Muslim World

ब्रिटेन में इस्लामोफोबिया चरम पर: 2024 में एंटी-मुस्लिम अपराधों में 165% की बढ़ोतरी

नई रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े, सोशल मीडिया और एआई का बड़ा योगदान

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, लंदन

ब्रिटेन में मुस्लिम विरोधी घृणा अपराध (Anti-Muslim Hate Crimes) अपने चरम पर पहुंच गए हैं। 2024 में, इन अपराधों की संख्या में 165% की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे यह मुद्दा और अधिक गंभीर हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कुछ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय घटनाओं ने इस उछाल को बढ़ावा दिया है।

चौंकाने वाले आंकड़े: हर साल बढ़ रही नफरत

मुस्लिम समुदाय के खिलाफ घृणा अपराधों की निगरानी करने वाले संगठन Tell MAMA की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में कुल 6,313 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2023 में यह संख्या 4,406 थी। यह आंकड़ा Tell MAMA द्वारा 2012 में निगरानी शुरू करने के बाद से अब तक का सबसे अधिक है।

आक्रामक हमलों में 73% की वृद्धि

शारीरिक हमलों में भी भारी वृद्धि देखी गई। 2023 में जहां 99 मामले थे, वहीं 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 171 तक पहुंच गया। हालांकि, अधिकांश घृणास्पद घटनाएं ऑनलाइन देखी गईं, जिनमें Tell MAMA ने 5,837 मामलों को सत्यापित किया। इसके अलावा, ऑफलाइन दुर्व्यवहार के भी 2,197 मामले दर्ज किए गए।

घटनाओं के पीछे मुख्य कारण: गलत जानकारी और सोशल मीडिया का दुष्प्रभाव

विशेषज्ञों का कहना है कि 2024 में कई महत्वपूर्ण घटनाएं मुस्लिम विरोधी अपराधों को बढ़ाने में कारक रहीं। इनमें सबसे बड़ा मामला साउथपोर्ट में तीन युवा लड़कियों की हत्या का था।

जुलाई 2024 में हुई इस त्रासदी के तुरंत बाद, सोशल मीडिया पर फर्जी दावे वायरल होने लगे कि हत्याओं के पीछे एक मुस्लिम प्रवासी था। इस गलत सूचना के चलते ब्रिटेन के कई शहरों में हिंसा भड़क उठी। कई मस्जिदों और प्रवासी आश्रयों पर हमले हुए। हालांकि, बाद में जांच में सामने आया कि असली अपराधी एक ब्रिटिश नागरिक था, जिसका नाम एक्सल रुदाकुबाना था। वह कार्डिफ़ में जन्मा एक रवांडाई मूल का व्यक्ति था। उसे अदालत ने 13 आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

सोशल मीडिया और एआई ने बढ़ाई नफरत

रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम विरोधी नफरत फैलाने में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बहुत बड़ा हाथ रहा।

  1. फर्जी AI-जनित तस्वीरें: कुछ समूहों ने AI तकनीक का इस्तेमाल करके मुस्लिम विरोधी झूठी कहानियों को प्रचारित किया।
  2. ट्विटर (अब X) सबसे खतरनाक प्लेटफॉर्म: Tell MAMA ने X (पूर्व में ट्विटर) को “सबसे विषाक्त मंच” बताया, जहां मुस्लिम विरोधी पोस्ट, झूठी खबरें और टार्गेटेड उत्पीड़न तेजी से बढ़ा।

सरकार और समुदाय से अपील: घृणा अपराधों पर लगाम लगाई जाए

Tell MAMA की निदेशक इमान अत्ता ने सरकार से इस बढ़ती नफरत पर तुरंत कार्रवाई करने की अपील की। उन्होंने कहा, “मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बढ़ती घृणा अस्वीकार्य है और देश के भविष्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है। हमें सोशल मीडिया कंपनियों से भी जिम्मेदारी लेने की जरूरत है ताकि वे सुनिश्चित कर सकें कि उनके प्लेटफॉर्म सुरक्षित रहें।”

इस्लामोफोबिक घटनाओं की रिपोर्टिंग के लिए नया प्लेटफॉर्म

घृणा अपराधों की रोकथाम के लिए Tell MAMA ने एक नया शिकायत प्लेटफॉर्म शुरू करने की घोषणा की है, जहां पीड़ित लोग आसानी से अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे। संगठन को उम्मीद है कि इस पहल से पीड़ितों को न्याय मिलेगा और ऐसे अपराधों की जांच प्रभावी तरीके से होगी।

समाधान: सरकार, सोशल मीडिया कंपनियां और समुदाय का संयुक्त प्रयास जरूरी

विशेषज्ञों का मानना है कि इस्लामोफोबिया को रोकने के लिए एक संगठित प्रयास की आवश्यकता है।

  • सरकार को सख्त कानून और नीतियां लागू करनी होंगी।
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को जिम्मेदारी लेनी होगी, खासकर फेक न्यूज और हेट स्पीच को रोकने के लिए।
  • समुदायों के बीच आपसी समन्वय और जागरूकता अभियानों की जरूरत है।

निष्कर्ष: ब्रिटेन के लिए खतरे की घंटी

ब्रिटेन में मुस्लिम विरोधी घृणा अपराधों में इतनी तेज़ वृद्धि एक खतरनाक प्रवृत्ति को दर्शाती है। अगर समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया, तो यह समाज में गहरी दरारें पैदा कर सकता है। सरकार, सोशल मीडिया कंपनियों और आम जनता को इस चुनौती का सामना करने के लिए एक साथ आना होगा, ताकि ब्रिटेन को एक सुरक्षित और समावेशी समाज बनाया जा सके।