जलवायु परिवर्तन से खतरे में जम्मू-कश्मीर का भविष्य: सीएम उमर अब्दुल्ला ने वर्षा की कमी, जल संकट पर जताई चिंता
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्षा की भारी कमी के कारण जल संकट गहरा रहा है, जिससे कृषि, जल संसाधन और सामान्य जीवन प्रभावित हो सकते हैं।
उन्होंने यह टिप्पणी जम्मू विश्वविद्यालय (जेयू) में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की, जहां उन्होंने ‘एनईपी-2020 के कार्यान्वयन के लिए नवाचार शिक्षाशास्त्र में क्षमता निर्माण’ पर तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को लेकर अधिक जागरूकता और ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
वर्षा में 85% की भारी कमी, कृषि पर संकट
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस साल सर्दियों के मौसम में 80-85% तक वर्षा की भारी कमी दर्ज की गई, जो एक बड़े जल संकट की ओर संकेत करता है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का खेती-किसानी का ढांचा पानी की पर्याप्त उपलब्धता पर निर्भर करता है, लेकिन मौजूदा जल स्तर को देखते हुए यह अनुमान लगाना कठिन नहीं है कि धान जैसी अधिक पानी की खपत वाली फसलों की खेती लगभग असंभव हो सकती है।
उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन का असर अब हमारे सामने साफ दिख रहा है। हम पर्याप्त वर्षा नहीं होने के कारण एक गंभीर जल संकट की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे हमारी कृषि और जनजीवन प्रभावित हो सकता है।”
नई शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत ‘डिजाइन योर डिग्री’ कार्यक्रम की सराहना
इस कार्यक्रम में सीएम उमर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत ‘डिजाइन योर डिग्री’ (DYD) पहल की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों को उनकी रुचि के अनुसार अपनी शिक्षा को आकार देने, कौशल विकसित करने और उभरते हुए जॉब मार्केट की मांगों के साथ तालमेल बिठाने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे जम्मू-कश्मीर में निजी क्षेत्र, खासकर उद्योग और पर्यटन, का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
सीएम उमर ने कहा, “डिजाइन योर डिग्री कार्यक्रम छात्रों को अपने करियर और पढ़ाई को अधिक प्रभावी तरीके से चुनने की आजादी देता है। यह पारंपरिक शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव है, जिससे युवा अपने भविष्य के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकते हैं।”
एआई और शिक्षा के बदलते परिदृश्य पर चर्चा
सीएम उमर अब्दुल्ला ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि एआई काम करने और सीखने के तरीके को नया आकार दे रहा है।
उन्होंने कहा, “चैटजीपीटी जैसे टूल्स से शिक्षा प्रणाली में नई चुनौतियां आ रही हैं, लेकिन साथ ही नवाचार और विकास के लिए भी अपार अवसर मौजूद हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस बदलाव के लिए शिक्षकों और छात्रों दोनों की मानसिकता बदलने की जरूरत है।
चुनाव आयोग को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए: सीएम उमर अब्दुल्ला
सीएम उमर अब्दुल्ला ने भारत में चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर उठ रहे सवालों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग (ECI) को इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि पिछले अमेरिकी प्रशासन के इशारे पर भारत में किसी को चुनने के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता (USAID ग्रांट) दी गई।
सीएम उमर ने कहा, “अभी तक, हमें यह विश्वास रहा है कि हमारे चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष रहे हैं। लेकिन अगर इस तरह के आरोप सामने आ रहे हैं, तो चुनाव आयोग को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और आवश्यक स्पष्टीकरण देना चाहिए।”
कर्नाटक में कश्मीरी एमबीबीएस छात्र के साथ रैगिंग पर जताई नाराजगी
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कर्नाटक के एक कॉलेज में एक कश्मीरी एमबीबीएस छात्र के साथ हुई क्रूर रैगिंग की निंदा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री से बात की है और उम्मीद जताई कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, रोजगार, एआई, चुनाव प्रणाली और कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को जलवायु परिवर्तन और जल संकट जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नई शिक्षा नीति और एआई जैसी तकनीकों का सही उपयोग करके युवा पीढ़ी को भविष्य के लिए तैयार करना होगा। इसके साथ ही, चुनाव आयोग को विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।