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अरबपति यूसुफ अली ने कर्मचारी के जनाजे की नमाज पढ़ाई, ताबूत को कंधे पर उठाया – एक मिसाल कायम की

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,अबू धाबी

अरबपति कारोबारी और लुलु ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष यूसुफ अली एम.ए. ने अपने एक कर्मचारी के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेकर इंसानियत और नेतृत्व का बेहतरीन उदाहरण पेश किया. उन्होंने न केवल जनाजे की नमाज पढ़ाई, बल्कि ताबूत को कंधे पर उठाकर कर्मचारी के प्रति सम्मान व्यक्त किया.

एक सादगी भरा रिश्ता: मालिक और कर्मचारी का अद्वितीय संबंध

आज के दौर में दुनिया की कई बड़ी कंपनियों में मालिक और कर्मचारियों के बीच औपचारिक से ज्यादा कुछ नहीं होता. कई बार तो कंपनी के उच्च अधिकारी अपने कर्मचारियों को पहचानते भी नहीं. लेकिन यूसुफ अली एम.ए. ने अपने व्यवहार से यह साबित कर दिया कि वह न केवल एक सफल बिजनेसमैन हैं, बल्कि अपने कर्मचारियों के लिए सच्चे मायने में परिवार की तरह सोचते हैं.

कौन थे शिहाबुद्दीन?

जिस कर्मचारी के अंतिम संस्कार में यूसुफ अली शामिल हुए, उनका नाम शिहाबुद्दीन था। वह लुलु ग्रुप में पिछले 18 वर्षों से कार्यरत थे और कार्यालय में काम करते समय दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.

परिवार से गहरा संबंध, लेकिन इंसानियत सबसे ऊपर

शिहाबुद्दीन के परिवार का लुलु ग्रुप से पुराना नाता है. उनके पिता भी इसी कंपनी में काम कर चुके थे, और उनके भाई भी लुलु ग्रुप का हिस्सा हैं. हालांकि, यह केवल पारिवारिक संबंधों की वजह से नहीं था कि यूसुफ अली ने इस अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया।

कंपनी के एक वरिष्ठ कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि यूसुफ अली एम.ए. हमेशा अपने कर्मचारियों के अंतिम संस्कार में शामिल होने की पूरी कोशिश करते हैं. यदि वह शहर में होते हैं, तो खुद अंतिम संस्कार में शामिल होकर परिवार को सांत्वना देते हैं.

यूसुफ अली: कर्मचारियों के लिए ‘भाई’

कंपनी के कर्मचारियों का कहना है कि भले ही यूसुफ अली एक अरबपति कारोबारी हैं, लेकिन वह खुद को कभी भी कर्मचारियों से ऊँचा नहीं समझते. सभी कर्मचारी उन्हें प्यार से ‘यूसुफ भाई’ कहते हैं, क्योंकि वह हर किसी से परिवार के सदस्य की तरह व्यवहार करते हैं.

एक कर्मचारी ने बताया,
“यूसुफ भाई किसी को सीनियर या जूनियर के रूप में नहीं देखते। वह सभी से एक समान व्यवहार करते हैं, इसलिए हर कोई उन्हें भाई मानता है. वह कर्मचारियों के दुख-सुख में शामिल होते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं.”

यूसुफ अली: UAE के सबसे अमीर भारतीय

यूसुफ अली संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में सबसे अमीर भारतीय कारोबारी हैं. फोर्ब्स के मुताबिक, 11 फरवरी 2025 तक उनकी कुल संपत्ति 6.9 बिलियन डॉलर (लगभग 57,000 करोड़ रुपये) आंकी गई है. वह दुनिया के 460वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं और मिडिल ईस्ट में भारतीय समुदाय के सबसे प्रभावशाली बिजनेस लीडर माने जाते हैं.

नेतृत्व की मिसाल: इंसानियत और कारोबार साथ-साथ

यूसुफ अली का यह कदम सिर्फ एक कर्मचारी के लिए नहीं, बल्कि पूरी कॉर्पोरेट दुनिया के लिए एक मिसाल है कि कैसे एक सच्चा लीडर सिर्फ बिजनेस ग्रोथ पर ध्यान देने के बजाय अपने कर्मचारियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखता है. उनके इस कार्य को सोशल मीडिया पर भी काफी सराहा गया, और उनके द्वारा ताबूत को कंधे पर उठाने का वीडियो वायरल हो गया.

हालांकि, यूसुफ अली के लिए यह कोई नई बात नहीं है। यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु भारत में भी होती है और वह वहां मौजूद होते हैं, तो वह निश्चित रूप से शोक संतप्त परिवार के पास जाते हैं और संवेदना व्यक्त करते हैं.

काबिल ए गौर

यूसुफ अली एम.ए. का यह कदम सिर्फ एक अरबपति बिजनेसमैन का कार्य नहीं, बल्कि एक सच्चे लीडर और एक संवेदनशील इंसान की पहचान है. आज के समय में, जब कॉर्पोरेट सेक्टर में मानवीय भावनाओं की कमी होती जा रही है, ऐसे में लुलु ग्रुप के संस्थापक ने यह साबित किया कि एक सफल कंपनी वही होती है, जहां कर्मचारियों को परिवार का दर्जा दिया जाता है.