मस्जिद के फंड से इफ्तार का आयोजन: इस्लामी नजरिए से कितना सही ?
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली
रमजान का पवित्र महीना इबादत, रोज़ा और इफ्तार के माध्यम से अल्लाह की रहमत पाने का सबसे बेहतरीन अवसर होता है। इस दौरान विभिन्न मस्जिदों में सामूहिक इफ्तार का आयोजन किया जाता है, जहां रोज़ेदार एक साथ बैठकर इफ्तार करते हैं। लेकिन एक महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि क्या मस्जिद के फंड से इफ्तार का आयोजन किया जा सकता है? इस्लामी विद्वानों की राय इस विषय पर स्पष्ट रूप से सामने आई है।
क्या मस्जिद के कोष से इफ्तार कराना जायज़ है?
इस्लामी शिक्षाओं के अनुसार, मस्जिद के फंड का उपयोग केवल मस्जिद के रखरखाव और उससे जुड़े खर्चों के लिए किया जा सकता है। इफ्तार एक धार्मिक कार्य होने के बावजूद, इसे मस्जिद के नियमित फंड से कराना इस्लामी दृष्टिकोण से अनुचित माना गया है।
इस्लामी विद्वानों की राय:
✅ फतहुल कादिर (6/268) के अनुसार, “मस्जिद को मिलने वाला दान केवल मस्जिद की आवश्यकताओं और उसके रखरखाव पर खर्च किया जा सकता है, न कि किसी अन्य उद्देश्य के लिए।”
✅ हदीस शरीफ में हज़रत उमर (र.अ.) से संबंधित एक वाक्या मिलता है जिसमें पैगंबर मोहम्मद (स.अ.व.) ने स्पष्ट किया कि दान की गई संपत्ति को बेचा नहीं जा सकता, न ही किसी और को दी जा सकती है। बल्कि, उसका उपयोग केवल निर्धारित उद्देश्यों के लिए ही किया जाना चाहिए। (सहीह बुखारी 2724)
इसलिए, मस्जिद के कोष से इफ्तार का आयोजन करने के बजाय, इफ्तार के लिए अलग से दान एकत्र किया जाना चाहिए ताकि यह धार्मिक रूप से भी उचित हो और मस्जिद की पवित्रता भी बनी रहे।
रमजान और इफ्तार का धार्मिक महत्व
रमजान सिर्फ उपवास रखने का महीना नहीं, बल्कि खुदा की इबादत और समाज में भाईचारे को बढ़ावा देने का समय भी है। इफ्तार इस महीने की सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक परंपराओं में से एक है।
📌 हदीस के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद (स.अ.व.) ने कहा:
“रोज़ा रखने वाले व्यक्ति के लिए दो खुशियाँ हैं – एक जब वह अपना रोज़ा तोड़ता है और दूसरी जब वह अल्लाह से मिलता है।” (तिर्मिज़ी, हदीस: 766)
📌 इफ्तार का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। पैगंबर (स.अ.व.) ने कहा:
“जब सूरज डूब जाए और रात शुरू हो जाए, तो रोज़ेदार को अपना रोज़ा तोड़ देना चाहिए।” (बुखारी, हदीस: 1954)
📌 सामूहिक इफ्तार की परंपरा भी इस्लाम में महत्वपूर्ण मानी गई है। एक हदीस के अनुसार, हज़रत बिलाल (र.अ.) इफ्तार के समय लोगों को सूचना देते थे और पैगंबर (स.अ.व.) के इफ्तार करने के बाद सभी लोग इफ्तार करते थे। (अल-मुजामुल कबीर, हदीस: 4200)
इफ्तार के लिए धन एकत्र करने के उचित तरीके
चूंकि मस्जिद के फंड से इफ्तार आयोजित करना सही नहीं है, इसलिए इसे आयोजित करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं:
✔ अलग से इफ्तार फंड स्थापित करें: मस्जिद समिति एक अलग इफ्तार फंड बना सकती है जिसमें इच्छुक लोग दान कर सकते हैं।
✔ स्थानीय लोगों से स्वेच्छिक योगदान: रमजान के दौरान स्थानीय लोग सामूहिक इफ्तार के लिए आर्थिक मदद कर सकते हैं।
✔ जरूरतमंदों को प्राथमिकता दें: इफ्तार के दौरान अमीरों के बजाय गरीबों और जरूरतमंदों को प्राथमिकता दी जाए।
✔ सादगी और इस्लामी मूल्यों का पालन करें: इफ्तार को भव्य आयोजन बनाने के बजाय, इसे सादगी और धार्मिक भावना के अनुरूप मनाया जाए।
निष्कर्ष
मस्जिद के फंड का उपयोग केवल मस्जिद के रखरखाव और उससे जुड़े खर्चों के लिए किया जाना चाहिए। इफ्तार एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है, लेकिन इसे मस्जिद के दान कोष से आयोजित करना सही नहीं है। इसके बजाय, इसके लिए एक अलग फंड बनाया जाना चाहिए ताकि धार्मिक नियमों का पालन हो और जरूरतमंदों को इफ्तार का लाभ मिल सके।
📢 रमजान का महीना इबादत, संयम और परोपकार का समय है। इस दौरान अधिक से अधिक गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें और सामूहिक इफ्तार के दौरान इस्लामी शिक्षाओं का पालन करें।
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