दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 एग्जिट पोल : भाजपा के मंसूबे पर झाडू चलने का खतरा
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के मतदान का दौर समाप्त हो चुका है, और अब राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर चुनावी समीकरणों की तस्वीर साफ होने की बारी है. मतदान प्रक्रिया के बीच, आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और कांग्रेस के बीच एक दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला है. वहीं, एग्जिट पोल्स और मतदान के आंकड़ों ने ये संकेत दिए हैं कि दिल्ली में आगामी चुनावों का परिणाम बीजेपी की उम्मीद से इतर होने वाला है.
इस बार के चुनाव में दिल्ली के कई मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में भारी मतदान देखा गया, जिससे भाजपा की चुनावी रणनीतियों को झटका लग सकता है. भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अपनी ताकत झोंकी थी, लेकिन मतदान के आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि ‘आप’ की स्थिति मजबूत रही. इसके अलावा, महाकुंभ के मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं के साथ हुई घटनाओं ने भी बीजेपी की चुनावी स्थिति को कमजोर कर दिया.
चुनावी मतदान में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों का प्रभाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल इलाकों में मतदान की प्रतिशतता ने सुर्खियां बटोरीं. खासकर मुस्तफाबाद और सीलमपुर सीटों पर भारी मतदान हुआ, जहां मतदाताओं ने अपनी भागीदारी में कोई कसर नहीं छोड़ी.
मुस्तफाबाद में 66.68% और सीलमपुर में 62.47% मतदान हुआ, जो इस बात का संकेत है कि मुस्लिम समुदाय ने इस बार अपनी वोटिंग ताकत को और अधिक प्रभावशाली बना दिया है. ऐसे क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी को मिला समर्थन पार्टी के लिए एक अच्छा संकेत माना जा रहा है, जो दिल्ली की सत्ता पर तीसरी बार काबिज होने की जद्दोजहद में है.
चुनाव में प्रदूषण, भ्रष्टाचार और खराब सड़कों के मुद्दे
दिल्ली में इस बार के चुनावी मुद्दों ने इस बार की मतदाता सहभागिता को प्रभावित किया. प्रदूषित यमुना जल, सड़कों की खस्ता हालत और सरकारी भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों ने दिल्लीवासियों के दिलों में खासा असर डाला है. आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस इन मुद्दों पर अपने-अपने दावे कर रही हैं, जबकि इनका असर मतदान पैटर्न पर साफ देखा गया.
मतदान में महिलाओं और बुजुर्गों का प्रभाव
दिल्ली में इस बार विशेष रूप से महिलाओं और बुजुर्गों के लिए मतदान की प्रक्रिया को सुगम बनाने के प्रयास किए गए थे. मतदान केंद्रों पर स्कूली बच्चों को तैनात किया गया था, ताकि बुजुर्ग मतदाताओं की मदद की जा सके. साथ ही, विकलांग मतदाताओं के लिए 733 मतदान केंद्र बनाए गए थे, जिससे मतदान प्रक्रिया में कोई अड़चन न हो.
सीलमपुर में झड़प और चुनावी हिंसा का साया
चुनाव के दौरान सीलमपुर में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें देखने को मिलीं. भाजपा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी नकली मतदान करा रही है, और कई मतदान केंद्रों पर बुर्का पहने महिलाओं को एक से ज्यादा बार वोट डालते देखा गया.
पुलिस ने इन घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की, और मामले की जांच शुरू की. यह स्थिति चुनावी माहौल में तनाव पैदा करने वाली थी, लेकिन पुलिस की तत्परता ने इसे काबू में कर लिया.
नाम कटने की घटना – मतदाता सूची में गड़बड़ी
एक और चिंता का विषय यह था कि कई मतदाता पाए गए, जिनके नाम मतदान सूची में नहीं थे. दिल्ली के राजौरी गार्डन विधानसभा क्षेत्र के निवासी अजहर अब्बास खान ने बताया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया था, जबकि वे इस क्षेत्र में 1989 से रह रहे थे.
इस तरह के मामले दिल्ली के अन्य हिस्सों से भी सामने आए, जिससे चुनाव आयोग पर सवाल उठाए गए.
अमानतुल्लाह खान के खिलाफ एफआईआर
दिल्ली विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई. खान पर आरोप था कि वे प्रचार के अंतिम दिन, यानी 3 फरवरी को अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रचार कर रहे थे, जबकि चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार प्रचार की अवधि समाप्त हो चुकी थी. यह घटना चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़े करती है और आचार संहिता के पालन में खामियों को उजागर करती है.
एग्जिट पोल: ‘आप’ की सीट कम होने की उम्मीद
मतदान के बाद आए एग्जिट पोल्स ने दिल्ली के चुनावी परिणाम को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं. पीपल इनसाइट के एग्जिट पोल के अनुसार, भाजपा को 39-44 सीटें मिलती हुई दिखाई दे रही हैं, जबकि आम आदमी पार्टी को 25-28 सीटें मिल रही हैं, जो पार्टी के लिए एक झटका है. वहीं, कांग्रेस को 2-3 सीटें मिलने का अनुमान है. इस एग्जिट पोल ने आम आदमी पार्टी के समर्थकों को थोड़ी चिंता में डाल दिया है. हालांकि, एग्जिट पोल्स अंतिम परिणाम नहीं होते, और असल नतीजे 8 फरवरी को ही घोषित होंगे.
8 फरवरी को होगा फैसला
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा 8 फरवरी को होगी. इस दिन यह साफ हो जाएगा कि दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी – भाजपा का कमल खिलेगा या फिर ‘आप’ का झाड़ू चलेगा. एग्जिट पोल्स और मतदान के आंकड़ों ने जरा सी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है, और अब दिल्ली के लोग बस इंतजार कर रहे हैं कि उनका आशीर्वाद किसे मिलेगा.
हाइलाइट्स:
- मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भारी मतदान.
- आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला.
- प्रदूषण, भ्रष्टाचार और सड़कों की हालत प्रमुख चुनावी मुद्दे.
- सीलमपुर में मतदान केंद्रों पर भाजपा और आप कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा.
- कई मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से कटने की घटनाएँ.
- पीपल इनसाइट एग्जिट पोल: ‘आप’ की सीट कम होने की उम्मीद
यह विस्तृत रिपोर्ट चुनाव के दौरान हुई घटनाओं और मतदान के आंकड़ों पर आधारित है, और चुनावी विश्लेषण में मदद करेगी. 8 फरवरी को चुनाव परिणामों के साथ स्थिति और स्पष्ट होगी.