इजरायल ने सेना को फिलिस्तीनियों को गाजा से निकालने की योजना बनाने का दिया आदेश
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, तेल अवीव
इजरायल के रक्षा मंत्री ने सेना को आदेश दिया है कि वे ‘स्वेच्छा से’ गाजा छोड़ने वालों के लिए योजना तैयारी करें. यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस प्रस्ताव के बाद आया है जिसमें उन्होंने सुझाव दिया था कि फिलिस्तीनियों को गाजा पट्टी से निकाला जाना चाहिए. इस प्रस्ताव को लेकर मध्य पूर्व और विश्व के अन्य क्षेत्रों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली, जिसके बाद ट्रम्प प्रशासन ने इस पर सफाई दी.
ट्रम्प का प्रस्ताव और वैश्विक प्रतिक्रिया
गुरुवार को राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा कि “युद्ध के अंत में इजरायल गाजा पट्टी को अमेरिका को सौंप देगा.” उनके अनुसार, इस क्षेत्र में किसी अमेरिकी सैनिक की जरूरत नहीं होगी और इससे क्षेत्र में स्थिरता आएगी. हालाँकि, इस प्रस्ताव ने वैश्विक स्तर पर विवाद को जन्म दिया.
संयुक्त राष्ट्र ने इस प्रस्ताव की आलोचना करते हुए कहा कि फिलिस्तीनियों को जबरन निष्कासित करना ‘जातीय सफाया’ होगा. सऊदी अरब ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि गाजा के नागरिकों का विस्थापन अस्वीकार्य है और बिना एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य के इजरायल से कोई संबंध स्वीकार्य नहीं होगा.
इजरायल की प्रतिक्रिया
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज़ ने कहा कि उन्होंने सेना को आदेश दिया है कि वे उन नागरिकों के लिए एक योजना तैयार करें जो स्वेच्छा से गाजा छोड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा, “जो भी नागरिक गाजा छोड़ना चाहते हैं, वे किसी भी ऐसे देश में जा सकते हैं जो उन्हें स्वीकार करने को तैयार हो.”
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति के इस प्रस्ताव का समर्थन किया और फॉक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि ट्रम्प इजरायल के “सबसे बड़े मित्र” हैं और यह प्रस्ताव गाजा के निवासियों के लिए “एक महान अवसर” हो सकता है.
हमास का कड़ा विरोध
फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास ने राष्ट्रपति ट्रम्प के इस प्रस्ताव को “अस्वीकार्य” बताया. हमास के प्रवक्ता हज़म कासिम ने कहा कि “हम ट्रम्प के इस बयान को, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका गाजा पर नियंत्रण कर लेगा, क्षेत्र पर कब्जे के इरादे के रूप में देख रहे हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि गाजा के लोग इसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं और अरब लीग से इस योजना के खिलाफ आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग की.
युद्ध और मानवीय संकट
एक वर्ष से अधिक समय से जारी इजरायल-हमास युद्ध के कारण गाजा क्षेत्र पूरी तरह से तबाह हो चुका है. हजारों लोग मारे गए हैं और लाखों विस्थापित हो चुके हैं। इस संदर्भ में, इजरायल द्वारा गाजा के नागरिकों के लिए “निकासी योजना” की घोषणा करना एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है.
संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि जबरन विस्थापन अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है और इससे क्षेत्र में अशांति और बढ़ सकती है. इसके अलावा, गाजा से बाहर जाने के लिए इच्छुक नागरिकों के लिए ठोस पुनर्वास योजनाओं की अनुपस्थिति भी इस योजना को अव्यवहारिक बनाती है.
भविष्य की संभावनाएँ
राष्ट्रपति ट्रम्प की योजना और इजरायल द्वारा गाजा से लोगों को निकालने की तैयारियाँ दर्शाती हैं कि इस क्षेत्र का भविष्य अत्यधिक अनिश्चित बना हुआ है. हालांकि, इजरायल और अमेरिका इस योजना को “शांति की दिशा में एक कदम” बता रहे हैं, लेकिन फिलिस्तीनियों और उनके समर्थक देशों के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है.
अब देखने वाली बात यह होगी कि यह प्रस्ताव किस हद तक कार्यान्वित होता है और क्या यह वास्तव में क्षेत्र में शांति ला पाएगा या फिर इससे और अधिक संघर्ष भड़क सकता है.