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जेनिन शरणार्थी शिविर पर इजरायली कब्जा: क्या फिलीस्तीनियों को गाजा जैसी जबरन निकासी का डर है?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

इजरायली सेना द्वारा वेस्ट बैंक के जेनिन शरणार्थी शिविर पर किए गए हालिया हमले से एक बार फिर फिलीस्तीनियों के लिए गाजा जैसी बड़े पैमाने पर निकासी की आशंका गहरा गई है।

15 महीने से जारी इजरायल-फिलीस्तीन युद्ध के बीच, इजरायली बुलडोजरों ने जेनिन के बड़े हिस्से को ध्वस्त कर दिया है। इस कार्रवाई से यह संकेत मिल रहे हैं कि इजरायली सेना वहां लंबे समय तक रुकने की तैयारी कर रही है, ठीक वैसे ही जैसे गाजा में सैन्य ऑपरेशनों के दौरान देखा गया था

जेनिन से बड़े पैमाने पर पलायन: हजारों फिलीस्तीनी बेघर

इजरायल के इस सैन्य अभियान के कारण कम से कम 40,000 फिलीस्तीनी जेनिन और उसके आसपास के इलाकों से अपने घर छोड़ने को मजबूर हो चुके हैं

  • जेनिन नगरपालिका के प्रवक्ता बशीर मथाहेन ने इस स्थिति की तुलना गाजा के जबालिया शिविर से की, जिसे इजरायली सेना ने हफ्तों की लड़ाई के बाद खाली करा दिया था।
  • “शिविर अब रहने लायक नहीं रह गया है,” उन्होंने कहा, यह दर्शाता है कि यहां भी इजरायल की रणनीति बड़े पैमाने पर विस्थापन की हो सकती है
  • तुल्करम और नूर शम्स जैसे अन्य शरणार्थी शिविरों में भी व्यापक निष्कासन की खबरें हैं

इजरायली सेना की रणनीति: शिविरों को खाली कराना या स्थायी कब्जा?

जेनिन शिविर में 12 से अधिक बुलडोजर तैनात हैं, जो वहां मकानों और बुनियादी ढांचे को नष्ट कर रहे हैं

  • इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज़ ने घोषणा की है कि”शिविर को एक साल के लिए खाली रखा जाएगा और निवासियों को वापस लौटने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
  • सेना के इंजीनियरिंग दस्ते शिविर में पानी के टैंक और जनरेटर स्थापित कर रहे हैं, जिससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि इजरायली सैनिक लंबे समय तक यहां रुक सकते हैं
  • इजरायली अधिकारियों का कहना है कि यह ऑपरेशन ईरान समर्थित आतंकवादी समूहों, हमास और इस्लामिक जिहाद, के खिलाफ किया जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असली मकसद फिलीस्तीनियों को स्थायी रूप से विस्थापित करना है

फिलीस्तीनियों का आरोप: क्या यह विस्थापन की साजिश है?

फिलीस्तीनी अधिकारियों और स्थानीय निवासियों का मानना है कि इजरायल शरणार्थी शिविरों और उनकी यादों को पूरी तरह से मिटाने की कोशिश कर रहा है

  • फिलीस्तीनी विश्लेषक माइकल मिल्शटेन का कहना है कि”इससे पहले हमने कभी इस स्तर का सैन्य ऑपरेशन वेस्ट बैंक में नहीं देखा था।”
  • कई फिलीस्तीनियों का मानना है कि इजरायल की योजना शिविरों को पूरी तरह नष्ट कर देना और वहां के निवासियों को हमेशा के लिए बाहर निकाल देना है
  • इजरायल द्वारा अतीत में किए गए ऐसे ही अभियानों से साफ संकेत मिलता है कि यह ऑपरेशन केवल आतंकवादियों को खत्म करने के लिए नहीं, बल्कि जनसांख्यिकी बदलने के लिए भी हो सकता है

इजरायली राजनीति और ट्रम्प की वापसी से उम्मीदें

इस सैन्य कार्रवाई के पीछे इजरायली कट्टरपंथी नेताओं की अपनी राजनीतिक गणना भी है।

  • इजरायल में ऐसे कई दक्षिणपंथी गुट हैं, जो मानते हैं कि अगर डोनाल्ड ट्रम्प फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति बनते हैं, तो उन्हें फिलीस्तीनियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की और अधिक छूट मिलेगी
  • ट्रम्प पहले ही यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने और गोलान हाइट्स पर इजरायली कब्जे का समर्थन करने जैसे कदम उठा चुके हैं।
  • अगर वह फिर से सत्ता में आते हैं, तो इजरायल को वेस्ट बैंक में अपने विस्तारवादी कदमों को और आगे बढ़ाने का मौका मिल सकता है

क्या वेस्ट बैंक अब नया गाजा बन रहा है?

विशेषज्ञों का मानना है कि जेनिन और अन्य शरणार्थी शिविरों में जो कुछ हो रहा है, वह गाजा में अपनाई गई रणनीति का ही विस्तार है

  • गाजा में इजरायल ने आधारभूत ढांचे को पूरी तरह से नष्ट कर दिया और वहां की अधिकांश आबादी को विस्थापित कर दिया
  • अब जेनिन और अन्य वेस्ट बैंक इलाकों में भी ठीक वैसा ही किया जा रहा है
  • अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो वेस्ट बैंक भी धीरे-धीरे गाजा की तरह बन सकता है, जहां फिलीस्तीनियों के लिए जीना लगभग असंभव हो जाएगा

समाप्ति: क्या यह संघर्ष कभी रुकेगा?

इजरायल और फिलीस्तीन के बीच जारी यह टकराव केवल सैन्य संघर्ष नहीं, बल्कि एक मानवीय संकट भी बन चुका है

  • अगर इजरायल का असली लक्ष्य केवल आतंकवाद से निपटना है, तो उसे इसके लिए संवाद और कूटनीति का सहारा लेना चाहिए, न कि पूरे शरणार्थी समुदाय को विस्थापित करने का
  • लेकिन अगर वेस्ट बैंक में भी गाजा जैसी रणनीति अपनाई जाती है, तो इससे केवल संघर्ष बढ़ेगा और दोनों पक्षों को नुकसान होगा
  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस संकट में हस्तक्षेप करना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि फिलीस्तीनियों के बुनियादी मानवाधिकार सुरक्षित रहें

क्या इजरायल का यह सैन्य अभियान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई है, या यह फिलीस्तीनियों को स्थायी रूप से हटाने की रणनीति का हिस्सा है? अपनी राय कमेंट में दें!

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