नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़: इंसानियत पर उठे सवाल, जमात-ए-इस्लामी हिंद ने की निष्पक्ष जांच की मांग
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हादसे में अब तक 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। इनमें से पांच की हालत गंभीर बनी हुई है। इस घटना के बाद प्रशासन की तैयारियों और भीड़ प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
प्रोफेसर सलीम इंजीनियर का बयान: सरकार को लेनी चाहिए जिम्मेदारी
जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष, प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने इस हृदयविदारक घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह हादसा प्रशासन की लापरवाही और भीड़ प्रबंधन में गंभीर चूक का नतीजा है। उन्होंने कहा:
“नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई दुखद भगदड़ से हम अत्यंत दुखी हैं। कई मासूम लोगों की जान चली गई और कई घायल हुए हैं। मृतकों के परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएँ हैं, और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। सरकार को चाहिए कि वह इस घटना की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच कराए, ताकि दोषियों की जवाबदेही तय की जा सके।”
भीड़ प्रबंधन में प्रशासन की विफलता
प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने इस त्रासदी के पीछे प्रशासनिक चूक को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सरकार को इस घटना की पूरी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा:
“नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना, विशेष रूप से बड़ी सार्वजनिक सभाओं के दौरान, सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इस तरह की त्रासदियों से बचने के लिए तत्काल प्रभावी उपाय लागू करने की जरूरत है।”
आम जनता की पीड़ा: अपनों को खोने का गम
भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। कई पीड़ितों के परिजनों ने रेलवे और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। चश्मदीदों का कहना है कि स्टेशन पर भारी भीड़ थी, लेकिन पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे।
“मेरा भाई बस एक ट्रेन पकड़ने आया था, लेकिन अब वह दुनिया में नहीं रहा। अगर प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के इंतजाम किए होते, तो यह हादसा नहीं होता,” – एक पीड़ित के परिजन ने दुख जताते हुए कहा।
रेलवे प्रशासन की सफाई
रेलवे प्रशासन का कहना है कि भगदड़ अचानक हुई और उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा:
“हमने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। हम इस घटना की गहन जांच कर रहे हैं और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत करेंगे।”
निष्पक्ष जांच और जिम्मेदारी तय करने की मांग
जमात-ए-इस्लामी हिंद और अन्य सामाजिक संगठनों ने इस त्रासदी की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वह पीड़ितों के परिवारों को उचित मुआवजा दे और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
समाज का सहयोग: कुलियों ने बचाई कई जिंदगियां
जहां प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं इस हादसे में कुछ लोगों ने इंसानियत की मिसाल भी पेश की। रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुलियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कई लोगों को बचाया। कुली मोहम्मद हाशिम ने बताया:
“एक महिला अपनी 4 साल की बच्ची को मरा हुआ समझकर रो रही थी। मैंने बच्ची को उठाया और सुरक्षित जगह ले गया। कुछ देर बाद उसने सांस लेना शुरू कर दिया। उसकी मां खुशी के मारे रो पड़ी। हम बहादुर हैं या मूर्ख, यह तो पता नहीं, लेकिन हमने कई लोगों की जान बचाई।”
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के लिए ठोस रणनीति की जरूरत है। एक वरिष्ठ शहरी योजना विशेषज्ञ ने कहा:
“त्योहारों और बड़े आयोजनों के दौरान रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के लिए अलग से व्यवस्था होनी चाहिए। ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए और स्टेशनों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाना चाहिए।”
सरकार और प्रशासन से मांग
इस घटना के बाद अब कई संगठनों और नागरिकों ने सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- निष्पक्ष जांच: इस घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करवाई जाए और दोषियों को सजा दी जाए।
- बेहतर भीड़ प्रबंधन: रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के लिए ठोस रणनीति अपनाई जाए।
- मुआवजा: मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए और घायलों का मुफ्त इलाज हो।
- सुरक्षा व्यवस्था में सुधार: रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त पुलिस बल और बेहतर इमरजेंसी प्लान लागू किया जाए।
निष्कर्ष
We are deeply saddened by the tragic stampede at New Delhi Railway Station, which has claimed innocent lives and left many injured. Our heartfelt condolences go out to the families of the deceased, and We pray for the swift recovery of those affected.
— Jamaat-e-Islami Hind (@JIHMarkaz) February 16, 2025
We urge the authorities to… pic.twitter.com/sehdGLdxmE
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की भगदड़ ने एक बार फिर प्रशासनिक चूक को उजागर कर दिया है। यह हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि अगर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा उपायों में सुधार नहीं किया गया, तो भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर हो सकती हैं।
जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर और अन्य संगठनों की मांग को गंभीरता से लेते हुए सरकार को चाहिए कि वह इस घटना की जिम्मेदारी स्वीकार करे और ठोस कदम उठाए ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।