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इजरायल का गाजा से सेना न हटाने का ऐलान, युद्धविराम को झटका लगने की आशंका

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,खान यूनिस, गाजा पट्टी

इजरायल के एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि युद्धविराम की शर्तों के तहत इजरायल गाजा पट्टी के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण फिलाडेल्फिया गलियारे से अपनी सेना नहीं हटाएगा। इस फैसले से हमास और मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे मिस्र के साथ वार्ता में गंभीर संकट पैदा हो सकता है, जिससे पहले से ही नाजुक युद्धविराम को बड़ा झटका लगने की आशंका है।

इजरायल का तर्क: सुरक्षा कारणों से सेना की जरूरत

इजरायली अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि फिलाडेल्फिया गलियारे में सेना की उपस्थिति आवश्यक है, क्योंकि यह गलियारा मिस्र की सीमा से सटा हुआ है और यहां से हथियारों की तस्करी रोकना बेहद जरूरी है। अधिकारी ने कहा, “हम अपने सुरक्षा हितों को प्राथमिकता देते हुए गाजा में मौजूद रहेंगे, ताकि हमास को फिर से संगठित होने और हथियारों की आपूर्ति प्राप्त करने से रोका जा सके।”

बंधकों और कैदियों की अदला-बदली

इजरायल की इस घोषणा से कुछ ही घंटों पहले हमास ने 600 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में चार इजरायली बंधकों के अवशेष लौटाए थे। यह अदला-बदली युद्धविराम के पहले चरण के अंतिम दिनों में हुई, और अब वार्ता के दूसरे, अधिक जटिल चरण की शुरुआत होनी है।

इजरायल को शनिवार को फिलाडेल्फिया गलियारे से सेना हटाने की प्रक्रिया शुरू करनी थी और आठ दिनों में इसे पूरा करना था, लेकिन अब इस फैसले से हालात और बिगड़ सकते हैं।

अमेरिका की भूमिका और मध्यस्थता की कोशिशें

इस पूरे घटनाक्रम के बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मध्य पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ की इस क्षेत्र में आने वाले दिनों में यात्रा प्रस्तावित है। उनकी इस यात्रा को युद्धविराम बचाने और वार्ता को आगे बढ़ाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

हमास की प्रतिक्रिया और संभावित संकट

हमास और मिस्र की ओर से इस फैसले पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन आतंकवादी समूह हमास ने गुरुवार को पहले ही एक बयान में स्पष्ट कर दिया था कि गाजा में बंधक बनाए गए इजरायली नागरिकों की रिहाई केवल वार्ता और युद्धविराम समझौते का पालन करने से ही संभव हो सकती है।

बंधकों के अवशेषों की पहचान

गुरुवार को छोड़े गए चार बंधकों के अवशेषों की पहचान ओहद याहलोमी, इत्ज़ाक एल्गराट, श्लोमो मंत्ज़ुर और त्साची इदान के रूप में हुई है। इनकी मौत किन परिस्थितियों में हुई, इस बारे में अभी तक स्पष्ट जानकारी नहीं है। 85 वर्षीय मंत्ज़ुर की मृत्यु 7 अक्टूबर, 2023 के हमास हमले के दौरान हुई थी और उसके बाद उनके शव को गाजा ले जाया गया था। बाकी तीन को जीवित अपहरण किया गया था, लेकिन उनकी मौत कैसे हुई, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।

इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने इन अवशेषों की वापसी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह एक बेहद दर्दनाक क्षण है, लेकिन कम से कम अब उन्हें इजरायल में सम्मानपूर्वक दफनाया जाएगा।” वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने भी ओहद याहलोमी के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की, जिनके पास फ्रांसीसी नागरिकता भी थी।

फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और जश्न

हमास ने गुरुवार को पुष्टि की कि 600 से अधिक कैदियों को रिहा किया गया, जिनमें 445 पुरुष, 21 किशोर और एक महिला शामिल हैं। इनमें से अधिकतर कैदी गाजा लौट आए, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में बसों से उतरते ही कुछ कैदी कृतज्ञता में घुटनों के बल गिर गए।

वेस्ट बैंक के बेतुनिया शहर में भी रिहा किए गए कैदियों का जोरदार स्वागत किया गया। कुछ कैदियों ने इजरायली जेल सेवा द्वारा जारी शर्ट को जमीन पर फेंक दिया या उसे आग के हवाले कर दिया।

युद्धविराम पर मंडराते खतरे

इस पूरी स्थिति के बीच, युद्धविराम समझौते का पहला चरण इस सप्ताहांत समाप्त हो रहा है। हमास ने अब तक 33 इजरायली बंधकों को रिहा किया है, जिनमें आठ के शव भी शामिल थे। बदले में, इजरायल ने करीब 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है।

अब सबकी निगाहें दूसरे चरण की वार्ता पर टिकी हैं, जिसकी औपचारिक शुरुआत फरवरी के पहले सप्ताह में होने की संभावना थी। अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने कहा है कि वह चाहते हैं कि दोनों पक्ष आगे बढ़कर वार्ता करें।

इजरायली रणनीति और भविष्य की चुनौतियाँ

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य सभी बंधकों को वापस लाना और हमास की सैन्य और शासन क्षमताओं को नष्ट करना है। अमेरिका ने भी इन दोनों लक्ष्यों का समर्थन किया है।

हालांकि, इजरायल के इस नए रुख से शांति प्रक्रिया को बड़ा झटका लग सकता है। गाजा में बढ़ते मानवीय संकट और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद, इजरायल के अपने सुरक्षा हितों को प्राथमिकता देने के फैसले से संघर्ष के और लंबा खिंचने की आशंका है।

काबिल ए गौर

गाजा पट्टी में इजरायली सेना की मौजूदगी को लेकर इजरायल के नए रुख से युद्धविराम वार्ता में बड़ी बाधा आ सकती है। हमास और मिस्र की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी, जबकि अमेरिका इस संकट को सुलझाने में क्या भूमिका निभा सकता है, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। युद्ध और शांति के इस जटिल समीकरण में अब दुनिया की निगाहें मध्य पूर्व पर टिकी हैं।

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