते हैं:
स्नान घाटों पर बैरिकेडिंग को और मजबूत किया जाए.
भीड़ नियंत्रण के लिए और अधिक पुलिस बल की तैनाती हो.
श्रद्धालुओं के लिए वैकल्पिक स्नान स्थलों की व्यवस्था हो.
भगदड़ रोकने के लिए डिजिटल स्क्रीन और अनाउंसमेंट सिस्टम का प्रयोग हो.
महाकुंभ में हुई इस भगदड़ ने एक बार फिर से प्रशासन की कार्यक्षमता और भीड़ नियंत्रण को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इस धार्मिक आयोजन में जहां आस्था और भक्ति का महासंगम देखने को मिलता है, वहीं अव्यवस्थाएं कभी-कभी बड़ी त्रासदी का कारण भी बन जाती हैं. अब यह देखना होगा कि न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट में क्या सामने आता है और क्या सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगी.
संक्षेप में:
30 श्रद्धालुओं की मौत, 60 से अधिक घायल
यूपी सरकार ने 16 घंटे तक आंकड़े छुपाए
मृतकों के परिवारों को 25 लाख का मुआवजा
तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन
देशभर में राजनीतिक और धार्मिक नेताओं ने जताया दुख
क्या सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में सक्षम होगी? आप क्या सोचते हैं?